बाबा श्री पशुपतिनाथ जी मन्दिर, पशुपतिनाथ विहार कॉलोनी, बरेली, उत्तरप्रदेश भाग:३७३
आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा भारत के धार्मिकस्थल : श्री शिव दुर्गा मन्दिर, पंजाबी बाग़ एक्सटेन्शन, पश्चिम विहार, नई दिल्ली। यदि आपसे उक्त लेख छूट गया या रह गया हो तो आप कृपया करके प्रजा टूडे की वेब साईट पर जाकर www.prajatoday.com धर्मसाहित्य पृष्ठ पढ़ सकते हैं! आज हम प्रजाटूडे समाचारपत्र के अति-विशिष्ट पाठकों के लिए लाए हैं:
बाबा श्री पशुपतिनाथ मन्दिर, पशुपतिनाथ विहार कॉलोनी, बरेली, उत्तरप्रदेश भाग:३७३
नेपाल की तरह ही नाथनगरी बरेली में बना है बाबा श्री पशुपतिनाथ जी का भव्य मन्दिर। बरेली के पशुपतिनाथ विहार कॉलोनी में बना पशुपतिनाथ मन्दिर बिल्कुल नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मन्दिर की तरह ही बनाया गया है। इस मन्दिर को श्रीजगमोहनेश्वर नाथजी के नाम से भी जाना जाता है। मन्दिर का निर्माण २००२ में शिव भक्त जगमोहन जी ने करवाया था, जहाँ भगवान भोले नाथ के दर्शन के साथ-साथ मन्दिर की मनभावक सुंदरता को देखने और अपनी झोलियाँ भरने भक्त गण आते हैं। यूँ तो भारत में अनेकों मन्दिर हैं, लेकिन उनमें से कई ऐसे मन्दिर हैं, जिनकी अपनी अलग पहचान और अलग छटा है। ऐसा ही एक मन्दिर बरेली में पशुपतिनाथ का है। वैसे तो पशुपतिनाथ मन्दिर का जिक्र होते ही ज़हन में नेपाल के काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ के भव्य मन्दिर का ख्याल आता है, लेकिन उत्तरप्रदेश की बरेली के नाथ नगरी में पशुपतिनाथ की तरह हूबहू बना है यह मन्दिर।जो हर किसी शिव भक्त को आकर्षित करता है। यही वजह है कि यहाँ भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन के साथ-साथ इस खूबसूरत मन्दिर को देखने दूरदराज़ से खिंचे चले आते हैं।
१०८ शिवलिंग स्थापित किये गए हैं इस मनभावन शिवजी के प्रतिश्ठित मन्दिर में, जहाँ एक तरफ पँचमुखी भगवान शिव के रूप में भगवान पशुपतिनाथ विराजमान हैं तो वहीँ मन्दिर में १०८ शिवलिंग स्थापित हैं।
पीलीभीत रोड के पास में भव्य स्वरूप लिए भगवान बाबा श्री पशुपतिनाथ जी का मन्दिर भक्तों से भरा रहता है। इस मन्दिर की विशेषता की बात करें तो इस मन्दिर का निर्माण सन २००२ में शिवभक्त जगमोहन जी ने करवाया था। भगवान शिव में गहरी आस्था रखने वाले भक्त श्री जगमोहन जी कहते हैं कि वो भगवान शिवशँकर के उपासक हैं और शिवरात्रि पर नेपाल के काठमण्डू में स्थित भगवान पशुपतिनाथ मन्दिर एक सँत के साथ जाया करते थे। नेपाल के राजा के बाद दूसरे नम्बर पर जलाभिषेक व पूजा-अर्चना वो करते थे। मन्दिर की विशेषता के बारे में जगमोहन जी कहते हैं कि उन्होंने स्व-प्रेरणा से मन्दिर के निर्माण के बारे में विचार किया और जब पशुपतिनाथ मन्दिर की नींव रखी गई तो यह ध्यान रखा गया कि यहाँ का वातावरण ऐसा रहे जो हर किसी भी शिव भक्त को पसन्द आये। मन्दिर के द्वार पर शिवजी की प्रतिष्ठित सवारी नन्दी जी विराजमान हैं तो वहीँ भैरो बाबा स्वयँ द्वारपाल के रूप में प्राण प्रतिष्ठित हो स्थापित हैं।
