@ जयपुर राजस्थान
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी ने कहा है कि राज्य की विधानसभाओं के सदनों की बैठके अधिक से अधिक होनी चाहिए और न्यूनतम बैठके निश्चित होनी चाहिए ताकि युवा वर्ग व अन्य मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो सके।
उन्होने कहा कि संसदीय लोकतन्त्र में विधायिका की जिम्मेदारी अधिक होती है, इसलिए सदनों के चलने के समय में वृदि किया जाना आवश्यक है।डॉ. जोशी मंगलवार को गुवाहटी में चल रहे संयुक्त राष्ट्र संसदीय मंडल के सम्मेलन के दौरान मीडिया के प्रतिनिधियों के प्रश्नो का जवाब दे रहे थे।
डॉ.जोशी ने कहा कि राज्यों के समक्ष वहॉं की स्थानीय परिस्थितियो के अनुरूप अलग-अलग चुनौतियॉं होती हैं। उन चुनौतियों पर सदन में विचार विमर्श होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि हमें युवाओ के बारे में मंथन किया जाना आवश्यक है और युवाओं पर सार्थक चर्चा से देश को मजबूती मिल सकेगी। कभी-कभी विधेयक एक दिन में पारित हो जाते हैं
हमे इस बारे में भी सोचना होगा। लोकतन्त्र में जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को निर्णय लेने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए ताकि लोकतन्त्र मजबूत हो सके।जयपुर में होने वाले पीठासीन अधिकारियो के सम्मेलन पर चर्चा – राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी और सचिव महावीर प्रसाद शर्मा ने मंगलवार को गुवाहाटी में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। विधानसभा सचिव शर्मा ने बताया कि देश के सभी विधान मण्डलो और विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारियों का अखिल भारतीय सम्मेलन जयपुर में इसी वर्ष आयोजित किया जाना है।