इश्किया श्री गणेश जी मन्दिर, जोधपुर, राजस्थान भाग : ४६३
आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा, भारत के धार्मिक स्थल : *रणजीत हनुमान मन्दिर, इन्दौर, मध्यप्रदेश। यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप कृप्या करके प्रजाटूडे की वेबसाइट पर जाकर www.prajatoday.com पर जाकर धर्मसाहित्य पृष्ठ पर जा कर पढ़ सकते हैं:
इश्किया श्री गणेश जी मन्दिर, जोधपुर, राजस्थान भाग : ४६३
राजस्थान के जोधपुर में हैं प्रेमियों की मुराद पूरी करने वाले इश्किया श्री गणेश जी, ऐसा मन्दिर भी जहां बाल गणेश जी कर रहे हैं नृत्य।
राजस्थान के ऐसे गणेश मन्दिर के दर्शन करवा रहे हैं, जिनकी अलग ही पहचान है। इनमें से एक है जोधपुर का इश्किया गणेश मन्दिर। इस मन्दिर की मान्यता है कि जो भी प्रेमी जोड़ा यहां दर्शन के लिए आता है, वह विवाह बंधन में बंध जाता है। इसी तरह जयपुर के गढ़ गणेश मन्दिर में भगवान गणेश की बिना सूंड वाली प्रतिमा विराजमान है। सूंड नहीं होने की वजह से यहां पर गणेश की इंसानी रूप में पूजा अर्चना की जाती है।
इश्किया श्री गणेश जी मन्दिर, जोधपुर :
जोधपुर का यह इश्किया गणेश मंदिर करीब 100 साल पुराना है। शहर की संकरी गलियों में स्थित यह मंदिर देखने में भले ही छोटा हो, लेकिन इसकी मान्यता बड़ी है। माना जाता है कि यहां पर कोई भी प्रेमी जोड़ा दर्शन के लिए लगातार आता है, तो वह विवाह बंधन में बंध जाता है। उनके विवाह में कोई अड़चन नहीं आती है। पुराने जमाने में जब प्यार और इश्क का नाम दबी जुबान में लिया जाता था। तब भी प्रेमी-प्रेमिका लोगों से नजरें बचाकर इस मंदिर में पहुंच ही जाते थे। वर्षों पहले यह मंदिर प्रेमी जोड़ों के लिए मिलने का स्थान बन गया था। तभी से इसका नाम गुरु गणपति से इश्किया गणेश के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इश्किया गणेश आज भी प्रेमियों के आराध्य देव बने हुए हैं। खास बात है कि प्रेमी जोड़े शादी के बाद भी यहां गणेश जी का धन्यवाद करने पहुंचते हैं।
पौराणिक कहानियां श्री बाल गणेश और घमंडी चंद्रमा की कहानी :
हर किसी को मालूम है कि गणेश जी को मोदक और मिठाई कितनी पसंद है। शायद इसलिए भी वो किसी के भी निमंत्रण को स्वीकार कर लेते हैं और पेट के साथ ही मन भर कर मिठाई खाते हैं।
एक बार की बात है धनपती कुबेर ने भगवान शिव और माता पार्वती को भोज पर बुलाया, लेकिन भगवान शिव ने कहा कि मैं कैलाश छोड़कर कहीं नहीं जाता हूं और पार्वती जी ने कहा कि मैं अपने स्वामी को छोड़कर कहीं नहीं जा सकती, तब उन्होंने कहा कि आप हमारे स्थान पर गणेश को ले जाओ, वैसे भी उन्हें मिठाई और भोज बहुत पसंद आते हैं।
तब कुबेर गणेश जी को अपने साथ भोज पर ले गए। वहां उन्होंने मन भर कर मिठाई और मोदक खाए। वापस आते समय कुबेर ने उन्हें मिठाई का थाल देकर विदा किया। लौटने समय चन्द्रमा की चांदनी में गणेश जी अपने चूहे पर बैठकर आ रहे थे, लेकिन ज्यादा खा लेने के कारण बड़ी ही मुश्किल से अपने आप को संभाल पा रहे थे।
