महादेव मन्दिर, चौरागढ़, पँचमणि, मध्यप्रदेश भाग: २४९,पँ० ज्ञानेश्वर हँस “देव” की क़लम से

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भारत के धार्मिक स्थल : महादेव मन्दिर, चौरागढ़, पँचमणि, मध्यप्रदेश भाग: २४९
 
आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा सूर्य मन्दिर, उलार, पटना, बिहार! यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप प्रजा टुडे की वेबसाईट http://www.prajatoday.com पर जाकर धर्म साहित्य पृष्ठ पर जाकर पढ़ सकते हैं! आज हम आपके लिए लाएं हैं।
 
भारत के धार्मिक स्थल : महादेव मन्दिर, चौरागढ़, पँचमणि, मध्यप्रदेश भाग: २४९
 
चौरागढ़ पँचमणि एक धार्मिक स्थल है!जो शिवशँकर,देवधिदेव महादेव भगवान को समर्पित है! चौरागढ़ का महादेव मन्दिर बहुत पुनीत पावन प्राचीन मन्दिर है! महादेव मन्दिर पँचमणि में एक ऊंचे पहाड़ी पर स्थित है! महादेव मन्दिर में जाने के लिए आपको करीब २ से ३ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है! महादेव मन्दिर में पहुंचने का जो रास्ता है, वह पूरा जँगल से घिरा हुआ है! महादेव मन्दिर में आपको शिव शँकर भगवान जी की अद्भुत प्रतिमा देखने के लिए मिलती है! आप इस मन्दिर से पँचमणि के चारों तरफ का दृश्य देख सकते हैं, जो बहुत ही मनोरम प्रतीत होता है! इस मन्दिर में नागद्वार, महाशिवरात्रि और सावन के सभी सोमवार के समय बहुत भारी भीड़ रहती है! यहां पर मेला लगता है और लाखों की संख्या में लोग भगवान आशुतोष शिवशँकर जी के दर्शन करने के लिए बड़ी श्रद्धा और आस्था से आते हैं!
 
चौरागढ़ का प्रसिद्ध शिव मन्दिर: मध्य प्रदेश का यह प्रमुख पर्यटन स्थल है और यह पँचमणि में स्थित है! चैरागढ़ का शिवाला एक ऊंचे पहाड़ पर स्थित है यह मन्दिर भगवान शिवशँकर जी को समर्पित है! चौरागढ़ महादेव पचमढ़ी की एक खूबसूरत जगह है! यह जगह बहुत खूबसूरत है और जंगलों से घिरी हुई है! इस शिवालय तक जाने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि इस मन्दिर तक पहॅुचने के लिए आपको पैदल चलना पड़ेगा और यह जगह पूरी तरह से जंगल और पहाड़ों से घिरी हुई है! यहां पर आपको बहुत खूबसूरत प्राकृतिक परिदृश्य देखने को मिलते हैं! यहां पर वादियों का मनोरम दृश्य देखने मिलता ह! यह शिवालय १३२६ मीटर की ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको १३०० सीढियाँ चढ़ने पड़ती हैं!
 
पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी कहते हैं:
 
पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी कहा जाता है और यहां पर बहुत सारी धार्मिक जगह है, जिनमें से प्राचीन शिव भगवान जी का मन्दिर भी एक है,जिसके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं! यहां पर साल भर लोग दर्शन करने के लिए आते हैं, मगर विशेषकर नाग पंचमी और महाशिवरात्रि के समय पचमढ़ी में मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग आते हैं और भगवान शिवशँकर के दर्शन करने के साथ-साथ उन्हें त्रिशूल चढ़ाते हैं! चौरागढ़ के प्राचीन शिवशँकर भगवान जी के शिवालय तक जाना आसान बात नहीं है! यह पूरा पहाड़ी रास्ता है और इस रास्ते में आपको किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं मिलती हैं! आपको पैदल चलना पड़ता है और यहां तक जाते-जाते आपकी हालत खराब हो जाती है मगर शिवशँकर भगवान के भक्त इस रास्ते पर बम बोल भोले बोल और बम बम भोले का जयकार लगाते हुए चलते हैं और भगवान शिव को अर्पण करने के लिए भारी त्रिशूल भी लेकर चलते हैं!
 
