श्री चिट्टा हनुमान मन्दिर भाटिया नगर, यमुना नगर, हरियाणा भाग: २३४,पँ० ज्ञानेश्वर हँस “देव” की क़लम से

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भारत के धार्मिक स्थल : श्री चिट्टा हनुमान मन्दिर भाटिया नगर, यमुना नगर, हरियाणा भाग: २३४

आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा दाऊजी मन्दिर, बलदेव नगर, मथुरा, उत्तरप्रदेश! यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप प्रजा टुडे की वेबसाईट http://www.prajatoday.com पर जाकर धर्म साहित्य पृष्ठ पर जाकर पढ़ सकते हैं! आज हम आपके लिए लाएं हैं।

भारत के धार्मिक स्थल : श्री चिट्टा हनुमान मन्दिर, भाटिया नगर यमुना नगर, हरियाणा भाग: २३४

यमुना नदी के किनारे यमुना नगर स्थित श्री चिट्टा हनुमान जी का पावन पुनीत प्रसिद्ध मन्दिर है! श्री चिट्टा हनुमान मन्दिर में तथा सभी मन्दिरों में श्री हनुमानजी जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया! मन्दिर में सँकट मोचन हनुमानजी की आराधना व आरती की गई! कोविड-१९ नियमावली के अनुसार मन्दिरों में लोग मास्क लगाकर पहुंचे! वहीं मन्दिर समितियों की ओर से विशेष प्रबंध किए गए! लोगों ने घरों में ही हनुमान की स्तुति, श्री हनुमान चालीसा का परिवारों सहित पाठ किया! इस दौरान जिलेभर में जयकारा ए वीर बजरँगी के जयघोष सुनाई दिए! हर हर महादेव! सुबह पाँच बजे से ही मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे!

भीड़ से बचने के लिए लोग अधिकांश लोग सुबह ही मन्दिरों में पूजा करने पहुंचे! इस दौरान जिले के सभी मन्दिरों में विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम हुए! शहर के प्राचीन चिट्टा मन्दिर और ज़िले के ऐतिहासिक श्री पँचमुखी हनुमान मन्दिर में विशेष पूजन व आरती हुई! इसके अलावा प्राचीन श्रीमूर्ति देवी मन्दिर, दक्षिणामुखी हनुमान मन्दिर, रामजी की कुटिया, रामपुरा स्थित हनुमान मन्दिर, रघुनाथ मन्दिर, राम जानकी मन्दिर, श्री देवी मन्दिर सहित अन्य मन्दिरों में कार्यक्रम हुए! हवन के साथ पूजन किया गया!

यह हनुमान जी का चिट्टा हनुमान मन्दिर काफ़ी प्राचीनतम और स्थानीय रह्निवासियों की आस्था का केंद्र बिन्दु भी है! चिट्टा मन्दिर में आनेवाले श्रद्धालुओं को हिन्दी सँस्कृत में लिखे इस भवन में दीवार पर चारों ओर दीवार पर पढ़ने को मिलते हैं! यहाँ सीताराम हनुमान मन्दिर में ५६ व्यंजनों का भोग लगाया गया! सरस्वती धाम पर स्थित सीताराम हनुमान मन्दिर में हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया! मन्दिर में श्रद्धालुओं ने हनुमान का चोला, झंडा चढ़ाकर पूजा अर्चना की गई!

