जी-20 ऊर्जा रूपांतरण कार्य समूह की बैठक 5 से 7 फरवरी, 2023 तक बेंगलुरु में

Share News

@ बेंगलुरु कर्नाटक 

भारत की अध्यक्षता में पहली जी-20 ऊर्जा रूपांतरण कार्य समूह की बैठक 5 से 7 फरवरी, 2023 तक बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी।इस बैठक में जी-20 सदस्य देशों सहित 150 से अधिक प्रतिभागी होंगे। इसके साथ इसमें नौ विशेष आमंत्रित अतिथि देश- बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और स्पेन भी शामिल होंगे।

इसके अलावा इस बैठक में अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं और ज्ञान भागीदार भी इसके हिस्से होंगे। इन संस्थाओं में विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक,संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम,अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी(आईईए),स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम),संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी),अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन(आईएसए),संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय विकास संगठन (यूएनआईडीओ), एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी), आरडी20 शामिल हैं। साथ ही, इस बैठक में संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।

इस बैठक के लिए कर्नाटक समर्थन और समन्वय प्रदान कर रहा है। पहली ईटीडब्ल्यूजी बैठक छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केंद्रित होगी। इनमें शामिल हैं: (i) प्रौद्योगिकी की कमियों को दूर करते हुए ऊर्जा रूपांतरण, (ii) ऊर्जा रूपांतरण के लिए कम लागत वित्तीय पोषण, (iii) ऊर्जा सुरक्षा और विविध आपूर्ति श्रृंखलाएं, (iv) ऊर्जा दक्षता, औद्योगिक निम्न कार्बन रूपांतरण और जिम्मेदारी पूर्ण खपत, (v) भविष्य के लिए ईंधन (3एफ) और (vi) स्वच्छ ऊर्जा तक सार्वभौमिक पहुंच व न्यायोचित, सस्ती और समावेशी ऊर्जा रूपांतरण के साधन।

इसके अलावा ईटीडब्ल्यूजी बैठक के साथ ‘कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन और स्टोरेज पर एक उच्च-स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी भी आयोजित की जाएगी। यह संगोष्ठी नेट-जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले कार्बन कैप्चर, उपयोगिता और भंडारण के महत्व को सामने लाने पर केंद्रित होगी। यह आयोजन स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण के चुनौतीपूर्ण पक्षों व मूल्य श्रृंखला के विभिन्न तकनीकी पहलुओं की जांच करते हुए भंडारण और उपयोग से संबंधित मुद्दों से निपटने में सीसीयूएस की भूमिका पर विचार-विमर्श करेगा। यह आयोजन सफल पहलों से ज्ञान साझा करने में सक्षम होगा, जिसे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में दोहराया जा सकता है।

पहली ईटीडब्ल्यूजी बैठक के एक हिस्से के तहत प्रतिनिधिगण इंफोसिस ग्रीन बिल्डिंग परिसर और पवागड़ा सोलर पार्क का भी दौरा करेंगे। इस दौरान वे नवीकरणीय क्षेत्र में भारत की प्राथमिकता और जलवायु परिवर्तन को कम करने के प्रयासों को देखेंगे। इन प्रतिनिधियों को कर्नाटक की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, कला, संस्कृति और व्यंजनों का भी अनुभव प्राप्त होगा। भारत सरकार के अधीन विद्युत मंत्रालय, ईटीडब्ल्यूजी के लिए नोडल मंत्रालय है और यह केंद्रित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा और संवाद का नेतृत्व करेगा।

भारत की अध्यक्षता में चार ईटीडब्ल्यूजी बैठकें, विभिन्न सह आयोजन और एक मंत्रिस्तरीय बैठक की योजना बनाई गई है। भारत की जी-20 अध्यक्षता पिछली अध्यक्षताओं के प्रयासों और परिणामों की नींव पर खड़ी होगी, जिन्होंने स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण में वैश्विक सहयोग को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया और इसे टिकाऊ आर्थिक विकास के लिए केंद्रीय एजेंडा बना दिया है।इस दौरान बेंगलुरु स्थित पीआईबी के एडीजी एस जी रवींद्र भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

LIVE OFFLINE
track image
Loading...