चौरागढ़ स्थित शिवालय जाने का रास्ता :
 
चौरागढ़ का महादेव शिवाला पचमढ़ी में स्थित है! पचमढ़ी होशंगाबाद शहर में स्थित है और होशंगाबाद शहर मध्य प्रदेश में स्थित एक शहर है! पचमढ़ी पहुंचने के लिए आपको सबसे अच्छा साधन ट्रेन से है! आप ट्रेन से आसानी से पचमढ़ी पहुंच सकते हैं आप आना चाहें तो अपने वाहन से भी पचमढ़ी आ सकते हैं सड़क मार्ग से भी पचमढ़ी अच्छी तरह से कनेक्टेड है और आप इस पचमढ़ी सड़क मार्ग से भी पहुॅच सकते हैं। आप पचमढ़ी ट्रेन से आते है तो ट्रेन से आपको पहले पिपरिया रेलवे स्टेशन तक आना होता है, वहां से आपको बस एवं जिप्सी की सुविधा मिल जाती है! आप चाहे तो बस से आ सकते हैं या जिप्सी से आ सकते हैं!आप पिपरिया से पचमढ़ी तक खूबसूरत वादियों का नजारा देखते हुए पहुंच जाते हैं!
 
पचमढ़ी में नागपँचमी मेला:
 
पचमढ़ी में आप जब नागपँचमी के मेले में आते हैं तो यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ रहती है! आपको पचमढ़ी नगर के बाहरी क्षेत्र में ही उतार दिया जाता है! आपको वहां से पैदल पचमढ़ी नगर तक आना पड़ता है! आपको नागपँचमी मेले के समय यहां पर पूरी रोड में बहुत सारी दुकाने मेला दिखाई देगा और पचमढ़ी के बाहरी क्षेत्र इतने सारे वाहन दिखाई देंगे क्योंकि यहां पर लोग नाग पंचमी के टाइम में बहुत दूर-दूर से आते हैं, तो पूरी बस बुक करके आते हैं तो यहां पर आपको बहुत सारे वाहन दिखाई देगी! आप जब पचमढ़ी के बाहरी क्षेत्र पचमढ़ी नगर की तरफ आते है तो आपको बहुत सारी तरह तरह की दुकानें देखने मिलती है! आपको रोड के दोनों तरफ दुकानें दिखाई देगी! पचमढ़ी में जब आप पहुंचते हैं, तो आपको यहां से चैरागढ़ मन्दिर तक जाने के लिए जीप या जिप्सी मिल जाती है! मेले के दौरान यहां पर जिप्सी का किराया बहुत सस्ता रहता है! आपको ३० रू में चौरागढ़ मन्दिर तक आसानी से पहुंचा दिया जाता है! मेले के समय पचमढ़ी में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है तो गाड़ी में भी बहुत ज्यादा भीड़ रहती है! गाड़ी वाला एक साथ १२ से १५ लोगों को बैठा लेता है! चौरागढ़ शिवाले5 तक पहुंचने के लिए जो सड़क है वह बहुत खूबसूरत है! यह जो सड़क है इस पर कहीं-कहीं पर ऐसे मोड़ है, जो आपको खतरनाक लगते हैं!
 
चौरागढ़ महादेव पचमढ़ी :
 
चौरागढ़ का प्रसिद्ध मन्दिर शिव मन्दिर महादेव मन्दिर या शिव शँकर शिवालय मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल है और यह पचमढ़ी में स्थित है! चैरागढ़ का मन्दिर एक ऊंचे पहाड़ पर स्थित है यह भगवान शिव जी को समर्पित है!
 
चौरागढ़ शिवालय की पैदल यात्रा :
 
शिवालय ३ से ४ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है! आपको इस मन्दिर तक पैदल जाना होता है! यहां पर किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं मिलती है और ना ही वाहन चलते हैं! आपको पैदल यात्रा करनी पड़ती है और यह पथरीला रास्ता होता है! आपको यहां पर जूते पहन कर जाना चाहिए क्योंकि चप्पल यहां पर किसी भी काम की नहीं!

