डुल्या मारुति हनुमानजी मन्दिर पुणे, महाराष्ट्र भाग:३१३,पँ० ज्ञानेश्वर हँस “देव” की क़लम से

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भारत के धार्मिक स्थल : डुल्या मारुति हनुमानजी मन्दिर पुणे, महाराष्ट्र भाग:३१३

आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा भारत के धार्मिक स्थल : श्री खण्ड मन्दिर, ज़िला-कुल्लू, हिमाचल प्रदेश! यदि आपसे उक्त लेख छूट गया या रह गया हो तो आप कृपया करके प्रजा टूडे की वेब साईट पर जाकर www.prajatoday.com धर्मसाहित्य पृष्ठ पढ़ सकते हैं! आज हम प्रजाटूडे समाचारपत्र के अति-विशिष्ट पाठकों के लिए लाए हैं:

भारत के धार्मिक स्थल : डुल्या मारुति हनुमानजी मन्दिर, पुणे, महाराष्ट्र भाग:३१३

पाठकों को शारदीय नवरात्रि पर्व पर ब्रह्नचारिणी माँ के दिन की हार्दिक बधाइयाँ, देवी माँ आपके मनोरथ पूरे करे!भारत में श्री हनुमान जी के सबसे पुराने मन्दिरों में अति प्राचीन पावन पुनीत डुल्या मारुति का मनोकामना सिद्ध करने में से एक, पेशवा कालीन ऐतिहासिक मन्दिर।पेशवा कालीन यह ऐतिहासिक मन्दिर सन् १६०० के आस-पास से (पुणे) पूना शहर के गणेश पेठ में स्थित है, जिसे डुल्या मारुति मन्दिर के नाम से प्रसिद्धी प्राप्त है।

मन्दिर की विशेषता है कि सँपूर्ण मन्दिर पत्थर का बना हुआ है। तथा हनुमान जी का मूल विग्रह एक काले पत्थर से निर्मित है। यह मूर्ति पश्चिम मुखी पाँच फुट ऊँची तथा तीन फुट चौड़ी है। हनुमानजी की इस मूर्ति के पास ही नवग्रह स्थापित हैं।

ऐसी मान्यता है कि, इस मूर्ति की स्थापना शिवाजी महाराज के गुरु श्रीसमर्थ रामदास स्वामी ने की थी। सभा मण्डप में द्वार के ठीक सामने छत से टँगा एक पीतल का घण्टा है, इसके ऊपर शक सँवत् १७०० अँकित है, जो मन्दिर के पौराणिक होने की प्रगाढ़ – पुष्टि करता है।

पुणे का शहरीकरण होने के कारण, आज यह मन्दिर लक्ष्मी रोड और जगताप रोड को मिलाने वाले चौराहे पर स्थित है। मन्दिर से २० कदम की ही दूरी पर श्री सिद्धिविनायक मन्दिर स्थित है।

संस्थापक :

समर्थ रामदास जी स्थापना : सन् १७००

देख-रेख संस्था :

डुल्या मारुति मन्दिर देवस्थान, पुणे समर्पित है।

श्री हनुमान जी की फोटोग्राफी वर्जित :

मन्दिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मन्दिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।

देशी विदेशी धर्मावलम्बियों के लिए प्रवेश

नि:शुल्क प्रवेश।

हनुमानजी का शाबर सिद्ध मन्त्र :

करेंगे हनुमान जी के इन शाबर मन्त्रों का जाप तो नहीं होगा कभी बाल भी बांका! आप में से बहुत से लोगों ने बीज मंन्त्रों के बारे में सुना होगा, मगर शाबर मंन्त्रों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। धार्मिक तथा ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो वैदिक, पौराणिक, एवं तांत्रिक मंन्त्रों के समान शाबर मंन्त्र भी अनादि और अचूक होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रवर्तक मूल रूप से भगवान शँकर ही हैं, परंतु शाबर मंन्त्रों के प्रवर्तक शिवशँकर प्रत्यक्षतया नहीं माने जाते हैं। शाबर मंन्त्रों के प्रवर्तक शिव भक्त गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मत्स्येंद्र नाथ को माना जाता है। तो आइए जानते हैं हनुमान जी के ऐसे शाबर मंन्त्रों के बारे में जिन्हें सिद्ध करने पर कोई व्यक्ति मंन्त्र जप करने वाले जातक का बाल भी बांका नहीं कर पाता।

मारुति का पहला साबर मंन्त्र :

ॐ गुरुजी को आदेश गुरजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीर बाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरख नाथ मीन का पुत्, मुंज का छड़ा, लोहे का कड़ा, हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।।

ध्यान रहे उपरोक्त मंत्र को ७ बार पढ़ कर चाकू से अपने चारों तरफ रक्षा रेखा खींच लें। गोलाकार, स्वयं हनुमानजी साधक की रक्षा करते हैं। शर्त यह है कि मन्त्र को सिद्ध करने के बाद विधि विधान से पढ़ा गया हो।

मारुति का दूसरा साबर मन्त्र :

बिस्तर के आस-पास।
हवेली के आस-पास।
छप्पन सौ यादव।
लंका-सी कोट,
समुद्र-सी खाई।
राजा रामचंद्र की दुहाई।
साबर अढाईआ मंत्र :
॥ ॐ नमो आदेश गुरु को, सोने का कड़ा, तांबे का कड़ा हनुमान वन्गारेय सजे मोंढे आन खड़ा ॥
ॐ नमो बजर का कोठा,
जिस पर पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला,
हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।
श्री हनुमान मंत्र (जंजीरा)
ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का ज़बान,
हाथ में लड्‍डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ, नौ खंड का भू‍त, जाग जाग हड़मान (हनुमान)
हुंकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा, डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुंवर हड़मान (हनुमान) करें।

डुल्या मारुति मन्दिर का पता:

स्थान: 260, लक्ष्मी मार्ग, राजे वाड़ी, गणेश-पैठ, पुणे, महाराष्ट्र!

हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें :

डुल्या मारुति मन्दिर तक पहुंचने के लिए उड़ान द्वारा: पुणे का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है। डुल्या मारुति मन्दिर पहुंचने के लिए निजी कैब लेनी होगी। वहाँ से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
एयरपोर्ट रोड़ से आप कैब द्वारा २१ मिनट्स में पहुँच जाओगे डुल्या मारुति मन्दिर!

लोहपथगामिनी मार्ग से कैसे पहुँचें :

ट्रेन से डुल्या मारुति की यात्रा करने के लिए आपको पुणे जाना पड़ेगा। पुणे जंकशन से आप उतरकर बस पकड़ कर या कैब द्वारा भी पहुंच सकते हैं। एनीबसन्त मार्ग अथवा फाइनेंस रोड़ से आप २.९ किलोमीटर की दूरी तय करके २७ मिन्ट्स में पहुँच जाओगे डुल्या मारुति मन्दिर!

सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें :

अगर आप अपनी बाइक या कार से डुल्या मारुति मन्दिर की यात्रा करना चाहते हैं, तो आपको अपनी बाइक या कार से पुणे आना होगा! दिल्ली के ISBT से बस द्वारा आप NH : आगरा नेशनल हाइवे से १,४७१.२ किलोमीटर की यात्रा करके २७ घण्टे में पहुँच जाएँगे डुल्या मारुति मन्दिर!

डुल्या मारुति की जय हो! जयघोष हो!!

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