मंत्रोच्चारण के साथ हवन पूर्ण हुआ! हवन के बाद कोरोना नियमावली के अनुसार भंडारा भी बाँटा गया! वहीं गायकों ने भगवान श्रीराम, परम रामभक्त श्री हनुमान जी के भजनों से श्रद्धालुओं को भक्तिरस का पान करवाया! बीती हनुमानजयन्ति के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन भी हुआ! रक्त की एक-एक बूंद मौत के मुंह में जा रहे व्यक्ति को जीवन दान दे सकती है! सड़क दुर्घटनाओं, आपदा के शिकार, जटिल प्रसव के दौरान, थैलीसीमिया व कैंसर के मरीजों को खून की कमी के चलते मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं, जिसके लिए सभी को रक्तदान करना चाहिए! यह बातें पंचमुखी हनुमान कल्याण समिति के प्रधान सुखबीर सिंह ने रक्तदान शिविर के दौरान कही! शिविर हनुमान जन्मोत्सव पर पंचमुखी हनुमान मंदिर बसातियां में लगाया गया! शिविर में ५५ भक्तोंने रक्तदान कर एकत्रित किया गया! रेडक्रास यमुनानगर की टीम ने रक्त एकत्र किया!

मङ्गल वार और शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के साथ-साथ बजरँगबली की पूजा के लिए भी शुभकारक मानी जाती है! कहते हैं इनकी पूजा से जातक के जीवन की हर प्रॉबल्म का समाधान हो जाता है! यही कारण है कि जब भी कोई व्यक्ति किसी प्रकार के संकट में होता है तो सबसे पहले इन्हीं की शरण में जाता है! क्योंकि मान्यता है कि संकटमोचन अपने भक्तों को जब भी किसी समस्या में देखते हैं तो खुद किसी न किसी रूप में आकर उसके सँकटों को हर लेता है!

यदि परेशानियों ने हर तरफ़ से आपको घेर रखा है तो मङ्गल वार और शनिवार का दिन हनुमान जी की कृपा पाने और उनको प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है! लेकिन कुछ लोग का अब ये सवाल होगा कि आख़िर इन्हें खुश किया कैसे जाए तो आपको बता दें इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं है बल्कि केवल संकटमोचन की छोटी से स्तुति से आपका बेड़ा पार हो सकता है। तो चलिए आपको बताते हैं इस चमत्कारी स्तुति के बारे में-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन सुबह एवं शाम को दोनों समय हनुमान मंदिर में जाकर सबसे पहले गाय के घी का एक दीपक जला दें और हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष सिंदूर या कुशा के आसन पर बैठकर निम्न स्तुति का पाठ करें! स्तुति का पाठ पूरा करने के बाद एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ एवँ श्रीहनुमत आरती भी अवश्य करें:

।। अथ हनुमान संकटमोचन स्तुति ।।

बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों।
ताहि सो त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।
देवन आनि करी विनती तब, छाड़ि दियो रवि कष्ट निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि शाप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीश यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहां पगु धारो।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
रावण त्रास दई सिय को तब, राक्षसि सो कही सोक निवारो।


ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मारो।
चाहत सीय असोक सों आगिसु, दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सुत रावन मारो।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो।
आनि संजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फांस सबै सिर डारो।
श्री रघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देवहिं पूजि भली विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो।
जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।
काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसो नहिं जात है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होए हमारो।।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

!! संकटमोचन हनुमान स्तुति समाप्त !!

हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें:

फ्लाइट से भगत सिंह अँतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे चण्डीगढ़ उतर कर मन्दिर पहुंचेंगे! वहाँ से कैब द्वारा श्री चिट्टा हनुमान मन्दिर यमुना नगर पहुँच जाओगे!

रेल मार्ग से कैसे पहुँचें:

रेल द्वारा यमुना नगर रेलवे स्टेशन है! इस रेल्वे स्टेशन पर आप उतर कर, कैब अथवा स्थानीय बस या ऑटो से भी पहुँच सकते हो श्री चिट्टा हनुमान मन्दिर!

सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें:

आप कार अथवा बस से दिल्ली से रवाना होते हो तो मन्दिर पहुँचने के लिए आप ४ घण्टे ६ मिनट्स का रास्ता तय करते हुए १८६.९ किलोमीटर यात्रा करके राष्ट्रीय राजमार्ग NH: ३३४ से पहुँच जाओगे श्री चिट्टा हनुमान मन्दिर!

श्री चिट्टा हनुमान की जय हो! जयघोष हो!!

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