रणजीत हनुमान मन्दिर, इन्दौर, मध्यप्रदेश भाग : ४६२
आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा, भारत के धार्मिक स्थल : अरुलमिगु अरुणाचलेश्वर मन्दिर, तिरुवन्नामलाई, तमिलनाडू। यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप कृप्या करके प्रजाटूडे की वेबसाइट पर जाकर www.prajatoday.com पर जाकर धर्मसाहित्य पृष्ठ पर जा कर पढ़ सकते हैं:
रणजीत हनुमान मन्दिर, इन्दौर, मध्यप्रदेश। भाग : ४६२
मन्दिर में ढाल और तलवार लिए विराजमान हैं हनुमानजी, भक्तों को तुरंत मिलता है परेशानियों का हल। यहां परेशानियों का हल लेकर आते हैं लोग और साथ ही जीत का आशीर्वाद लेकर वापस जाते हैं।
देश भर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं जहां उनकी अलग प्रतिमा के साथ चमत्कारों का वर्णन होता है। भगवान जीतनी जगह जाते हैं हर जगह अपनी एक अलग माया दिखाते हैं और उसी माया के आधार पर वहां मंदिर बना दिया जाता है। आज तक हमने बजरंग बली के कई मंदिर देखे है। लेकिन आज हम आपको हनुमानजी के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अलग रुप के साथ अपनी अलग माया को लेकर प्रसिद्ध है। इस मन्दिर में हनुमान जी अपने हाथ में तलवार लिए सभी को जीत का आशीर्वाद देते हुए हैं। कहा जाता है कि यहां कई राजा युद्ध लड़ने से पहले जीत का आशीर्वाद लेने आते थे और आज तक किसी की आशीर्वाद लेने के बाद हार नहीं हुई। आजकल लोग यहां परेशानियों का हल जानने के लिए आते हैं और साथ ही जीत का आशीर्वाद लेकर ही वापस जाते हैं।
प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मन्दिर:
मध्यप्रदेश के इंदौर में रणजीत हनुमान मंदिर है जहां लोग सालभर अपनी जीत का आशीर्वाद लेने जाते हैं। रणजीत हनुमान जी के मंदिर की विशेषता है की यहां हनुमानजी ढाल और तलवार लिए विराजमान हैं। यह विश्व का एकमात्र ऐसा हनुमान मंदिर है जहां हनुमान जी अपने हाथ में ढाल और तलवार के साथ खड़े हैं और उनके चरणों में अहिरावण है। इस मंदिर की स्थापना सवा सौ साल पहले की गई थी। वैसे तो मंदिर स्थापना व इतिहास को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। यह हनुमान प्रतिमा को देख कर लगता है की वे किसी युद्ध में जाने की तैयारी में हैं।
मन्दिर को लेकर ये है पौराणिक कथा:
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार दो राजाओं की लड़ाई में एक राजा जंग हारने की कगार पर पहुंच गया। भागते हुए वह भर्तहरी गुफा में पहुंचा, जहां पर एक महात्मा अपने ध्यान में लिप्त थे। राजा काफी देर यहां बैठा रहा और जब महात्मा अपने ध्यान से मुक्त हुए तब उन्होंने राजा को कुछ रोटी के टुकड़े दिए और कहा कि इन्हें रास्ते में डालते जाना और जब तक यह खत्म ना हो जाएं, पीछे मुड़कर मत देखना। जहां ये टुकड़े खत्म होंगे वहां तुम्हें एक मन्दिर मिलेगा और वहीं तुम्हारी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। राजा ने महात्मा के कहे अनुसार ऐसा ही किया, और जिस मन्दिर के बाहर रोटी के टुकड़े खत्म हुए वो हनुमान जी का मंदिर था। राजा ने पीछे मुड़कर देखा तो एक बड़ी सेना उसके पीछे थी, उसने फिर युद्ध किया और उसे विजय हासिल हुई।
मन्दिर से जुड़ी मान्यताएं :
मन्दिर को लेकर लोगों का कहना है कि अगर हनुमान जी के सामने आधा घण्टा मन लगाकर ध्यान लगा लिया जाए तो आपकी सभी परेशानियों का हल आपको तुरंत मिल जाता है। भगवान आपको कोई ना कोई रास्ता जरुर दिखा देते हैं।
श्री हनुमान सिद्धि उपासना :
जिस घर में हनुमान जी के मंत्र का जाप होता हैं वहां किसी प्रकार की हानि नही होती हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध मंत्र जिनकी साधना करने से समस्त प्रकार के दुख: व संकट हमेशा के लिये नष्ट हो जाते हैं।
हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। जो भक्त सेवा भाव से हनुमान जी की सेवा करता हैं वो हनुमान जी की दया रूपी छाव में निश्चिंत हो जाता हैं। किसी प्रकार का भय या डर उस जातक को नही डराता। हनुमान जी को प्रसन्न करना अत्यधिक सरल हैं। किसी भी विघ्न में हनुमान जी का स्मरण निर्विघ्न कर देता हैं। हनुमान जी सभी सिद्धियों के दाता हैं उन्हे प्रसन्न करके कोई भी सिद्धि व शक्ति को प्राप्त किया जा सकता हैं। हनुमान जी की कृपा से मिलेगी अष्ट सिद्धि, नव निधी।
हनुमान साधाना से पूर्व कुछ नियमों का ध्यान अवश्य रखें:
1- पूजन के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
2- निश्छल सेवा भावना रखें तथा क्रोध व अहं से पूर्णत: दूर रहें।
3- हनुमान जी को शुद्ध घी के लड्डू प्रसाद रूप में अर्पित करें।
4- तामसिक भोजन का परित्याग करें, अनुष्ठान के दौरान यदि सम्भव हो तो नमक का प्रयोग भी न करें। या मंगल वार के दिन व्रत करें उस दिन नमक सेवन न करें।
5- हनुमान जी को मीठा गुलकंद वाला पान भेंट करें।
हनुमान साधना-
1- हनुमान जी को राम भकत अत्यधिक प्रिय हैं। तुलसीदास जी ने राम का स्मरण किया उन्हे हनुमान जी सहज प्राप्त हो गये। अत: रामायण का पाठ नित्य प्रेम पूर्वक करें। पूजन का समय एक ही रखें, बार-बार न बदलें।
2- हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी लिखते हैं की राम रसायन तुम्हरे पासा, यहां जिस राम रसायन के बारे में बताया गया हैं वो राम नाम का जाप ही हैं इसे अपने गले का हार बना लिजिये, आप हनुमान जी के चहेते बन जाओगे।
3- हनुमान चालीसा का प्रभाव अत्यधिक चमत्कारी हैं, इसका नित्य 11 बार पाठ करिये हनुमान जी खुद प्रसन्न होगे।
4- हनुमान साधना के कुछ तांत्रिक प्रयोग व मंत्र हैं जिनको साधकर हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता हैं। कुछ बीज मंत्रों के बारे में वर्णन कर रहा हूं जिन में से किसी भी मंत्र का जाप हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जा सकता हैं। शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से लाल आसन पर हनुमान जी की प्रतिष्ठित मूर्ति के सामने बैठ कर घी का दीपक जला कर लाल चंदन की माला अथवा मूंगे की माला पर नित्य 11 माला 40 दिन करने से अवश्य ही सिद्धि प्राप्त हो जाती है।
ऊँ हुँ हुँ हनुमतये फट्।
ऊँ पवन नन्दनाय स्वाहा।
ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
अष्टदशाक्षर मंत्रः अत्यधिक चमत्कारी एवं हनुमान जी की कृपा देने वाला हैं, मंत्र महोदधी में वर्णित है कि जिस घर में इस मंत्र का जाप होता हैं वहां किसी प्रकार की हानि नही होती। धन-सम्पन्नता व खुशियां सर्वत्र फैली हुई होती हैं। ‘ऊँ नमो भगवते आन्जनेयाये महाबलाये स्वाहा’ इस मंत्र के देवता हनुमान हैं, ऋषि ईश्वर हैं, हुं बीज है, स्वाहा शक्ति हैं तथा अनुष्टुप छंद है। इस मंत्र का 10000 बार जप करना चाहिये तथा दशांस हवन करना चाहिये।
श्री हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध मंत्र जिनकी साधना करने से समस्त प्रकार के दुख: व संकट हमेशा के लिये नष्ट हो जाते हैं। 41 दिनों तक नित्य 3 या 7 माला घी का दीपक जला कर उसके सम्मुख जाप करें संयम पूर्वक इन मंत्रों को जाप करें।
ऊँ नमों हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।
पता :
श्री रणजीत हनुमान मन्दिर, फुटिकोठी मार्ग, गुमास्ता नगर, स्कीम ७१, इन्दौर, मध्य प्रदेश, पिनकोड : 452009 भारत।
वायु मार्ग द्वारा कैसे पहुँचे:
इन्दौर के अहिल्या बाई होलकर हवाई अड्डे से बजरंगबली के रणजीत हनुमान मन्दिर, इंदौर, मध्यप्रदेश की दूरी 7.1 किलोमीटर है। आप कैब द्वारा ०घण्टे १७ मिनट्स में पहुंच सकते हो श्री रणजीत हनुमान मन्दिर।
रेल मार्ग द्वारा कैसे पहुंचें:
श्री रणजीत हनुमान मन्दिर पहुंचने के लिए 4.8 किलोमीटर की दूरी पार करके 15 मिनट्स में ही पहुंच जाएंगे मन्दिर।
सड़क मार्ग द्वारा कैसे पहुंचें:
आप ISBT से मन्दिर जाने के लिए बस अथवा अपनी कार से NH ४४ होते हुए ८३१.१ किलोमीटर की यात्रा करके १३ घण्टे ३६ मिनट्स में पहुंच जायेंगे।इंदौर, मध्यप्रदेश के श्री रणजीत हनुमान मन्दिर मन्दिर।
श्री रणजीत हनुमान मन्दिर की जय हो। जयघोष हो।।