श्री राम मन्दिर श्री राम मन्दिर मार्ग, निकट दादा देव मन्दिर, पॉकेट 2, सेक्टर-7 द्वारका, नई दिल्ली भाग :४४०
आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा, भारत के धार्मिक स्थल : दमदमा साहेब गुरुद्वारा, निज़ामुद्दीन, नई दिल्ली। यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप कृप्या करके प्रजाटूडे की वेबसाइट पर जाकर www.prajatoday.com पर जाकर धर्मसाहित्य पृष्ठ पर पढ़ सकते हैं:
श्री राम मन्दिर, श्री राम मन्दिर मार्ग, निकट दादा देव मन्दिर, पॉकेट 2, सेक्टर-7 द्वारका, नई दिल्ली। भाग :४४०
पैदल मार्ग से अथवा कार से चल कर आना और बाइकिंग या साईकलिंग से आना,बहु-दिन और विस्तारित पर्यटन सांस्कृतिक और थीम टूर द्वारा द्वारका उपनगर के सेक्टर 7 के दादा देव मन्दिर के समीप ही है : रंगीन दक्षिण भारतीय हिन्दू मन्दिर – भगवान श्री राम मन्दिर भगवान श्री राम मंदिर नई दिल्ली में पूजा करने की शाँत जगह है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मध्य स्थित है।
श्री राम मंदिर के बारे में :
दिल्ली के सबसे पुराने संगठनों में से एक, दिल्ली भजन समाज (रजि.) एचएएफ पॉकेट 2, श्री राम मंदिर मार्ग, (सिद्धार्थ कुंज अपार्टमेंट के पीछे, प्लॉट नंबर 17), दादा देव मंदिर मेला मैदान के पास स्थित श्री राम मंदिर को समर्पित करते हुए प्रसन्न है। , सेक्टर 7, द्वारका, नई दिल्ली द्वारका और आसपास के क्षेत्र के लोगों को।
श्री राम मन्दिर परिसर :
श्री राम मंदिर परिसर में भूतल में भगवान श्री राम दरबार, भगवान कामेश्वर (लिंग रूप में शिव), देवी कामेश्वरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और नवग्रह और पहली मंजिल में भगवान रंगनाथर (सोते हुए भगवान विष्णु) शामिल हैं।
श्री राम मन्दिर की विशिष्टता :
4 जून 2012 को कांची कामकोटि पीठम के परम पावन शंकराचार्य श्री श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीगल की उपस्थिति से विद्वान पंडितों द्वारा प्रतिश्ठित कुम्भाभिषेकम (प्राणप्रतिष्ठा) किया गया है।
शंकराचार्य श्री श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीगल जी की गरिमामय उपस्थिति में :
18 मार्च 2016 को कांची कामकोटी पीठम के परम पावन जगद्गुरु श्री श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीगल के सौम्य आशीर्वाद के साथ नूथाना राजगोपुरम का कुंभाभिषेकम किया गया था।
तमिलनाडु में वेद पाठशाला में गुरुकुल वैदिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले और शास्त्रों और अनुष्ठानों से अच्छी तरह वाकिफ होने वाले विद्वान पुजारियों द्वारा नियमित पूजा आयोजित की जा रही है।
अभिषेकम / पूजा / अर्चना / होमम्स (हवन) सभी देवताओं के लिए नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।
शनिश्चरवार को विशेष पूजा :
शनिवार को भक्तों की ओर से शनिदेव की विशेष पूजाअर्चना की जाती है।