भक्तों की मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने आने वाले हर श्रद्धालुओं के मन की मुरादें भगवान पशुपतिनाथ पूर्ण करते हैं। मन्दिर की विशेष बात यह है कि देश के तमाम प्रसिद्ध जलाशयों से जल लाकर यहाँ बनाए गए जलाशयों में मिलाया गया है। प्रदेश में पँचमुखी शिवलिंग के साथ भगवान पशुपतिनाथ का ये अकेला धर्मस्थल है, जो हूबहू नेपाल के काठमण्डू की तरह ही तैयार किया गया है।
बाबा श्री पशुपतिनाथ जी मन्दिर में सेवा देने वाले पण्डित मुकेश आचार्य ने बताया कि विशेष तौर से श्रावण मास में यहाँ भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है, लेकिन कोरोना काल में यहाँ कम ही भक्त आ रहे हैं। हालांकि इस दौरान मन्दिर आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना काल की गाइडलाईन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। इस मन्दिर में ऐसे भक्तों की भी काफी संख्या होती है, जो कि भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए नेपाल नहीं जा पाते।
श्री पाशुपतास्त्र स्तोत्र :
ॐ नमो भगवते महापाशुपतायातुलबलवीर्यपराक्रमाय त्रिपन्चनयनाय नानारुपाय नानाप्रहरणोद्यताय
सर्वांगडरक्ताय भिन्नांजनचयप्रख्याय श्मशान वेतालप्रियाय सर्वविघ्ननिकृन्तन रताय सर्वसिध्दिप्रदाय
भक्तानुकम्पिने असंख्यवक्त्रभुजपादाय तस्मिन् सिध्दाय वेतालवित्रासिने शाकिनीक्षोभ जनकाय
व्याधिनिग्रहकारिणे पापभन्जनाय सूर्यसोमाग्नित्राय विष्णु कवचाय खडगवज्रहस्ताय यमदण्डवरुणपाशाय
रूद्रशूलाय ज्वलज्जिह्राय सर्वरोगविद्रावणाय ग्रहनिग्रहकारिणे दुष्टनागक्षय कारिणे ।
ॐ कृष्णपिंग्डलाय फट । हूंकारास्त्राय फट । वज्र हस्ताय फट ।
शक्तये फट । दण्डाय फट । यमाय फट ।
खडगाय फट । नैऋताय फट । वरुणाय फट ।
वज्राय फट । पाशाय फट । ध्वजाय फट ।
अंकुशाय फट । गदायै फट । कुबेराय फट ।
त्रिशूलाय फट । मुदगराय फट । चक्राय फट ।
पद्माय फट । नागास्त्राय फट । ईशानाय फट ।
खेटकास्त्राय फट । मुण्डाय फट । मुण्डास्त्राय फट ।
काड्कालास्त्राय फट । पिच्छिकास्त्राय फट । क्षुरिकास्त्राय फट ।
ब्रह्मास्त्राय फट । शक्त्यस्त्राय फट । गणास्त्राय फट ।
सिध्दास्त्राय फट । पिलिपिच्छास्त्राय फट । गंधर्वास्त्राय फट ।
पूर्वास्त्रायै फट । दक्षिणास्त्राय फट । वामास्त्राय फट ।
पश्चिमास्त्राय फट । मंत्रास्त्राय फट । शाकिन्यास्त्राय फट ।
