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@ नई दिल्ली
अन्य ओबीसी, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों और विमुक्त जनजातियों संबंधी मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति स्कीम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 250.00 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान था। जबकि, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 394.61 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान है।
ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी संबंधी मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति स्कीम में वर्ष 2021-22 के दौरान संशोधन किया गया है जिसका उद्देश्य XVवें वित्त आयोग के कार्यकाल में पांच वर्षों की अवधि के दौरान इस स्कीम के अंतर्गत लगभग 5.67 करोड़ छात्रों को कवर करना है। यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री प्रतिमा भौमिक ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।