@ नई दिल्ली :
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा देश भर में अपनी प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक गतिविधि आयोजित की गई। CSIR देश के सबसे बड़े विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संगठनों में से एक है।
CSIR की दिल्ली स्थित प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने ऑनलाइन मोड के माध्यम से CSIR की सभी अन्य प्रयोगशालाओं से एक साथ जुड़कर इस गतिविधि का समन्वय किया।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन CSIR-आईजीआईबी के निदेशक डॉ. सौविक मैती ने किया। CSIR-एचआरडीजी की प्रमुख डॉ. गीता वाणी रायसम ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर CSIR की विभिन्न प्रयोगशालाओं के कई वरिष्ठ वैज्ञानिक, शिक्षक और स्कूली छात्र भी मौजूद थे।
इसमें भाग लेने वाली प्रत्येक CSIR प्रयोगशाला में कक्षा 9 के लगभग तीस स्कूली छात्रों ने CSIR-आईजीआईबी की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. बीना पिल्लई और विज्ञान संचारक डॉ. आर्य सिद्धार्थन के मार्गदर्शन में डीएनए पृथक्करण किट का उपयोग करके स्वयं की लार से डीएनए को अलग किया।
इस अभ्यास के माध्यम से छात्रों ने कोशिका संरचना और डीएनए की रासायनिक प्रकृति के वैज्ञानिक सिद्धांतों के बारे में भी जाना। अंत में, छात्रों को वैज्ञानिक सिद्धांतों की उनकी समझ का मूल्यांकन करने और उनकी वैज्ञानिक योग्यता का आकलन करने के लिए एक प्रश्नावली दी गई।
वैज्ञानिक योग्यता मूल्यांकन के परिणाम और उसके बाद के अध्ययन से न केवल छात्रों को अपनी योग्यता के अनुकूल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में करियर विकल्प चुनने में मदद मिलने की उम्मीद है, बल्कि नीति निर्माताओं को इससे नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने में भी मदद मिलेगी।
इस वैज्ञानिक कार्यक्रम में देश भर में स्थित 33 CSIR प्रयोगशालाओं से लगभग 830 छात्र लाइव बातचीत में शामिल हुए। CSIR-आईजीआईबी में केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, एयर फोर्स स्टेशन, हिंडन, गाजियाबाद के छात्रों ने इस आयोजन में भाग लिया। उन्होंने प्रयोगशालाओं का दौरा भी किया और वैज्ञानिकों से बातचीत की। यह वैज्ञानिक योग्यता मूल्यांकन CSIR-जिज्ञासा मंच के तहत किया गया था, जो एक प्रमुख संपर्क कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम स्कूली छात्रों को CSIR प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों से जोड़ता है। 2017 से अब तक लगभग 10 लाख स्कूली छात्र इस कार्यक्रम में भाग ले चुके हैं।