श्री मटन गुरुद्वारा साहिब, अनंतनाग, जम्मू एवं कश्मीर भाग : ४७४ , पण्डित ज्ञानेश्वर हँस “देव” की क़लम से

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श्री मटन गुरुद्वारा साहिब, अनंतनाग, जम्मू एवं कश्मीर भाग : ४७४

आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा, भारत के धार्मिक स्थल : शनी देव मन्दिर, जूनी मन्दिर, इन्दौर, मध्यप्रदेश। यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप कृप्या करके प्रजाटूडे की वेबसाइट पर जाकर www.prajatoday.com पर धर्मसाहित्य पृष्ठ पर जा जाकर पढ़ सकते हैं।

श्री मटन गुरुद्वारा साहिब, अनंतनाग, जम्मू एवं कश्मीर भाग : ४७४

गुरुद्वारा श्री मटन साहिब के बारे में पूछने पर मेरे छोटे भाई सम मित्र विश्व प्रसिद्ध सिख धर्म के प्रचारक, व्याख्यानकरता, कीर्तनीये भाई साहब भाई श्री बक्शीष सिंह “बंदा” जी ने फरमाया प्राकृतिक खूबसूरती से सराबोर है यहां का हर दृश्य। गुरु साहिब जी ने इसी स्थान पर गुरबाणी का उच्चारण किया। जो कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र पेज (अंग) 467 पर सलोक महला 1 के शीर्षक पर अंकित है। गुरु साहिब कहते हैं ‘पडि पडि गडी लदी अहि’…..।

यह गुरुद्वारा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। सिखों का परम पावन तीर्थ गुरुद्वारा श्री मटन साहिब। यहां के मटन गांव में शुरुआत में यह स्थान श्री गुरु नानक देव जी के थड़े के रूप में प्रसिद्ध थी। बाद में यहां गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां दर्शनों के लिए आने लगे। इस स्थान पर श्री गुरु नानक देव जी ने लोगों को प्रवचन दिया था। मटन गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए आने वाले लोग न केवल भक्ति – भाव से भर जाते हैं बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी उन्हें लुभाती है।

सिक्ख धर्म में श्री मटन गुरुद्वारा साहिब का महत्व :

कश्मीर की हसीन वादियों में स्थित गुरुद्वारा श्री मटन साहिब, प्राकृतिक रूप से समृद्ध होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व रखने वाला ऐसा स्थान हैं, जहां पर सिख धर्म के पहले गुरु साहिब श्री गुरु नानक देव जी ने एक विद्वान पंडित की आत्ममुग्धता को तोड़ा था। संसार सही राह दिखाने के लिए गुरु साहिब के द्वारा संसार भ्रमण किया गया। अपनी तीसरी यात्रा के दौरान गुरु साहिब यहां पर प्राकृतिक छटा को अद्भुत रूप देते पानी के चश्मे के पास रुके थे।

वर्ष 1517 में आए गुरु साहिब ने इस स्थान पर गुरमत और सिक्खी का प्रचार किया और गुरबाणी का उच्चारण व गायन भी किया। इस स्थान को मटन के नाम से जाना जाता है। मटन से 12 किलोमीटर दूर बिजवाड़ा कस्बे में पंडित ब्रह्म दास नाम के विद्वान पंडित रहते थे। जब उन्हें पता चला कि कोई संत-फकीर मटन आकर लोगों को धर्म का उपदेश दे रहा है तो उनसे रहा न गया।

पंडित ब्रह्म दास भी उसी स्थान पर अपने द्वारा पढ़ी गई संस्कृत की तमाम किताबों को लादकर पहुंच गए। बताया जाता है कि पंडित जी को यह लगता था कि उनसे बड़ा विद्वान कोई नहीं है। इसलिए लोगों को अपना ज्ञान दिखाने के लिए वह अक्सर अपने पढ़ें सभी ग्रंथ साथ लेकर घूमते थे। साथ ही उनसे संवाद करने की चुनौती देते थे।

पंडित जी ने गुरु साहिब को भी धर्म चर्चा और संवाद करने की चुनौती दी। तब गुरु साहिब ने समझाया कि पंडित जी आप ज्यादा ज्ञान ग्रहण करने के बाद अपनी इन्द्रियों को काबू में नहीं रख पा रहे। जिस वजह से आपमें ज्ञान का अहंकार पैदा हो गया है।