हर पहले रविवार को गणपति होमम / नवग्रह होमम (हवन) बुकिंग के खिलाफ किया जाता है।
प्रत्येक दूसरे रविवार को लगुन्यास रुद्र जाप और सभी देवताओं का अभिषेक किया जाता है।
हर तीसरे रविवार को भगवान रंगनाथर का विशेष अभिषेक किया जाता है।
श्रीराम आराधना करें शिव सँग :
‘भगवान शिव’ राम के इष्ट एवँ ‘राम’ शिव के इष्ट हैं। ऐसा सँयोग इतिहास में नहीं मिलता कि उपास्य और उपासक में परस्पर इष्ट भाव हो इसी स्थिति को संतजन ‘परस्पर देवोभव’ का नाम देते हैं।
शिव का प्रिय मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ एवं ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ मंत्र का उच्चारण कर शिव को जल चढ़ाने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
भगवान श्रीराम ने स्वयं कहा है :
‘शिव द्रोही मम दास कहावा सो नर मोहि सपनेहु नहि पावा।’
– अर्थात् जो शिव का द्रोह कर के मुझे प्राप्त करना चाहता है वह सपने में भी मुझे प्राप्त नहीं कर सकता। इसीलिए शिव आराधना के साथ श्रीरामचरितमानस पाठ का बहुत महत्वपूर्ण होता है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम 14 वर्ष के वनवास काल के बीच जब जाबालि ऋषि की तपोभूमि मिलने आए तब भगवान गुप्त प्रवास पर नर्मदा तट पर आए। उस समय यह पर्वतों से घिरा था। रास्ते में भगवान शंकर भी उनसे मिलने आतुर थे, लेकिन भगवान और भक्त के बीच वे नहीं आ रहे थे। भगवान राम के पैरों को कंकर न चुभें इसीलिए शंकरजी ने छोटे-छोटे कंकरों को गोलाकार कर दिया। इसलिए कंकर-कंकर में शंकर बोला जाता है।
जब प्रभु श्रीराम रेवा तट पर पहुंचे तो गुफा से नर्मदा जल बह रहा था। श्रीराम यहीं रुके और बालू एकत्र कर एक माह तक उस बालू का नर्मदा जल से अभिषेक करने लगे। आखिरी दिन शंकरजी वहां स्वयं विराजित हो गए और भगवान राम-शंकर का मिलन हुआ।
शिवप्रिय मैकल सैल सुता सी, सकल सिद्धि सुख संपति राशि…,रामचरित मानस की ये पंक्तियां श्रीराम और शिव के चरण पड़ने की साक्षी है।
मकर संक्रांति के दिन कर लेंगे 10 में से कोई एक कार्य तो खुल जाएंगे भाग्य। किस वाहन पर सवार होकर आ रही है संक्रांति, जा मकर संक्रांति के दिन न करें ये 10 कार्य, वर्ना पछताएंगे मकर संक्रांति 2023 : तिल के 11 प्रयोग आपकी किस्मत चमका देंगे।
ॐ
राम
शिव
ॐ जिसे योगी जन अपनी नाभि चक्र द्वारा सुना करते हैं ॐकार जो अनहद नाद कहलाता है।
राम साकार स्वरूप में चक्रवर्ती राजा दशरथ जी के यहाँ जन जन का आधार स्वरूप साक्षात राम हैं।
शिव निराकार रूप में प्रथम देवाधिदेव महादेव शिव शँकर हैं।
प्रभु जी का बताया अचूक मन्त्र है।
ॐ राम शिव
श्रीराम आराधना करें शिव सँग :
‘भगवान ‘शिव’ राम के इष्ट एवँ ‘राम’ शिव के इष्ट हैं। ऐसा सँयोग इतिहास में नहीं मिलता कि उपास्य और उपासक में परस्पर इष्ट भाव हो इसी स्थिति को संतजन ‘परस्पर देवोभव’ का नाम देते हैं।
