आज की सनसनीखेज दुनिया में कोई भी खबर विशेष खबर नहीं है : विक्रम पटवर्धन

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@  पणजी गोवा

आज की सनसनीखेज दुनिया में कोई भी खबर विशेष खबर नहीं है। यह बात फ्रेम फिल्म के निर्देशक विक्रम पटवर्धन ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि फोटो बनाने में प्रौद्योगिकी की शुरुआत होने के साथ ही एक पेशे के रूप में फोटो पत्रकारिता में परिवर्तनकारी बदलाव आ चुका  है।

गोवा में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान पीआईबी द्वारा आयोजित किए जा रहे ‘टेबल टॉक्स’ में मीडिया तथा महोत्सव के प्रतिनिधियों के साथ परस्पर बातचीत करते हुए विक्रम पटवर्धन ने कहा कि फ्रेम फिल्म एक फोटो पत्रकार के जीवन के बारे में है जो इस सोच में विश्वास रखता है कि किसी फोटो पत्रकार का धर्म किसी भी घटना की बिना उसके साथ कोई भी छेड़छाड़ किए हुए जैसी वह हुई है ठीक उसी प्रकार लोगों के सामने उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करना है।

बतौर एक फोटो पत्रकार के अपने अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा  फोटो पत्रकार एक ही दिन में कई तरह की दुनिया अनुभव करता हैं और वास्तव में वे प्रति दिन विविध किस्मों के अनुभव से गुजरते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने कार्य अनुभव का उपयोग करते हुए किसी फोटो पत्रकार के सामने आने वाली चुनौतियों को चित्रित करना चाहते थे

इस फिल्म के निर्माण की यात्रा के बारे में चर्चा करते हुए विक्रम पटवर्धन ने कहा कि उनका टीम वर्क शानदार रहा है जिसके कारण फ्रेम फिल्म के निर्माण की यात्रा बहुत ही आसान हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टीम के लोगों के बीच बहुत ही अच्छा समन्वय रहा जिसके कारण पूरी फिल्म की शूटिंग केवल 20 दिनों में ही पूरी हो गई।

फिल्म के बारे में 

निर्देशक : विक्रम पटवर्धन

निर्माता : जी स्टूडियो आटपात

पटकथा :  विक्रम पटवर्धन

छायाकार :  मिलिंद जोग

संपादक :  कुतुब इनामदार

कलाकार : नागराज मंजुले अमेय वाघ मुग्धा गोडसे अक्षय गुरव

2021 । मराठी । रंगीन । 118 मिनट

इस फिल्म की कहानी अपने नायक के इर्द-गिर्द घूमती है जो एक मध्य आयु वर्ग का फोटो पत्रकार चंदू पानसरे (सीपी) है जो इस सोच में विश्वास रखता है कि ‘हमारे पेशे की तरह ही हमारा जीवन भी एक कला है और किसी भी कला का कोई प्रारूप नहीं होता।’  उसका विश्वास उस समय दरकने लगता है जब उसकी पेशागत नैतिकता और एक व्यक्ति के रूप में समाज के प्रति उसका कर्तव्य एक दूसरे के साथ टकराने लगते हैं। सीपी हाल में नियुक्त हुए युवा फोटो पत्रकार सिद्धार्थ देशमुख को परामर्श देता है लेकिन देशमुख पेशागत नैतिकता को लेकर सीपी से सहमत नहीं होता।

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