@ नई दिल्ली
केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सरकारों को 1 जनवरी, 2023 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों में सिर्फ CNG और e-auto के ही रजिस्ट्रेशन का निर्देश दिया है। इन शहरों से 2026 के अंत तक डीजल चलित ऑटो का संचालन चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह बंद करने के लिए भी कहा गया है।
आयोग ने बुधवार को तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा है कि इस निर्देश का लक्ष्य एनसीआर में एक जनवरी, 2027 से सिर्फ CNG या e-auto का ही संचालन सुनिश्चित करना है। एनसीआर में पूरी दिल्ली के अलावा हरियाणा के 14, यूपी के 8 और राजस्थान के 2 जिले शामिल हैं।
दिल्ली ने 1998 में वाणिज्यिक वाहनों को पूरी तरह CNG में बदलने का अभियान शुरू किया था और वर्तमान में यहां डीजल चलित ऑटो का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह प्रतिबंधित है। अक्तूबर, 2022 में दिल्ली परिवहन विभाग ने 4261 नए e-auto के रजिस्ट्रेशन की योजना आरंभ की है।
वायु गुणवत्ता आयोग के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल ने कहा है कि तीनों राज्य निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। राज्यों की एजेंसियों को भी व्यापक प्रचार करने के लिए भी कहा गया है।
पहला चरण : 31 दिसंबर, 2024 तक गुरुग्राम, फरीदाबाद, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद से हटाया जाएगा।
दूसरा चरण : 31 दिसंबर, 2025 तक सोनीपत, रोहतक, झज्जर और बागपत का नंबर आएगा।
31 दिसंबर 2026 : अन्य सभी शहरों से हटा दिया जाएगा।
वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट के अनुसार 117 देशों के बीच प्रदूषण में भारत का स्थान पांचवां है।दुनिया के 100 प्रदूषित शहरों में 63 भारत के हैं। इसमें दिल्ली के साथ एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और पलवल भी शामिल हैं। प्रदूषण के कारण चरणबद्ध तरीके से एनसीआर में कई पाबंदियां लगानी होती हैं, जिनसे अर्थव्यवस्था को झटका लगता है। एनसीआर के शहरों में कई उद्योग हैं। पाबंदियों के आखिरी चरण में उन्हें भी बंद करना होता है। इसलिए वायु गुणवत्ता आयोग दीर्घकालीन योजना के तहत स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने वाले वाहनों पर जोर दे रहा है।