उसी समय अचानक चूहे का पैर किसी पत्थर से लगकर डगमगाने लगा। इससे गणेशी जी चूहे के ऊपर से गिर गए और पेट ज्यादा भरा होने के कारण अपने आप को संभाल नहीं सके और मिठाइयां भी यहां-वहां गिर गईं।
यह सब चन्द्र देव ऊपर से देख रहे थे। उन्होंने जैसे ही गणेश जी को गिरता देखा, तो अपनी हंसी रोक नहीं पाए और उनका मजाक उड़ाते हुए बोले कि जब खुद को संभाल नहीं सकते, तो इतना खाते क्यों हो।
चन्द्रमा की बात सुनकर गणेश जी को गुस्सा आ गया। उन्होंने सोचा कि घमंड में चूर होकर चन्द्रमा मुझे उठाने के लिए किसी प्रकार की सहायता नहीं कर रहा है और ऊपर से मेरा मजाक उड़ा रहा है। इसलिए, गणेश जी ने चन्द्रमा को श्राप दिया कि जो भी गणेश चतुर्थी के दिन तुमको देखेगा वह लोगाें के सामने चोर कहलाएगा।
श्राप की बात सुनकर चन्द्रमा घबरा गए और सोचने लगे कि फिर तो मुझे कोई भी नहीं देखेगा। उन्होंने शीघ्र ही गणेश जी से माफी मांगी। कुछ देर बात जब गणेश जी का गुस्सा शांत हुआ, तब उन्होंने कहा कि मैं श्राप तो वापस नहीं ले सकता, लेकिन तुमको एक वरदान देता हूं कि अगर वहीं व्यक्ति अगली गणेश चतुर्थी को तुमको देखेगा, तो उसके ऊपर से चाेर होने का श्राप उतर जाएगा। तब जाकर चन्द्रमा की जान में जान आई।
इसके अलावा एक और कहानी सुनने में आती है कि गणेश जी ने चन्द्रमा को उनका मजाक उड़ाने पर श्राप दिया था कि वह आज के बाद किसी को दिखाई नहीं देंगे। चन्द्रमा के मांफी मांगने पर उन्होंने कहा कि मैं श्राप वापस तो नहीं ले सकता, लेकिन एक वरदान देता हूं कि तुम माह में एक दिन किसी को भी दिखाई नहीं दोगे और माह में एक दिन पूर्ण रूप से आसमान पर दिखाई दोगे। बस तभी से चन्द्रमा पूर्णिमा के दिन पूरे दिखाई देते हैं और अमावस के दिन नजर नहीं आते।
पता:
इश्किया श्री गणेश जी मन्दिर, 4, फतेह पॉल रोड़, कोलरी मोहल्ला-सोडागरण मोहल्ला, जोधपुर, राजस्थान। पिनकोड :342001 भारत।
वायु मार्ग द्वारा कैसे पहुँचे:
जोधपुर के हवाई अड्डे से मन्दिर, की दूरी ६.९ किलोमीटर है। आप कैब द्वारा ०घण्टे १८ मिनट्स में पहुंच सकते हो जोधपुर,राजस्थान के श्री गणेश जी मन्दिर।
रेल मार्ग द्वारा कैसे पहुंचें:
श्री गणेश मन्दिर पहुंचने के लिए जोधपुर जंक्शन से २.१ किलोमीटर की दूरी पार करके ९ मिनट्स में फतेह सिंह मार्ग से पहुंच जायेंगे जोधपुर,राजस्थान के श्री गणेश जी मन्दिर मन्दिर।
सड़क मार्ग द्वारा कैसे पहुंचें:
आप ISBT से मन्दिर जाने के लिए बस अथवा अपनी कार से NH 4 होते हुए ६५७.६ किलोमीटर की यात्रा करके ११ घण्टे ०१ मिनट्स में पहुंच जायेंगे।जोधपुर,राजस्थान के श्री गणेश जी मन्दिर मन्दिर।
श्री गणेश जी की जय हो। जयघोष हो।।
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