भारत के धार्मिक स्थल: प्रियाकांत जू मन्दिर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश भाग: ११३
आपने पिछले भाग में पढ़ा : भारत के प्रसिद्ध धार्मिकस्थल : भारत के धार्मिक स्थल: श्याम बाबा मन्दिर, खाटू, सीकर, राजस्थान! यदि आपसे यह लेख छूट गया हो और आपमें पढ़ने की जिज्ञासा हो तो आप प्रजा टुडे की वेबसाइट धर्म-सहित्य पृष्ठ पर जा कर पढ़ सकते हैं! आज हम आपको बता रहे हैं:
भारत के धार्मिक स्थल: प्रियाकांत जू मन्दिर, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश भाग: ११३
भारत वर्ष के वृन्दावन, मथुरा-वृन्दावन मार्ग पर, मथुरा ज़िले में, वैष्णो देवी मन्दिर के पास, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश! प्रियाकान्त जू मन्दिर से लगभग १३७ किलोमीटर की दूरी पर है दिल्ली! श्री प्रियाकान्त जू मन्दिर भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित है तथा इस मन्दिर में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की सुन्दर व मनमोहक प्राण-प्रतिष्ठित मूर्ति स्थापित है! इस मन्दिर का नाम श्री राधारानी व श्रीकृष्ण जी के आधार पर रखा गया है! प्रिया यहाँ श्री राधा हैं और उनके कान्त यहाँ भगवान श्रीकृष्ण जी हैं! इस मन्दिर की लगभग ऊँचाई १२५ फ़ुट है!
श्री प्रियाकान्त जू मन्दिर कमल के पष्प कि तरह बनाया गया है! मन्दिर सड़क के किनारे बनाया गया है तथा मन्दिर सड़क से काफी ऊँचाई पर है!; मन्दिर के दोनो तरफ पानी के कुण्ड हैं! जिसमें फ़व्वारे भी लगाये गये है! मन्दिर के चारों कोनो पर भगवान श्री गणेश, श्रीरामभक्त हनुमानजी व भगवान शिव के छोटे-छोटे मन्दिर भी बनाये गये हैं! इस मन्दिर के निर्माण के लिए मकराना राजस्थान के सँगमरमर का प्रयोग किया गया है! यह मन्दिर प्राचीन भारतीय कला और वास्तुकला में एक पुनर्जागरण को दर्शाता है!
श्री प्रियाकान्त जू मन्दिर बनाने का सँकल्प विश्व शाँति चैरिटेबल ट्रस्ट ने २००७ में लिया था! श्री प्रियाकान्त जू मन्दिर की स्थापना श्री देवकी नन्दन ठाकुर जी महाराज द्वारा २००९ में रखी गई थी तथा मन्दिर को बनाने में लगभग ७ वर्ष का समय लगा था इसके प्रथम चरण की शुरुआत २०१२ में हुई! श्री प्रियाकान्त जू मन्दिर के लिए ८ फरवरी २०१६ में खोला गया था! इस मन्दिर का उदघाट्न हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोंलकी जी के द्वारा किया गया था! मन्दिर के उदघाट्न भव्य समारोह में लाखों श्रदालुओं ने भाग लिया!
श्री राधा कृष्णाष्टकम :
रद्दचथुर मुखाधि संस्थुथं, समास्थ स्थ्वथोनुथं ।
हलौधधि सयुथं, नमामि रधिकधिपं ॥ १ ॥
भकाधि दैथ्य कालकं, सगोपगोपिपलकं ।
मनोहरसि थालकं, नमामि रधिकधिपं ॥ २ ॥
सुरेन्द्र गर्व बन्जनं, विरिञ्चि मोह बन्जनं ।
वृजङ्ग ननु रञ्जनं, नमामि रधिकधिपं ॥ ३ ॥
मयूर पिञ्च मण्डनं, गजेन्द्र दण्ड गन्दनं ।
नृशंस कंस दण्डनं, नमामि रधिकधिपं ॥ ४ ॥
प्रदथ विप्रदरकं, सुधमधम कारकं ।
सुरद्रुमपःअरकं, नमामि रधिकधिपं ॥ ५ ॥
दानन्जय जयपाहं, महा चमूक्षयवाहं ।
इथमहव्यधपहम्, नमामि रधिकधिपं ॥ ६ ॥
मुनीन्द्र सप करणं, यदुप्रजप हरिणं ।
धरभरवत्हरणं, नमामि रधिकधिपं ॥ ७ ॥
सुवृक्ष मूल सयिनं, मृगारि मोक्षधयिनं ।
श्र्वकीयधमययिनम्, नमामि रधिकधिपं ॥ ८ ॥
मन्दिर के कपाट खुलने का समय:
समय: सुबह ६:०० से १२:३० बजे और शाम ४:३० से ८:३० बजे है!
आरती का समय:
ग्रीष्म ऋतु (अक्षय तृतीया से देवोत्थान एकादशी तक)
सुबह: मंगला आरती: सुबह ६:०० से ६:३० बजे,
श्रीनगर आरती: सुबह ९ बजे।
राजभोग: प्रातः ११:४५ से १२:०० बजे
कपाट बन्द: दोपहर १२:३० बजे से सँध्या : शाम ४:३०बजे तक
संध्या आरती:
शाम 6.30 बजे
शयन भोग:
शाम ७:३० से ७:४५ बजे
कपाट बन्द:
रात 8:30 बजे
हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें:
निकटतम हवाई अड्डा: प्रियकांत जू मंदिर से लगभग ७३.५ किलोमीटर की दूरी पर पण्डित दीन दयाल उपाध्याय हवाई अड्डा!
रेल मार्ग से कैसे पहुँचें:
निकटतम रेलवे स्टेशन: प्रियाकांत जू मन्दिर से लगभग १५ किलोमीटर की दूरी पर मथुरा जँक्शन रेलवेस्टेशन है!
सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें:
ताज एक्सप्रेस रोड़ से प्रियाकांत जू मन्दिर दिल्ली से लगभग १६२ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है! मन्दिर से स्थानीय बसों, रिक्शा या राष्ट्रीय राजमार्ग मथुरा रोड से टैक्सियों को किराए पर लेने के लिए सुविधा उपलब्ध है!
प्रियाकांत जू की जय हो! जयघोष हो!!