6 राज्यों के 100 गांवों में पायलेट प्रोजेक्ट के लिए कृषि मंत्रालय व माइक्रोसॉफ्ट के बीच एमओयू…

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संवाददाता : नई दिल्ली

डिजिटल एग्रीकल्चर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना अब मूर्तरूप ले रही है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद से मोदी ने खेती-किसानी में आधुनिक तकनीक के उपयोग पर बहुत बल दिया है, ताकि इसके माध्यम से किसानों को सुविधा हो और उनकी आमदनी बढ़ सकें। टेक्नोलॉजी के उपयोग से किसानों के लिए खेती मुनाफे का सौदा बनेगी, साथ ही नई पीढ़ी भी कृषि की ओर आकर्षित होगी। इसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार की पारदर्शिता की सोच के अनुरूप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) सहित अन्य योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में जमा कराई जा रही है। इसी तरह, मनरेगा भी प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकता में है।

पहले मनरेगा में प्रोग्रेस होती भी थी तो पूछे जाने पर ठीक प्रकार से परिदृष्य को बताना संभव नहीं हो पाता था, पहले इस स्कीम में अनेक प्रकार की शिकायतें भी आती थी, लेकिन अब प्रसन्नता की बात है कि पीएम की रूचि के कारण टेक्नालॉजी का उपयोग किए जाने से मनरेगा का सारा डेटा सरकार के पास उपलब्ध है, जिससे आज मजदूरी की राशि सीधे मजदूरों के बैंक खातों में जाती है। आज मनरेगा में लगभग 12 करोड़ लोग जाब कार्डधारी है, जिनमें से लगभग 7 करोड़ लोग काम प्राप्त करने के लिए आते रहते हैं।

फसलोपरांत प्रबंधन एवं वितरण सहित स्‍मार्ट एवं सुव्‍यवस्‍थित कृषि के लिए किसान इंटरफेस विकसित करने हेतु 6 राज्‍यों (उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान व आंध्रप्रदेश) के 10 जिलों में चयनित 100 गांवों में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए माइक्रोसाफ्ट आगे आया है। इस प्रोजेक्ट के लिए माइक्रोसॉफ्ट अपने स्थानीय भागीदार, क्रॉपडेटा के साथ शामिल हुआ है। इस संबंध में कैबिनेट मंत्री तोमर व दोनों राज्य मंत्रियों की मौजूदगी में एमओयू व त्रिपक्षीय विलेख का आदान-प्रदान किया गया। प्रोजेक्ट एक वर्ष के लिए है व एमओयू करने वाले दोनों पक्षकार अपनी स्‍वयं की लागत से इसका वहन करेंगे। 

सरकार का उद्देश्‍य असंगत सूचना की समस्‍या दूर करके किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से कई नई पहल शुरू की गई हैं। इस संबंध में एक प्रमुख पहल राष्‍ट्रीय कृषक डेटाबेस पर आधारित कृषि-कोष बनाना है। सरकार देशभर से किसानों के भू-रिकार्डों को जोड़कर किसान डेटाबेस तैयार कर रही है। पीएम किसान, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित सरकार के पास उपलब्ध आंकड़े समेकित कर लिए गए हैं व अन्य आंकड़ों को जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। कृषि मंत्रालय की सभी योजनाओं में जो भी परिसंपत्तियां निर्मित होगी, उसके जियो टैगिंग के लिए भी कृषि मंत्री तोमर ने निर्देश जारी किए हैं।

कार्यक्रम में कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी, सचिव संजय अग्रवाल, अपर सचिव विवेक अग्रवाल, माइक्रोसाफ्ट इंडिया के अध्यक्ष अनंत माहेश्वरी, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नवतेज बल व डायरेक्टर- स्ट्रेटेजिक सेल्स नंदिनी सिंह तथा क्रॉपडेटा टेक्नोलॉजी प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक सचिन सूरी, डायरेक्टर रमाकांत झा सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।

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