गुरु साहिब ने इसी स्थान पर गुरबाणी का उच्चारण किया। जो कि गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र पेज (अंग) 467 पर सलोक महला 1 के शीर्षक पर अंकित है। गुरु साहिब कहते हैं ‘पडि पडि गडी लदी अहि’…..। जिसका अर्थ है कि अगर कोई इतनी पोथी पढ़ ले, जिससे कई गाड़ी भर जाएं, ढेर लग जाए, पढ़ने में ही महीने, साल, उम्र व सांस निकल जाए पर उसको परमात्मा की असल बात समझ न आए तो कोई फायदा नहीं। गुरु साहिब की यह बातें पंडित ब्रह्म दास का भ्रम तोड़ देती हैं।

जिस स्थान पर बैठकर गुरु साहिब ने उपदेश दिया था, बाद में इसी स्थान पर थड़ा गुरु नानक देव जी के नाम से गुरुद्वारा स्थापित होता है। लेकिन अब इस स्थान पर गुरुद्वारा साहिब के साथ मंदिर भी स्थापित है। साल 1766 में काउंसिल ऑफ अफगान रीजन के सदस्य गुरमुख सिंह के प्रभाव के कारण कश्मीर के गवर्नर नूर-ओ-दीन खान बमजी ने मटन साहिब के गुरुद्वारे की इमारत का निर्माण करवाया था।

ऐसे पहुंचे श्री मटन गुरूद्वारा साहिब :

श्रीनगर जाने के लिए देश के कई शहरों से हवाई सेवा उपलब्ध है। आप दिल्ली से भी फ्लाइट लेकर श्रीनगर पहुंच सकते हैं। अगर आप रेल के द्वारा श्रीनगर जाना चाहते हैं तो आप नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से श्रीनगर के लिए ट्रेन की बुकिंग करा सकते हैं। ट्रेन रूट अन्य रूट्स की तुलना में सस्ता और सुविधाजनक रहता है। अगर बस से श्रीनगर पहुंचना चाहते हैं तो इसके लिए बुकिंग पर कई बस और प्राइवेट टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।

पता :

श्री मटन गुरुद्वारा साहिब, अनंतनाग, जम्मू एवं कश्मीर । पिन कोड: 192122 भारत।

फ्लाइट से श्री मटन गुरुद्वारा साहिब कैसे पहुँचे :

यदि आप फ्लाइट से जाने की योजना बना रहे है तो हम आपको बता दें अनंतनाग शहर का सबसे निकटतम हवाई अड्डा श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो लगभग 49.5 किमी की दूरी पर स्थित है। तो आप फ्लाइट से यात्रा करके हवाई अड्डा पहुंच सकते है और हवाई अड्डे से आने के लिए बस, टैक्सी या कैब किराये पर ले कर मार्ग होते हुए 1 घण्टा 13 मिनट्स में श्री मटन गुरुद्वारा साहिब पहुंच सकते है।

ट्रैन से श्री मटन गुरुद्वारा साहिब कैसे पहुँचे :

अगर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ ट्रेन से यात्रा करके जाना चाहते है तो हम आपको बता दें अनंतनाग स्टेशन से आते है, जो श्री मटन गुरुद्वारा साहिब से लगभग 11.4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रेलवेस्टेशन, राज्य को जोड़ता है। यहां पहुचने के बाद आप यहाँ से टैक्सी या स्थानीय वाहनों के माध्यम से एनएच 501 मार्ग होते हुए मिनट्स में श्री मटन गुरुद्वारा साहिब पहुंच सकते है।

सड़क मार्ग से शनी देव मन्दिर कैसे पहुँचे :

आप ISBT इन्टर स्टेट बस टर्मिनल द्वारा बस अथवा अपनी कार से किलोमीटर की दूरी तय करके वाया ÑH 44 मार्ग से से, आसानी से 16 घण्टा 13 मिन्ट्स में पहुँच जाओगै श्री मटन गुरुद्वारा साहिब।

श्री गुरु नानक देव जी महाराज जी की जय हो। जयघोष हो।।

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