माँ शक्ति मन्दिर परिसर, उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड भाग : ४०४
आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा भारत के धार्मिक स्थल : श्री हजारीश्वर महादेव साईँ मन्दिर, साध नगर, पालम, नई दिल्ली। यदि आपसे उक्त लेख छूट गया या रह गया हो तो आप कृपया करके प्रजा टूडे की वेब साईट पर जाकर www.prajatoday.com धर्मसाहित्य पृष्ठ पढ़ सकते हैं! आज हम प्रजाटूडे समाचारपत्र के अति-विशिष्ट पाठकों के लिए लाए हैं:
माँ शक्ति मन्दिर परिसर, उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड। भाग : ४०४
विश्वनाथ मन्दिर के निकट स्थित शक्ति मन्दिर एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है। यह मन्दिर अपने ६ मीटर ऊंचे त्रिशूल के लिए जाना जाता है। त्रिशूल के तल की परिधि लगभग ९० सेमी है। यह माना जाता है कि त्रिशूल के ऊपरी और निचले हिस्से क्रमशः लोहे और तांबे के बने हुए हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस त्रिशूल का हिंदू देवी दुर्गा ने राक्षसों को मारने के लिए इस्तेमाल किया गया था। आस-पास के कुछ अन्य विख्यात मन्दिरों में मार्कंडेय ऋषि मन्दिर, साक्षी गोपाल मन्दिर, कुटेती देवी मन्दिर, गणेश मन्दिर, गोपेश्वर महादेव मन्दिर तथा कोटेश्वर महादेव मन्दिर हैं।
श्री दुर्गा सप्तशती के ६ विलक्षण मन्त्र :
हिन्दू धर्म का शक्ति पूजा का महान ग्रंथ श्री दुर्गा सप्तशती अपने आप में पूर्ण तांत्रिक ग्रंथ है जिसका प्रत्येक मन्त्र मनुष्य की कामना पूर्ति करने वाला तथा जीवन की हर समस्या का निदान करने वाला है, कुछ मुख्य मन्त्र प्रस्तुत है :
(१) प्रबल आकर्षण वशीकरण के लिए निम्न मंत्र का १० हज़ार जप कर १,००० आहुति से हवन करें। संकल्प में नाम बोलें, कार्य सिद्ध होगा।
‘ज्ञानिनापि चेतांसि देवी भगवती हि सा,
बलादा कृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।’
हवन सामग्री :
पायस, तिल, घृत, इलायची, बिल्व आदि से हवन करें।
(२) यदि सामने बलवान शत्रु हो तथा जिसका पार न पड़ रहा हो, उसे पराजित करने के लिए मन्त्र जप कर दशांस होम, तिल, सरसों से करें।
‘क्षणेन तन्महासैन्यंसुराणां तथा अम्बिका,
निन्ये क्षयं यथा वह्निस्तृणदारू महाचयम।’
‘गर्ज गर्ज क्षणं मूढ़ मधु यावत पिबाम्यहम्,
मया त्वयि हतेऽत्रैव गर्जिष्यान्तु देवता:।’
हवनादि उपरोक्त तरीके से करें।
(३) बड़े शत्रुओं को भयभीत करने के लिए निम्न मन्त्र का उपरोक्त तरीके से जप करें।
‘इत्युक्त: सोऽभ्यघावत् तामसुरो धूम्रलोचन:।
हुंकारेणैव तं भस्म सा यकाराम्बिका तत:।’
(४) दु:ख-दारिद्र्य निवारण के लिए निम्न मंत्र जपें तथा पायस, बिल्वपत्र की आहुति दें।
‘दुर्गेस्मृता हरसि भीतिम शेष जन्तौ:,
स्वस्थै:स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि:।
दारिद्र्य दुख:हारिणी का त्वदन्या,
सर्वोपकार कारणाय सदार्द्र चित्रा।।’
(५) पद प्राप्ति या अधिकार प्राप्ति के लिए निम्न मंत्र जपें तथा घृत, तिल, जौ आदि से हवन करें। विशेष यह मन्त्र छोटा है।
‘हत्वा रिपुनस्खलितं तव तत्र भविष्यति।’
(६) रोगनाश, असाध्य बीमारी के लिए यह मंत्र महामृत्युंजय मन्त्र की तरह कार्य करता है। सरसों, कालीमिर्च, जायफल, गिलोय, नीम, आंवला, राई, तिल, जौ आदि से दशांस आहुति दें। बड़े रोगों में सवा लाख जपें।
मन्त्र : –
‘रोगानशेषानपहंसि तुष्टा,
ददासि कामान् सकलान भीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां,
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयन्ति।।’
उपरोक्त मन्त्र श्रद्धा व विश्वास के साथ जपें तथा माता दुर्गा की यथाशक्ति पूजा करें। १० हज़ार जप कर दशांस हवन करने से मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। नित्य १ माला करने से वह समस्या दोबारा नहीं होगी। पूजा-प्रतिष्ठा किसी योग्य ब्राह्मण से समझ लें।
ददासि कामान् सकलान भीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां,
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयन्ति।।’
उपरोक्त मन्त्र श्रद्धा व विश्वास के साथ जपें तथा माता दुर्गा की यथाशक्ति पूजा करें। १० हजार जप कर दशांस हवन करने से मन्त्र सिद्ध हो जाएगा। नित्य १ माला करने से वह समस्या दोबारा नहीं होगी। पूजा-प्रतिष्ठा किसी योग्य ब्राह्मण से समझ लें। इति।
पता :
PCHR+HJH, माँ शक्ति मन्दिर परिसर, उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड, पिनकोड : 249193 भारत।
हवाई मार्ग से कैसे पहुँचे मन्दिर :
हवाई जहाज़ से जाने पर देहरादून निकटतम हवाई अड्डा जॉलीग्रांट हवाईअड्डा है। आप कैब या कोई सार्वजनिक परिवहन ले सकते हैं जो आपको आसानी से १६९.२ किलोमीटर की दूरी तय करके ४ घण्टे ५१ मिन्टस में पहुँच जाओगे माँ शक्ति मन्दिर परिसर।
रेल मार्ग से कैसे पहुँचे मन्दिर :
देहरादून रेल्वे स्टेशन से १४० किलोमीटर की दूरी से तय करके ५ घण्टे ९ मिनट्स में ही कैब से NH ३४ द्वारा पहुँचा जा सकता है माँ शक्ति मन्दिर परिसर।
सड़क मार्ग से कैसे पहुँचे मन्दिर :
ISBT से आने के लिए बस, अपनी कार या बाईक से आते हैं तो राष्ट्रीय राजमार्ग मार्ग से होते हुए आप ४०९.८ किलोमीटर की यात्रा करके ९ घण्टे ५ मिन्टस में वाया NH३३४ और NH ३४ से पहुँच जाओगे माँ शक्ति मन्दिर परिसर।
माँ शक्ति जी की जय हो। जयघोष हो।।