योगिन्यस्त्राय फट । दण्डास्त्राय फट । महादण्डास्त्राय फट ।
नमोअस्त्राय फट । शिवास्त्राय फट । ईशानास्त्राय फट ।
पुरुषास्त्राय फट । अघोरास्त्राय फट । सद्योजातास्त्राय फट ।
हृदयास्त्राय फट । महास्त्राय फट । गरुडास्त्राय फट ।
राक्षसास्त्राय फट । दानवास्त्राय फट । क्षौ नरसिन्हास्त्राय फट ।
त्वष्ट्रास्त्राय फट । सर्वास्त्राय फट ।
नः फट । वः फट । पः फट । फः फट ।
मः फट । श्रीः फट । पेः फट । भूः फट ।
भुवः फट । स्वः फट । महः फट । जनः फट ।
तपः फट । सत्यं फट । सर्वलोक फट । सर्वपाताल फट ।
सर्वतत्व फट । सर्वप्राण फट । सर्वनाड़ी फट । सर्वकारण फट ।
सर्वदेव फट । ह्रीं फट । श्रीं फट । डूं फट । स्त्रुं फट । स्वां फट ।
लां फट । वैराग्याय फट । मायास्त्राय फट । कामास्त्राय फट ।
क्षेत्रपालास्त्राय फट । हुंकरास्त्राय फट । भास्करास्त्राय फट ।
चंद्रास्त्राय फट । विघ्नेश्वरास्त्राय फट । गौः गां फट । स्त्रों स्त्रौं फट ।
हौं हों फट । भ्रामय भ्रामय फट । संतापय संतापय फट । छादय छादय फट ।
उन्मूलय उन्मूलय फट । त्रासय त्रासय फट । संजीवय संजीवय फट ।
विद्रावय विद्रावय फट । सर्वदुरितं नाशय नाशय फट !!
!! पशुपतिनाथ स्त्रोत् सम्पूर्णं इति !!
पता :
बाबा श्री पशुपतिनाथ जी मन्दिर, पशुपतिनाथ विहार कॉलोनी, बरेली, उत्तरप्रदेश। पिनकोड : 243005 भारत।
हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें :
हवाई मार्ग से नाथ नगरी एयरपोर्ट, बरेली, नाथ नगरी हवाई अड्डा बरेली से बाबा श्री पशुपतिनाथ जी मन्दिर बरेली कैंट कैब द्वारा ८ किलोमीटर की दूरी से १८ मिन्टस में आसानी से पहुँच जाओगे बाबा श्री पशुपतिनाथ जी मन्दिर!
लोहपथगामिनी मार्ग से कैसे पहुँचें :
आस-पास के स्टेशन BRYC/बरेली छावनी। जंक्शन (चनेहटी) १ किमी बीआरवाई/बरेली जंक्शन एनईआर ४ किमी बीई/बरेली जंक्शन ४ किमी ईसा पूर्व/बरेली शहर ६ किमी एसएमजी/शाहमतगंज ६ किमी आरजीबी/रामगंगा ब्रिज एनआर ७ किमी आरवाईएस/रसुइया ७ किमी आरजीबीडी/रामगंगा ब्रिज एनईआर ७ किमी आईजेडएन /इज्जतनगर ८ किमी सीबीजे/क्लटरबकगंज ११ किमी है!
बरेली जँक्शन से ७.२ किलोमीटर की दूरी पर १८ मिन्टस की दूरी पर वाया पीलीभीत बायपास से आने पर स्थित है बाबा श्री पशुपतिनाथ जी मन्दिर।
सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें :
दिल्ली के ISBT से आप अपनी कार बाइक या बस से आते हैं तो ग़ाज़ियाबाद-मुरादाबाद होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग AH-२ द्वारा आप २८८.९ किलोमीटर की यात्रा करके ४ घण्टे ३३ मिन्ट्स में पहुँच सकते हैं। बरेली उत्तरप्रदेश के बाबा श्री पशुपतिनाथ जी मन्दिर।
बाबा श्री पशुपतिनाथ जी की जय हो। जयघोष हो।।