आज इंडियन नेशनल कैलेंडर के अनुसार दिनांक राष्ट्रीय सौर 29 फाल्गुन 1944(20 मार्च 2023 सोमवार)

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आज इंडियन नेशनल कैलेंडर के अनुसार दिनांक राष्ट्रीय सौर 29 फाल्गुन 1944.

आज ग्रेगोरियन अंग्रेजी दिनांक 20 मार्च 2023 सोमवार ।

राष्ट्रीय दिनांक का प्रयोग हमें चैक,NEFT, प्रवेश पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, आदि पर अंग्रेजी में चेक लिखना हो तब 29 PHGN 1944.

हिंदी में चेक भरना हो तब राष्ट्रीय सौर 29 फाल्गुन 1944 इस प्रकार लिखना चाहिए।

🚩 आजकल सोशल मीडिया में ना जाने कितने अधिक संदेश देखने में आ रहे हैं जिन का केंद्र बिंदु चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव वर्ष ब विक्रमी संवत ही है जबकि विक्रमी संवत से पहले युगाब्द संवत् 5125 भी है जो सदैव 01 चैत्र (22 मार्च) से ही आरंभ होता है. जबकि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा प्रतिवर्ष कुछ दिन आगे पीछे आती है। विक्रमादित्य जी भी 01 चेत्र (22 मार्च) से ही अपना नव वर्ष मानते थे उनका राज्याभिषेक एक अच्छे मुहूर्त में हुआ था जिसे हम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा कहते हैं इसलिए केवल और केवल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर ही केंद्रित होना भारतीय इतिहास के साथ खिलवाड़ है फिर भी हम उन पूजा पाठ कराने वाले वर्ग का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने 1400 वर्ष की गुलामी के पश्चात भी भारतीय संस्कृति को किसी रूप में जिंदा रखा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हिंदू पंचांग है कर्मकांड की भाषा है उससे 365 दिन 6 घंटे 8 मिनट का वर्ष पूरा नहीं होता इसलिए चंद्र वर्ष के अनुसार करारनामे व्यवहार में नहीं लाए जा सकते।

🚩 मंदिर सूचना पट्ट, कथा, कीर्तन, विवाह शादी, गृह प्रवेश निमंत्रण पत्र आदि पर दिनांक इस प्रकार लिखें 29 फाल्गुन 1944 (5124)

🚩 जो सज्जन प्रतिदिन व्यक्तिगत पूजा करते हैं बह संकल्प इस प्रकार पढ़ सकते हैं तिथि नक्षत्र योग करण आदि संकल्प में कहना कर्मकांड की भाषा है ओम विष्णु विष्णु विष्णु श्रीमद् भगवतो महत् पुरुषस्य विष्णो राजया प्रवर्तमानस्य अद्य ब्रह्मणो द्वितीये परार्धे श्री श्वेत वराह कल्पे सप्तमे वैवस्वत मन्वंतरे अष्टा विंशति तमे कलियुग संबत 5124 फाल्गुन मासे (वैदिक नाम तपस्य मासे) दिनांक 29 सोम वासरे ……. नामक स्थाने ( अपना गोत्र ब नाम ),,,,,, पूजा अहम् करिष्यामी

राष्ट्रीय शक् संवत् (सन्)1944
🚩 विक्रमी संवत् (सन्) 2079
🚩 युगाब्द या कलियुग संवत् 5124
🚩 श्री कृष्ण संवत् (सन्) 5249
🚩 श्री राम संवत्(सन्) 880165
🚩 सृष्टि संवत् 1955885123

🚩 संवत्सर नल 🚩 उत्तरायण
🚩 ऋतु वसन्त
🚩 वेदों के अनुसार इस महीने का नाम तपस्य मास है
🚩 चन्द्र के अनुसार महीना चैत्र पक्ष कृष्ण
🚩 तिथि चतुर्दशी
🚩 वार सोम वार
🚩 नक्षत्र शतभिषा शाम 7: 38 तक तदुपरांत पूर्वाभाद्रपद
🚩 दिनमान 29 घटी 57 पल (एक दिन रात 60 घटी अथवा 24 घंटे का होता है)
🚩सूर्य उदय 6:29 सूर्य अस्त 6:28
🚩 मीन राशि में सूर्य संक्रान्ति से प्रविष्टे 06
🚩 दिशाशूल पूर्व (यदि यात्रा आवश्यक हो तो दर्पण देख कर या दूध पी कर घर से निकले, हमने किसी स्थान पर जाना है और वहां से उसी दिन वापस आना है तो दिशाशूल नहीं होता)
🚩 अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:04 to 12:53
(इस समय किये गये कार्य की रक्षा स्वयं भगवान विष्णु करते हैं)
🚩 राहुकाल 7:56 am से 9:27 am तक ( इस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए ऐसा दक्षिण भारत में मान्यता है)
🚩 यह पंचांग दिल्ली के अक्षांश रेखांश पर आधारित है।
🚩 गंडमूल 22 मार्च शाम 3:31 से 24 मार्च दोपहर 1:21 तक
🚩 पंचक 19 मार्च 11:16 am से 23 मार्च 2:07 pm तक
🚩 मासिक शिवरात्रि, बसंत संपात, रवि उत्तरायणे, देवताओं का दिन आरंभ ब राक्षसों की रात आरंभ, 20 मार्च सोमवार
🚩 अमावस्या, चंद्र संवत(सन्) समाप्त, दिन रात्रि बराबर 21 मार्च मंगलवार
🚩 राष्ट्रीय सौर नव वर्ष आरंभ Indian Happy New year 01 चैत्र (22 मार्च) बुधवार
🚩 चंद्रमा के अनुसार नव वर्ष संवत् आरंभ, कलश स्थापन, चैत्र नवरात्र आरंभ, आर्य समाज स्थापना दिवस, डॉ हेडगेवार जयंती 22 मार्च बुधवार
🚩 सर्वार्थ सिद्धि योग 21 मार्च शाम 5:24 से 22 मार्च प्रातः 6:27 तक (इस मुहूर्त में किए गए सभी कार्य सिद्ध होते हैं)
🚩 सर्वार्थसिद्धि योग 21 मार्च शाम 5:24 से 22 मार्च प्रातः 6:27 तक
🚩 अमृत सिद्धि योग 27 मार्च शाम 3:26 से 28 मार्च प्रातः 6:20 तक
🚩 गुरु पुष्य योग 30 मार्च रात्रि 10:58 मिनट से 31 मार्च प्रातः 6:16 तक
🚩 द्विपुष्कर योग 28 मार्च प्रातः 6:20 से शाम 5:31 तक(इस समय में किया गया कार्य दोगुना होता है)
🚩 त्रिपुष्कर योग 17 अप्रैल 4:06 am से 5:57am तक
🚩 ज्वालामुखी योग 01 अप्रैल 1:56 am से 2 अप्रैल 1:58 am तक (इस योग में कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए)

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