प्रधानमंत्री आज बंगलुरू कर्नाटक में इंडिया एनर्जी 2023 का शुभारम्भ करेंगे

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@ बेंगलुरु कर्नाटक 

प्रधानमंत्री आज बंगलुरू कर्नाटक में इंडिया एनर्जी 2023 का शुभारम्भ करेंगे। 6 से 8 फरवरी तक हो रहे आईईडब्ल्यू का उद्देश्य भारत की ऊर्जा संक्रमण की महाशक्ति के रूप में भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। यह कार्यक्रम एक उत्तरदायी ऊर्जा संक्रमण से आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श के लिए पारम्परिक से गैर पारम्परिक ऊर्जा उद्योग सरकारों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लीडर्स को एक मंच पर लाएगा।

इसमें दुनिया भर के 30 से अधिक मंत्रियों की उपस्थिति देखने को मिलेगी। भारत के ऊर्जा भविष्य से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए 30000 से अधिक प्रतिनिधि 1000 प्रदर्शक और 500 वक्ता एकजुट होंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वैश्विक तेल और गैस कंपनियों के सीईओ के साथ एक गोलमेज बातचीत में भाग लेंगे। वह हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कई पहल भी शुरू करेंगे।

सरकार का ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्रों में इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम अहम रहा है। सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण 2013-14 से इथेनॉल की उत्पादन क्षमता में छह गुना बढ़ोतरी देखी गई है। इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम और जैव ईंधन कार्यक्रम के तहत पिछले आठ वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों से न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ी है बल्कि इसके परिणामस्वरूप 318 लाख मीट्रिक टन सीओ2 उत्सर्जन में कमी और लगभग 54000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत सहित कई अन्य लाभ भी हुए हैं। परिणाम स्वरूप 2014-2022 के दौरान इथेनॉल आपूर्ति की दिशा में लगभग 81800 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और किसानों को 49000 करोड़ रुपये से ज्यादा हस्तांतरित किए जा चुके हैं।

इथेनॉल सम्मिश्रण के रोडमैप के क्रम में प्रधानमंत्री 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में तेल विपणन कंपनियों के 84 आउटलेट्स पर ई20 ईंधन की पेशकश करेंगे। ई20 पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल का मिश्रण है।सरकार का लक्ष्य 2025 तक इथेनॉल के 20 प्रतिशत सम्मिश्रण को पूर्ण रूप से हासिल करना हैऔर तेल विपणन कंपनियां 2जी-3जी इथेनॉल संयंत्र स्थापित कर रही हैं जिससे इस दिशा में प्रगति आसान हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ग्रीन मोबिलिटी रैली को भी हरी झंडी दिखाएंगे। रैली में हरित ऊर्जा स्रोतों से चलने वाले वाहन शामिल होंगे और इससे हरित ईंधनों के बारे में जन जागरूकता फैलाने में सहायता मिलेगी।

प्रधानमंत्री इंडियन ऑयल की ‘अनबॉटल्ड’ पहल के तहत यूनिफॉर्म लॉन्च करेंगे। एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर इंडियनऑयल ने रीसाइकिल पॉलिएस्टर (आरपीईटी) और कपास से बने खुदरा ग्राहक सहायकों और एलपीजी वितरण कर्मचारियों के लिए वर्दी को अपनाया है। इंडियनऑयल के ग्राहक सहायक की वर्दी का प्रत्येक सेट लगभग 28 प्रयुक्त पीईटी बोतलों के पुनर्चक्रण से तैयार होगा।इंडियनऑयल इस पहल को ‘अनबॉटल्ड’- टिकाऊ कपड़ों के लिए एक ब्रांडके माध्यम से आगे ले जा रही है। 

प्रधानमंत्री इंडियन ऑयल के इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन कुकटॉप मॉडल को पेश करेंगे और इससे व्यावसायिक शुभारम्भ को हरी झंडी दिखाएंगे। इंडियनऑयल ने पहले सिंगल कुकटॉप के साथ एक नवीन और पेटेंट संरक्षित इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम विकसित किया था। प्राप्त फीडबैक के आधार पर ट्विन-कुकटॉप इंडोर सोलर कुकिंग सिस्टम को उपयोगकर्ताओं को अधिक लचीलापन और सुविधा देने के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक क्रांतिकारी इनडोर सोलर कुकिंग समाधान है जो सौर और सहायक ऊर्जा दोनों स्रोतों पर एक साथ काम करता है जिससे यह भारत के लिए एक विश्वसनीय खाना पकाने का समाधान बन रहा है।

हाल के वर्षों में ऊर्जा परिदृश्य में उल्लेखनीय बदलाव आया है। सरकार जैव ईंधन इलेक्ट्रिक वाहन और हरित हाइड्रोजन सहित कम कार्बन विकल्पों को अपनाने में तेजी लाने की दिशा में उत्प्रेरक की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवासनएवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत के जलवायु परिवर्तन लक्ष्य हासिल करने के लिए निम्न-कार्बन ऊर्जा के प्रति सहयोग और संक्रमण महत्वपूर्ण है।

ऊर्जा स्रोतों के स्वस्थ मिश्रण के माध्यम से ऊर्जा के प्रति बढ़ती जरूरत पूरी होने की बात कहते हुए केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा हरित ऊर्जा की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने देश के 2023-24 के बजट में 35000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है। सरकार विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में ऊर्जा के कुशल उपयोग के उद्देश्य से हरित ईंधन हरित ऊर्जा हरित खेती हरित वाहन हरित भवनऔर हरित उपकरण और नीतियों के लिए कई कार्यक्रम लागू कर रही है। हम ऊर्जा परिवर्तन और सुरक्षा के लिए कई पहल कर रहे हैं और अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे को अपना रहे हैं।

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