भारत के धार्मिक स्थल: शिवशँकर-थिल्लई नटराज मन्दिर चिदम्बरम, तमिलनाडु भाग: ११७
आपने पिछले भाग में पढ़ा : भारत के प्रसिद्ध धार्मिकस्थल: श्री रँगनाथ स्वामी मन्दिर, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडू! यदि आपसे यह लेख छूट गया हो और आपमें पढ़ने की जिज्ञासा हो तो आप प्रजा टुडे की वेबसाइट धर्म-सहित्य पृष्ठ पर जा कर पढ़ सकते हैं! आज हम आपको बता रहे हैं:
भारत के धार्मिक स्थल: शिवशँकर-थिल्लई नटराज मन्दिर, चिदम्बरम, तमिलनाडु भाग: ११७
भगवान शिवशँकर के विभिन्न स्वरूपों के साथ विश्व मे उनके अनोखे व खूबसूरत मन्दिर हैं! इनमें से एक शिवालय तमिलनाडु के चिदम्बरम में स्थित थिल्लई नटराज जी का पुरातन प्राचीन पुनीत अनोखा मन्दिर है! त्रिकालदर्शी देवाधिदेव भगवान शिवशँकर का अनोखा मन्दिर चिदम्बरम स्थित नटराज जी की प्रतिमा का अलौकिक सौंदर्य
भगवान शिवशँकर के नटराज मन्दिर को चिदम्बरम मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। यह तमिलनाडु में चिदम्बरम में स्िथत है! नटराज मन्दिर भगवान शिवशँकर के प्रमुख मन्दिरों में से एक है! यहाँ बनी शिवशँकर नटराज जी का सौंदर्य अन्तर्मन को झिंझोड़ने वाला आलौकिक पारलौकिक स्वरूप प्रतिमा देखने को मिलता है!
इस शिवालय की मान्यता है कि भगवान शिवशँकर ने अपने परमानन्द नृत्य की पराकाष्ठा की प्रस्तुति इस स्थान पर की! इस शिवालय में शिवशँकर जी की इस मूर्ति की विशेषता यह है कि यहाँ नटराज वैभवशाली आभूषणों से लदे हुए हैं! ऐसी शिवशँकर की मूर्तियां विश्व में ही नहीँ अपितु भारत में भी अन्यत्र कहीँ भी देखने को नहीँ मिलती हैं!
इस शिवालय में नौ द्वार बनाए गए इस मन्दिर की बनावट भी बेहद विशेष है! इस अनोखे शिवालय का क्षेत्रफल १०६,००० वर्ग मीटर में फैला हुआ है! शिवालय में लगे हर पत्थर और खम्भे में शिवशँकर का नृत्य करते हुए अनोखा रूप दिखाई देता है! जगह जगह भरत नाट्यम नृत्य की मुद्राएं उकेरी गई हैं! नटराज मन्दिर में पूरे नौ द्वार बनाए गए हैं! वहीं नटराज मन्दिर के इसी भवन में गोविंदराज और पंदरीगावाल्ली का मन्दिर भी स्थित है! यह मन्दिर देश के उन कम मन्दिरों में यह मन्दिर सम्मिलित हैं जहां शिव व वैष्णव दोनों ही देवता एक ही स्थान पर विराजमान हैं!
श्रद्धालुजन शिव भक्त दर्शन के लिए आते यहाँ बड़ी सँख्या में आते हैं! इस मन्दिर में भगवान शिव के नटराज रूप में जुड़ी बहुत सी अनोखी चीजें देखने को मिलती हैं! प्राचीन काल से निर्मित इस शिवालय में आज भी भगवान नटराज के उस रथ के दर्शन हो जाएंगे, जिसमें नटराज साल में सिर्फ दो बार ही चढ़ते थे! विशेष त्योहारों में यह रथ भक्तों द्वारा खींचा जाता है!
इस शिवालय को लेकर एक किवदंती यह भी है कि इस स्थान पर पहले भगवान श्री गोविंद राजास्वामी का था! एक बार शिवशँकर सिर्फ इसलिए उनसे मिलने आए थे कि वह उनके और पार्वती के बीच नृत्य प्रतिस्पर्धा के निर्णायक बन जाएं! गोविंद राजास्वामी तैयार हो गए! शिव पार्वती के बीच नृत्य प्रतिस्पर्धा चलती रही! ऐस में शिव विजयी होने की युक्ति जानने के लिए श्री गोविंद राजास्वामी के पास गए! उन्होंने एक पैर से उठाई हुई मुद्रा में नृत्य कर करने का संकेत दिया! यह मुद्रा महिलाओं के लिए वर्जित थी! ऐसे में जैसे ही भगवान शिव इस मुद्रा में आए तो पार्वती जी ने हार मान ली! इसके बाद शिवशँकर जी के नटराज स्वरूप यहाँ पर स्थापित हो गए!
शिवशँकर नटराज स्तुति:
सत सृष्टि तांडव रचयिता
नटराज राज नमो नमः…
हेआद्य गुरु शंकर पिता
नटराज राज नमो नमः…
गंभीर नाद मृदंगना
धबके उरे ब्रह्माडना
नित होत नाद प्रचंडना
नटराज राज नमो नमः…
शिर ज्ञान गंगा चंद्रमा
चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां
विषनाग माला कंठ मां
नटराज राज नमो नमः…
तवशक्ति वामांगे स्थिता
हे चंद्रिका अपराजिता
चहु वेद गाए संहिता
नटराज राज नमोः…
!! अथ नटराज स्तुति पठित्वा !!
हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें:
भगवान शिव शँकर का चिदम्बरम स्थित नटराज मन्दिर का निकटतम हवाईअड्डा तिरुचिरापल्ली है! जो लगभग १२८ किलोमीटर की दूरी पर है यह हवाई अड्डा!
रेल मार्ग से कैसे पहुँचें:
श्री भगवान शिव शँकर का चिदम्बरम स्थित नटराज मन्दिर से निकटतम रेलवे स्टेशन चिदम्बरम है!
सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें:
भगवान शिव शँकर का चिदम्बरम स्थित नटराज मन्दिर से दिल्ली तक लगभग २३९१.६ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है! राष्ट्रीय राजमार्ग NH-४४ द्वारा आप ४२ घण्टे में पहुंच सकते हो!
शिव शँकर के नटराज मन्दिर की जय हो! जयघोष हो!!