चौरागढ़ मन्दिर के रास्ते में एक गुफा देखने मिलेगी :

मान्यतानुसार सीता जी, अपने वनवास काल के दौरान इस गुफा में ठहरी थी, यह गुफा सीता जी के नाम पर रखी गई है! यहां पर आपको इस गुफा के पास से ही चौरागढ़ मन्दिर तक जाने के लिए दो रास्ते मिलेंगे एक रास्ता पक्का मिलेगा और एक रास्ता जंगल वाला मिलेगा जो छोटा है आप वहां से भी चौरागढ़ मन्दिर तक जा सकते हैं, वैसे मुझे लगता है कि दोनों रास्ते की दूरी समान ही होगी! लोग पक्के रास्ते से चौरागढ़ मन्दिर तक जाते हैं और आपको भी यही रास्ता लेना चाहिए, आप पक्के रास्ते से जाएं क्योंकि इस रास्ते में आपको किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी और आप आराम से जा सकते हैं और जो जंगल वाला रास्ता है जो शॉर्टकट रास्ता है उससे आपको शायद दिक्कत हो सकती है क्योंकि वह रास्ता पूरी तरह से उबड़ खाबड़ हो सकता है। आपको जैसे जैसे उपर चढाते है आपको पहाडियो को खूबसूरत व्यू देखने मिलता है और चारों तरफ हरियाली देखने मिलती है। यहां पर आपको बहुत सारे बंदर भी देखने मिल जाएंगे बंदरों को अब किसी भी तरह का खाना ना डालिए और खाने का सामान हाथ पर लेकर न चलें नहीं तो बंदर आपके हाथ से छीन सकते है।

महादेव मन्दिर का विवरण :

यह मन्दिर बहुत अच्छी तरह से बन गया है और यहां पर आपको आकर बहुत अच्छा लगेगा! यहां पर पानी की व्यवस्था है आप थोड़ा देर आराम करके पानी पीकर भगवान जी के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं और यहां पर आप नीचे चप्पल उतार कर फिर भगवान जी के दर्शन करने जा सकते हैं! यहां पर शिव भगवान की जो प्रतिमा है वह बहुत आकर्षक है और आपको बहुत खूबसूरत लगेगी और लोग इतनी दूर दूर से भगवान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं और इस प्रतिमा में कहा जाए तो एक प्रकार का जादू है आप इस प्रतिमा को देखते रह जाएंगे! यहां पर आपको अच्छा लगेगा के प्रतिमा के दर्शन करने के बाद बाहर आते हैं तो आपको गणेश जी का मंदिर देखने मिलेगा आप गणेश जी के दर्शन कर सकते हैं उन्हें प्रसाद चढ़ा सकते हैं! उसके बाद आप मंदिर के सामने तरफ आएंगे तो सामने भी आपको शंकर जी और भी अन्य देवी -देवताओं के दर्शन करने मिल जाएंगे जिनकी प्रतिमा मंदिर के बाहर रखी गई है! आप यहां पर त्रिशूल देख सकते हैं, यहां पर ढेर सारे त्रिशूल रखे गए हैं! इतने सारे और बहुत वज़नी त्रिशूल यहां पर देखने मिलतेे है!-त्रिशूल से आड़ बनाई गई थी, मगर अभी पूरी तरह से कवर कर दिया गया है! आपको यहां से चारों तरफ का खूबसूरत व्यू देखने मिलता है जो एकदम अनोखा रहता है आप शायद इस तरह कभी ना देखे हो और शायद देखे भी हो मगर इसके बारे शब्दों में नहीं बताया जा सकता है! आपको मन्दिर के बाहर ही अगरबत्ती जलाने मिलेगी और आप बाहर ही नारियल फोड़ सकते हैं, आप अंदर जाकर सिर्फ भगवान जी के दर्शन कर सकते हैं। शिव भगवान जी के और दर्शन करके आपको बाहर आना पड़ेगा । यहां पर आप खूबसूरत वदियों के परिदृश्य अपने मोबाइल में कैद भी कर सकते है! आपको यह लगता है कि जो बादल है वह आपके पास ही से उड रहे हो! यहां पर जो बरसात का मौसम रहता उस टाइम भी अच्छा लगता है वैसे गर्मी के मौसम में भी यहां अच्छा लगता है, क्योंकि यहां पर चारों तरफ हरियाली रहती है! यहां के जो पेड़ पौधे रहते हैं वह गर्मी के मौसम में भी हरे भरे रहते हैं! इस जगह पर आकर आपकी थकावट दूर हो जाती है, जो इतनी दूर से आप चल कर आते हैं! वह थकावट आपकी इस जगह पर आकर पूरी तरह चली जाती है!

