राष्ट्रीय दिनांक गुरुवार आज इंडियन नेशनल कैलेंडर के अनुसार राष्ट्रीय दिनांक 03 अग्रहायण 1944
आज ग्रेगोरियन अंग्रेजी दिनांक 24 नवंबर 2022
इसका प्रयोग हमें चैक,NEFT, प्रवेश पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, आदि पर अंग्रेजी में INC 03 AGHN 1944
हिंदी में राष्ट्रीय सौर 03 अग्रहायण 1944
इस प्रकार लिखना चाहिए
अनेकता में एकता वाले इस देश में आजादी के समय एक विचार उठा की एक सर्व संपन्न देश की तरह हमारा भी अपना एक कैलेंडर होना चाहिए तब मेघनाथ साहा ने 22 मार्च 1957 को इस राष्ट्रीय कैलेंडर का जीर्णोद्धार करके नवीन रूप दिया जो सभी को मान्य था।
🚩 मंदिर सूचना पट्ट, कथा, कीर्तन, विवाह शादी…राष्ट्रीय दिनांक गुरु वार Indian national calendar आज इंडियन नेशनल कैलेंडर के अनुसार राष्ट्रीय दिनांक INC 03 अग्रहायण 1944.
आज ग्रेगोरियन अंग्रेजी दिनांक 24 नवंबर 2022.
इसका प्रयोग हमें चैक,NEFT, प्रवेश पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, आदि पर अंग्रेजी में INC 03 AGHN 1944.
हिंदी में *राष्ट्रीय सौर 03 अग्रहायण 1944 इस प्रकार लिखना चाहिए।
अनेकता में एकता वाले इस देश में आजादी के समय एक विचार उठा की एक सर्व संपन्न देश की तरह हमारा भी अपना एक कैलेंडर होना चाहिए तब मेघनाथ साहा ने 22 मार्च 1957 को इस राष्ट्रीय कैलेंडर का जीर्णोद्धार करके नवीन रूप दिया जो सभी को मान्य था।
🚩 मंदिर सूचना पट्ट, कथा, कीर्तन, विवाह शादी, गृह प्रवेश निमंत्रण पत्र आदि पर दिनांक इस प्रकार लिखें 03 अग्रहायण (मार्गशीर्ष) 1944 (5124).
🚩 ओम विष्णु विष्णु विष्णु श्रीमद् भगवतो महत् पुरुषस्य विष्णो राजया प्रवर्तमानस्य अद्य ब्रह्मणो द्वितीये परार्धे श्री श्वेत वराह कल्पे सप्तमे वैवस्वत मन्वंतरे अष्टा विंशति तमे कलियुग संबत 5124 अग्रहायण (मार्गशीर्ष) मासे (वैदिक नाम सह मासे) दिनांक 03 गुरु वासरे ….नामक स्थाने ( अपना गोत्र ब नाम ) अहम् पूजा अहम् करिष्यामी ऐसा कहकर हाथ से जल्द छोड़ दें. व्यक्तिगत प्रतिदिन की पूजा में तिथि नक्षत्र बोलने की आवश्यकता नहीं क्योंकि यह कर्मकांड की भाषा है।
🚩 यदि हमसे कोई पूछे कि आप कौन-कौन सी भाषा जानते हैं तो (1) हिंदी (2) प्रादेशिक भाषा (3) अंग्रेजी (4) हम संस्कृत भी जानते हैं क्योंकि पूजा के समय हम उपरोक्त संकल्प कहते हैं अथवा पूजा के समय कुछ मंत्र भी बोलते हैं जैसे कि त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
🚩 राष्ट्रीय शक् संवत् (सन्)1944
🚩 विक्रमी संवत् (सन्) 2079
🚩 युगाब्द या कलियुग संवत् 5124
🚩 श्री कृष्ण संवत् (सन्) 5249
🚩 श्री राम संवत्(सन्) 880165
🚩 सृष्टि संवत् 1955885123
🚩 संवत्सर नल 🚩 दक्षिणायन
🚩 ऋतु हेमंत
🚩 यजुर्वेद में इस महीने का नाम सहमास है
🚩 चन्द्र मास नाम = मार्गशीर्ष
🚩 पक्ष शुक्ल
🚩 तिथि प्रतिपदा
🚩 नक्षत्र अनुराधा
🚩 दिनमान 26 घटी 00 पल (एक दिन रात 60 घटी अथवा 24 घंटे का होता है)
🚩सूर्य उदय 6:56 सूर्य अस्त 5:20
🚩 वृश्चिक राशि में सूर्या संक्रान्ति से प्रविष्टे 09
🚩 दिशाशूल दक्षिण (यदि यात्रा आवश्यक हो तो जीरा या दही खाकर घर से निकले)
🚩 अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:46 to 12:28
(इस समय किये गये कार्य की रक्षा स्वयं भगवान विष्णु करते हैं)
🚩 राहुकाल 1:26 pm से 02:46 pm तक ( इस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए ऐसा दक्षिण भारत में मान्यता है)
🚩 यह पंचांग दिल्ली के अक्षांश रेखांश पर आधारित है।
🚩 श्री विनायक चतुर्थी व्रत 27 नवंबर रविवार
🚩 श्री बांके बिहारी प्राकट्य उत्सव, श्री राम जानकी विवाह उत्सव, श्री गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस 28 नवंबर सोमवार
🚩 गंडमूल 24 नवंबर 7:36pm से 26 नवंबर 2:57pm तक
🚩 पंचक 29 नवंबर 7:54pm से 4 दिसंबर 6:15 am तक
🚩 सर्वार्थ सिद्धि योग 23 नवंबर 9:36 pm to 24 नवंबर 7:36 pm तक
🚩 सर्वार्थसिद्धि योग 27 नवंबर दोपहर 12:37 से 28 नवंबर प्रातः 6:57 तक
🚩 अमृत सिद्धि योग 23 नवंबर 9:36 pm से 24 नवंबर 6:56am तक
🚩 शुक्र अस्त तारा अस्त 30 सितंबर से 25 नवंबर तक
🚩 रवि पुष्य योग 11 दिसंबर 8:35 pm से 12 दिसंबर 7:08 am तक
🚩 द्विपुष्कर योग 29 नवंबर दोपहर 11:04 से 30 नवंबर प्रातः 7:00 बजे तक (इस समय में किया गया कार्य दोगुना होता है)
🚩 त्रिपुष्कर योग 20 दिसंबर 9:54 am से 21 दिसंबर 00:45 am तक (इस समय किया गया कार्य तीन गुना वृद्धि होता है)
🚩 ज्वालामुखी योग 23 दिसंबर शाम 3:40 pm से 24 दिसंबर 1:12 am तक ( इस समय किया हुआ कार्य सफल नहीं होता)