@ रायपुर छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कदम-कदम पर स्थापित अनेकों शक्तिपीठों और मंदिरों कों आस्था का केंद्र के साथ सांस्कृतिक गौरव बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के सातों जिलों के गांव-गांव में ऐसे अत्यंत प्राचीन मंदिर, प्राचीन प्रतिमाएं और प्राचीन परंपराएं बिखरी पड़ी है। इन प्राचीन वैभव को हमारे सिरहा, गुनिया, बैगा लोगों ने सहेज कर रखा है। वे सही मायने में हमारे सांस्कृतिक दूत हैं।
उन्हीं के माध्यम से पुरखों का ज्ञान पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ रहा है। बस्तर की संस्कृति को सहेजना और संवारना है तो हमें सिरहा-गुनिया-बैगा-मांझी के ज्ञान को सहेजना होगा। गांव में देवस्थलों से जुड़े आठ पहरिया और बाजा मोहरिया की पंरपराओं का संरक्षण करना जरूरी है। मुख्यमंत्री बघेल आज बस्तर विकासखण्ड मुख्यालय के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित सिरहा गुनिया सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बस्तर संभाग के कुछ जिलों की तहसीलों का क्षेत्र व्यापक होने के कारण दूरस्थ क्षेत्र के निवासियों को जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने तथा राजस्व प्रकरणों के निराकरण के मामले में असुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बस्तर जिले की बकावंड तहसील को राजस्व अनुविभाग, सुकमा जिले की छिन्दगढ़ तहसील को राजस्व अनुविभाग और बीजापुर जिले की आवापल्ली तहसील को राजस्व अनुविभाग तथा करपावंड को तहसील बनाने की घोषणा की।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, विक्रम मंडावी, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, ऊर्जा विकास बोर्ड के अध्यक्ष मिथलेश स्वर्णकार, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में सिरहा-गुनिया व ग्रामीण उपस्थित थे।
इंद्रावती नदी को साफ-सुथरी बनाए रखने के लिए जगदलपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण प्रारंभ किया जा चुका है। इसी तर्ज पर इस बजट में दंतेवाड़ा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना भी की जा रही। आदिवासी बाहुल्य बस्तर अंचल में हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सुकमा जिले के सुदूरवर्ती जगरगुण्डा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
दुर्दांत नक्सलियों की क्रूर घटनाओं से यह अंचल दशकों से प्रभावित रहा है। बस्तर में शांति की स्थापना और विकास के लिए उतावले युवाओं की कमी नहीं है। बस्तर के ऐसे युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए संभाग में डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही सहायक आरक्षकों को पदोन्नति तथा वेतन भत्तों का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनांचल में बहुतायत में पाए जाने वाले तेंदूपत्ता यहां के ग्रामीणों की आजीविका का एक प्रमुख साधन है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को अधिक लाभ प्रदान करने के लिए प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता की दर को ढाई हजार रुपए से बढ़ाकर चार हजार रुपए किया गया है। समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 65 किया गया है
उनका वैल्यू एडीशन करने, प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए साथ-साथ सरकार बस्तर के आदिवासियों और वनवासियों की आय में बढ़ोतरी के लिए चौतरफा प्रयास कर रही है। यहां के लोगों की आय में बढ़ोतरी करने और उन्हें रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने के लिए चिराग परियोजना का संचालन किया जा रहा है।राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम का लाभ पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ बस्तर के लोगों को भी निरंतर मिल रहा है। गौठानों में तरह-तरह की आजीविका मूलक की गतिविधियों से लाखों माताओं-बहनों को रोजगार मिल रहा है।