@ जयपुर राजस्थान
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं नए जीवन का प्रवेश द्वार है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ मौलिक शोध संस्कृति से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने जनजातीय विश्वविद्यालय को शोध परियोजनाओं के तहत आदिवासी अंचलों की परंपराओं और संस्कृति के सहेजे जाने पर भी जोर दिया।
राज्यपाल बांसवाड़ा में गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीक्षान्त समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की संख्या अधिक होने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह बालिका शिक्षा के क्षेत्र में एक सुखद एवं सराहनीय पहल है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह में 30 तीस टॉपर को गोल्ड मैडल व 11 शोधार्थियों को पीएच.डी की उपाधि प्रदान की ।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति के आलोक में ऐसे पाठ्यक्रम बनाए जाने की भी आवश्यकता जताई जिनसे आदिवासी क्षेत्रों की प्रकृति संरक्षण परंपराओं को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने शोध की ऐसी परियोजनाओं पर कार्य करने की भी जरूरत बताई जिससे लोक संस्कृति, परंपराओं को आधुनिक दृष्टि मिल सके। उन्होंने रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों के निर्माण, कौशल विकास और विद्यार्थी केंद्रित ऐसी गतिविधियां चलाए जाने का आह्वान किया जिससे विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास हो सके।
समारोह में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा कि गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के खुलने से जनजाति क्षेत्र में शिक्षा स्तर में क्रान्ति आई है। उन्होंने युवाओं से कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में चहुमुखी विकास कर रही है और उच्च शिक्षा को लेकर अनेको योजनाओं को शुरु किया है जिनका समय पर लाभ ले और अपनी शिक्षा को गति प्रदान करे।
समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति आई वी त्रिवेद्धी ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र को स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
Great online game https://fruitparty-slotgame.com/ where you can make money, buy yourself a new phone or a car, close the mortgage on your apartment and only one month, quick to register and win.