शिव का प्रिय मन्त्र ‘ॐ नमः शिवाय’ एवं ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ मंत्र का उच्चारण कर शिव को जल चढ़ाने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
भगवान श्रीराम ने स्वयं कहा है :
‘शिव द्रोही मम दास कहावा सो नर मोहि सपनेहु नहि पावा।’
– अर्थात् जो शिव का द्रोह कर के मुझे प्राप्त करना चाहता है वह सपने में भी मुझे प्राप्त नहीं कर सकता। इसीलिए शिव आराधना के साथ श्रीरामचरितमानस पाठ का बहुत महत्वपूर्ण होता है।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम 14 वर्ष के वनवास काल के बीच जब जाबालि ऋषि की तपोभूमि मिलने आए तब भगवान गुप्त प्रवास पर नर्मदा तट पर आए। उस समय यह पर्वतों से घिरा था। रास्ते में भगवान शंकर भी उनसे मिलने आतुर थे, लेकिन भगवान और भक्त के बीच वे नहीं आ रहे थे। भगवान राम के पैरों को कंकर न चुभें इसीलिए शंकरजी ने छोटे-छोटे कंकरों को गोलाकार कर दिया। इसलिए कंकर-कंकर में शंकर बोला जाता है।
जब प्रभु श्रीराम रेवा तट पर पहुंचे तो गुफा से नर्मदा जल बह रहा था। श्रीराम यहीं रुके और बालू एकत्र कर एक माह तक उस बालू का नर्मदा जल से अभिषेक करने लगे। आखिरी दिन शंकरजी वहां स्वयं विराजित हो गए और भगवान राम-शंकर का मिलन हुआ।
शिवप्रिय मैकल सैल सुता सी, सकल सिद्धि सुख संपति राशि…, रामचरित मानस की ये पंक्तियां श्रीराम और शिव के चरण पड़ने की साक्षी है।
मकर संक्रांति के दिन कर लेंगे 10 में से कोई एक कार्य तो खुल जाएंगे भाग्य। किस वाहन पर सवार होकर आ रही है संक्रांति, जा मकर संक्रांति के दिन न करें ये 10 कार्य, वर्ना पछताएंगे मकर संक्रांति 2023 : तिल के 11 प्रयोग आपकी किस्मत चमका देंगे।
पता :
प्लॉट न० 17, श्री राम मन्दिर, HAF पॉकेट 2, श्री राम मन्दिर मार्ग, सिद्धार्थ कुन्ज अपार्टमेंट के पीछे, निकट दादा देव मन्दिर, सेक्टर-7 द्वारका, नई दिल्ली, पिनकोड : 110075 भारत।
हवाई मार्ग सर कैसे पहुँचें :
हवाईजहाज से पालम दिल्ली के निकटतम इन्दिरगाँधी हवाईअड्डे उतरना है जो द्वारका शहर के केंद्र से लगभग किलोमीटर दूर स्थित है। आप कैब किराए पर ले सकते हैं या प्री-पेड टैक्सी बुक कर सकते हैं जो हवाई अड्डे और शहर के बीच यात्रा करने के लिए आसानी से हवाईअड्डे पर ही उपलब्ध हैं।
मेट्रो रेल मार्ग से कैसे पहुँचें :
मेट्रो ट्रेन से द्वारका, एक विशाल नेटवर्क पर स्थित है जो इसे दिल्ली के प्रमुख स्टेशन्स से जोड़ता है। एक बार जब आप सेक्टर 9 स्टेशन पहुंच जाते हैं, तो आप शहर के श्री राम मन्दिर जाना चाहते हैं, इसके आधार पर आप टैक्सी, ऑटो-रिक्शा य्या ई-रिक्शा किराए पर ले सकते हैं।
सड़क मार्ग सर कैसे पहुँचें :
बस से दिल्ली कशमीरीगेट के ISBT अंतर्राज्यीय बस अड्डे से अपनी कार या बस द्वारा आते हैं तो वाया द्वारका मार्ग 9.6 किलोमीटर की दूरी तय करके ०घण्टे 19 मिनेट्स में पँहुँच जाओगे श्रीराम मन्दिर।
श्री रामचन्द्र जी महाराज की जय हो। जयघोष हो।।