@ लख़नऊ उत्तरप्रदेश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने 22 दिसंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में डायग्नोस्टिक (नैदानिकी) उद्योग के हितधारकों के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य Ayushman Bharat Digital Mission की भूमिका और रोगियों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्डों के महत्व को रेखांकित करना था। इन रिकॉर्डों में विशेष रूप से डायग्नोस्टिक रिपोर्टें शामिल हैं, जिनकी रेफरल के मामले में या एक अन्य स्वास्थ्य केंद्र में जाने पर बार-बार जरूरत होती है।
इस कार्यशाला में पैथोलॉजिस्ट व माइक्रोबायोलॉजिस्ट, डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला मालिकों, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट के प्रतिनिधियों और लैब ओनर्स एसोसिएशन के जिला व राज्य स्तरीय पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इस कार्यशाला में डायग्नोस्टिक उद्योग के इन प्रतिनिधियों के अलावा एनएचए के अधिकारियों, राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और एलएमआईएस (प्रयोगशाला प्रबंधन जानकारी समाधान) व पीएचआर (व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड) समाधानों को प्रस्तुत करने वाले Ayushman Bharat Digital Mission भागीदारों ने भी हिस्सा लिया।
इन प्रतिभागियों को Ayushman Bharat Digital Mission के तहत हितधारकों के लिए हाल ही में शुरू की गई डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना के बारे में भी जानकारी दी गई। डीएचआईएस के तहत योग्य प्रयोगशालाएं और एलएमआईएस समाधान प्रदाता रोगियों को उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण करने में सहायता करके 4 करोड़ रुपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन प्राप्त कर सकते हैं।
इस कार्यशाला का आयोजन बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और प्राइस वाट रहा उस कूपर्स एलएलपी इंडिया के सहयोग से किया गया था। विभिन्न क्षेत्रों में हितधारकों तक पहुंचने और Ayushman Bharat Digital Mission के लाभ व विशेषताओं के बारे में उन्हें जागरूक करने को लेकर इस तरह की और कार्यशाला और वेबिनारों का आयोजन किया जाएगा।