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@ गुवाहाटी असम
असम विधानसभा ने राज्य में दान की गयी जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए शुक्रवार को असम भूमि एवं राजस्व विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित कर असम ग्रामदान अधिनियम, 1961 एवं असम भूदान अधिनियम 1965 को निरस्त कर दिया।राज्य की भाजपा नीत सरकार ने सदन में विपक्षी नेताओं के भारी विरोध के बीच इन दोनों ऐतिहासिक कानूनों को निरस्त कर दिया।
हालांकि, असम भूमि एवं राजस्व विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2022 में कहा गया है कि निरस्त किये गये कानूनों के तहत किये गये सभी फैसले एवं जारी किये गये आदेश प्रभाव में बने रहेंगे और उनपर ‘‘किसी अदालत में प्रश्न नहीं खड़ा किया जा सकता है।असम ग्रामदान कानून एवं असम भूदान कानून के जरिए गांधीवादी नेता विनोबा भाव के प्रसिद्ध भूदान आंदोलन के तहत भूस्वामियों द्वारा किये गये जमीन के दान पर मुहर लगायी गयी थी।