अब यहां मंदिर बहुत अच्छा बन गया है! इस शिवालय में करीब २७ वर्ष पहले गए थे तब यहां पर मेरे सँग श्री माईक शोरिंग और उनकी पत्नी आआई थीँ, यह इन कस्टडी फ़िल्म की शूटिंग के दौरान हुआ! यहां पर शिवशँकर भगवान की मूर्ति खुले में ही रखी हुई थी और त्रिशूल से मन्दिर के चारों तरफ त्रिशूली-दीवार बनाई हुई थी!

नाग मन्त्र :-

ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्!
जो लोग इस मन्त्र का जप करते हैं उनके आस-पास भी विषैले जीव नहीं होते हैं! अगर हर दिन इस मन्त्र का जप नहीं कर सकते तो कम से कम नाग-पँचमी को नाग देवता की पूजा करते हुए इस मन्त्र को जपना चाहिए! इस मन्त्र में अतुलनीय अक्षुण्ण शक्ति मानी गई है! सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की पँचमी को भारतवर्ष देश में नागपँचमी का त्योहार मनाया जाता है। बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में इस दिन से नवविवाहिता कन्याएं १५ दिनों का नागपूजन करती हैं जिसका समापन कृष्ण पक्ष की पँचमी पर होता है! सावन के कृष्ण पक्ष के दिन भी देश के कई भागों में नागपँचमी का त्योहार मनाया जाता है! पुराण में नागपूजन की परम्परा विधि और इससे धार्मिक, आत्मिक और आर्थिक लाभ का भी ज़िक्र किया गया है! नागपँचमी के दिन ही ब्रह्माजी ने नागों को जनमेजय के नाग यज्ञ से रक्षा का उपाय बताया था! इसी दिन जरत्कारू के पुत्र आस्तिक मुनि ने नागों को भस्म होने से भी बचाया था! इसलिए नागपँचमी नागलोक और पृथ्वीलोक का बड़ा त्योहार माना जाता है! इसदिन नागलोक में भी उत्सव मनाया जाता है, ऐसा धर्मग्रंथों में बताया गया है!

हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें मन्दिर :

हवाई मार्ग से: भोपाल स्थित हवाई अड्डा या जबलपुर हवाई अड्डा निकटतम एयरपोर्ट है! मध्यप्रदेश के हवाई अड्डा दैनिक उड़ानों के साथ दिल्ली और दुनियाँ से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं! हवाई अड्डे के साथ मोटर योग्य सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है! हवाई अड्डे से महादेव मन्दिर के लिए टैक्सी उपलब्ध हैं!

रेल मार्ग से कैसे पहुँचें मन्दिर :

रेल द्वारा आप नई दिल्ली से मध्यप्रदेश के लिए लोकप्रिय ट्रेन लेकर पिपरिया रेलवे स्टेशन से कैब द्वारा बस या टैम्पो द्वारा जा सकते हैं महादेव मन्दिर पँचमणि मध्यप्रदेश पहुँच जाओगे!

सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें मन्दिर :

अंतर्देशीय बस स्थानक यानी ISBT से आप तक़रीबन १६ घण्टे २७ मिनट्स में आप राष्ट्रीय राजमार्ग NH: ४४ से ९०८.४ किलोमीटर की यात्रा तय करके बस अथवा स्वयँ की कार द्वारा महादेव मन्दिर पँचमणि पहुँच जाओगे! पँचमणि बस स्थानक से लगभग १४ किलोमीटर दूर है महादेव शिवालय! महादेव मन्दिर जाने के लिए पहले पँचमणि से १० किलोमीटर का मार्ग वाहन से और ३ किलोमीटर का पैदल मार्ग तय करने के बाद १३०० सीढ़ियों का सफ़र महादेव मन्दिर जाकर ही समाप्त होता है! ॐ नमः शिवाय! शिवजी सदा सहाय!!

देवाधिदेव महादेव की जय हो! जयघोष हो!!

 

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