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@ जयपुर राजस्थान
जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने रविवार को चित्तौडग़ढ़ के पाचर चौराहे से गुज़र रही ‘स्वराज सन्देश’ संवाद यात्रा में शामिल होते हुए कहा कि जब-जब इस प्रकार की यात्राएं होती हैं तब-तब परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस यात्रा से भी समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।

मंत्री मालवीय ने विनोबा भावे का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनकी स्वराज यात्रा के दौरान स्वराज आंदोलन में वागड़ के 31 गांव ग्रामदानी बने जहां पर आज भी स्वराज की परम्पराओं का पालन होता है। उनका उद्देश्य भी यही था कि गांव में किसान परंपरागत खेती करें, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, गांव का अनाज गांव में एकत्र हो तथा वहां के ग्रामवासियों के काम आए। वाग्धारा की स्वराज सन्देश संवाद यात्रा का भी यही उद्देश्य है कि परंपरागत खेती को बढ़ावा मिले, ग्राम स्तर पर बच्चों को सही शिक्षा के साथ-साथ उनके अधिकार सुरक्षित रहें और खाद्य का स्वराज स्थापित हो।
इस अवसर पर महात्मा गांधी के सम्बन्ध में मालवीय ने कहा कि निःस्वार्थ भाव से एक धोती, लाठी और लंगोट में देश की आज़ादी के लिए निकल पड़े और उनके नेतृत्व में देश आज़ाद हुआ। उन्होंने आगे कहा कि अपने जीवन के निजी सुखों को त्याग कर समाज का कल्याण करने वाले लोग विरले ही होते हैं।
उल्लेखनीय है कि यह यात्रा 11 सितम्बर को विनोबा भावे की जयंती पर बांसवाड़ा से शुरू हुई थी और गाँधी जयंती पर 2 अक्टूबर को जयपुर में स्वराज सन्देश-आग्रह सम्मलेन के साथ इसका समागम होगा। 200 पदयात्रियों के साथ चल रही यह पदयात्रा कल चित्तौड़गढ़ से होते हुई भीलवाड़ा के लिए प्रस्थान करेगी।