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@ चंडीगढ़ हरियाणा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल सरकार द्वारा बिजली उत्पादन के लिए पानी के गैर-खपत उपयोग के लिए जलविद्युत परियोजनाओं पर वॉटर सेस लगाने के अध्यादेश का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह वॉटर सेस अवैध है और हरियाणा राज्य पर बाध्यकारी नहीं है, इसलिए इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश सरकार के इस अध्यादेश का विरोध करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसका विपक्ष ने भी समर्थन दिया और प्रस्ताव सदन में सर्वसम्मति से पारित हुआ। मनोहर लाल ने प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि इस वॉटर सेस से भागीदार राज्यों पर प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा, जिसमें से लगभग 336 करोड़ रुपये का बोझ हरियाणा राज्य पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार द्वारा इस अध्यादेश को वापस लिया जाना चाहिए।
