@ नई दिल्ली
केंद्रीय वाणिज्य एवम् उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवम् सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में कृत्रिम हीरा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।
इस उभरते हुए क्षेत्र के लिए अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, सक्षम कॉमन फैसिलिटी को स्थापित करने और क्षेत्र में काम करने के लिए पर्याप्त श्रमबल के कौशल विकास पर चर्चा हुई।वर्तमान में, भारत कृत्रिम हीरों के वैश्विक उत्पादन में लगभग 15% का योगदान देता है इसमें देश वर्तमान में आत्मनिर्भर है।हालांकि, भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, कृत्रिम हीरों के उत्पादन में अग्रणी स्थिति बनाने और मशीनों के विकास में तकनीकी रुप से आत्मनिर्भरता बनाए रखने की आवश्यकता है।
भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, हांगकांग, यूएई, इज़राइल और बेल्जियम आदि को पॉलिश किए गए कृत्रिम हीरों का निर्यात करता है।भारत के निर्यात में यूएसए की हिस्सेदारी लगभग 67% है, इसके बाद हांगकांग का 14% हिस्सा है।बैठक में बी वी आर सुब्रह्मण्यम, सचिव एवं विपुल बंसल, संयुक्त सचिव उपस्थित थे।
उद्योग का प्रतिनिधित्व जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह, सब्यसाची रे, कार्यकारी निदेशक जीजेईपीसी, समीर जोशी कार्यकारी निदेशक इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट सूरत, प्रमोद अग्रवाल, अध्यक्ष नेशनल जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया और उद्योग के अन्य प्रतिनिधियों ने किया।