रविवार आज इंडियन नेशनल कैलेंडर के अनुसार राष्ट्रीय सौर दिनांक 27 अग्रहायण( मार्गशीर्ष) 1944
आज ग्रेगोरियन अंग्रेजी दिनांक 18 दिसंबर 2022
इसका प्रयोग हमें चैक,NEFT, प्रवेश पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, आदि पर अंग्रेजी में 27 AGHN 1944.
हिंदी में *राष्ट्रीय सौर 27 अग्रहायण 1944 इस प्रकार लिखना चाहिए।
🚩 आजाद भारत सरकार ने अपना दायित्व निभाया अब हम जनमानस का कर्तव्य है कि इस राष्ट्रीय दिनांक का प्रचार प्रसार करें कहीं ऐसा ना हो कि आने वाले 25 या 30 वर्षों के पश्चात अंतरिक्ष विज्ञान की विश्व की सबसे श्रेष्ठ गणना का लोहा जब विदेश पेटेंट करवा लेंगे तब हमारे लिए लज्जा का विषय होगा हमारी आने वाली पीढ़ियां कहेगी कि हमारे पूर्वजों ने हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान की सर्वश्रेष्ठ गणना को सहेज कर क्यों नहीं रखा।
🚩 मंदिर सूचना पट्ट, कथा, कीर्तन, विवाह शादी, गृह प्रवेश निमंत्रण पत्र आदि पर दिनांक इस प्रकार लिखें 27 अग्रहायण (मार्गशीर्ष) 1944 (5124).
🚩 ओम विष्णु विष्णु विष्णु श्रीमद् भगवतो महत् पुरुषस्य विष्णो राजया प्रवर्तमानस्य अद्य ब्रह्मणो द्वितीये परार्धे श्री श्वेत वराह कल्पे सप्तमे वैवस्वत मन्वंतरे अष्टा विंशति तमे कलियुग संबत 5124 अग्रहायण (मार्गशीर्ष) मासे (वैदिक नाम सह मासे) दिनांक 27 रवि वासरे ……. नामक स्थाने ( अपना गोत्र ब नाम ) पूजा अहम् करिष्यामी ऐसा कहकर हाथ से जल्द छोड़ दें. व्यक्तिगत प्रतिदिन की पूजा में तिथि नक्षत्र बोलने की आवश्यकता नहीं क्योंकि यह कर्मकांड की भाषा है।
🚩 यदि हमसे कोई पूछे कि आप कौन-कौन सी भाषा जानते हैं तो हम संस्कृत भी जानते हैं ऐसा कहना क्योंकि पूजा के समय हम उपरोक्त संकल्प कहते हैं अथवा पूजा के समय कुछ मंत्र भी बोलते हैं जैसे कि त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
🚩 राष्ट्रीय शक् संवत् (सन्)1944
🚩 विक्रमी संवत् (सन्) 2079
🚩 युगाब्द या कलियुग संवत् 5124
🚩 श्री कृष्ण संवत् (सन्) 5249
🚩 श्री राम संवत्(सन्) 880165
🚩 सृष्टि संवत् 1955885123
🚩 संवत्सर नल 🚩 दक्षिणायन
🚩 ऋतु हेमंत
🚩 यजुर्वेद के अनुसार इस महीने का नाम सह मास है
🚩 प्रकृति ब सौर अंतरिक्ष विज्ञान के अनुसार इस महीने का नाम =अग्रहायण ( मार्गशीर्ष) (अंतरिक्ष विज्ञान, ऋतुओं, खेत खलिहान के कार्यक्रम तय करते हैं)
🚩 सूर्य संक्रांति के अनुसार इस महीने का नाम = पौष (इससे त्योहार पर्व विवाह आदि के मुहूर्त)
🚩 चन्द्र के अनुसार महीने का नाम = पौष (इसके अनुसार समुद्री यात्राएं ब व्रत उद्यापन का निर्णय होता है)
🚩 पक्ष कृष्ण
🚩 तिथि दशमी
🚩 नक्षत्र हस्त प्रातः 10:17 तक तदुपरांत चित्र
🚩 दिनमान 25 घटी 27 पल (एक दिन रात 60 घटी अथवा 24 घंटे का होता है)
🚩सूर्य उदय 7:12 सूर्य अस्त 5:23
🚩 धनु राशि में सूर्या संक्रान्ति से प्रविष्टे 03
🚩 दिशाशूल पश्चिम (यदि यात्रा आवश्यक हो तो पान या घी खाकर घर से निकले)
🚩 अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11: 56 to 12:38
(इस समय किये गये कार्य की रक्षा स्वयं भगवान विष्णु करते हैं)
🚩 राहुकाल 04:09 pm से 05:27 pm तक ( इस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए ऐसा दक्षिण भारत में मान्यता है)
🚩 यह पंचांग दिल्ली के अक्षांश रेखांश पर आधारित है।
🚩 श्री पार्श्वनाथ + चंद्रप्रभु ज. 18 दिसंबर
🚩 सफला एकादशी व्रत, कल्पवास प्रारंभ प्रयागराज, 19 दिसंबर सोमवार
🚩 प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, उत्तरायण, शिशिर ऋतु प्रारंभ, 21 दिसंबर बुधवार
🚩 अमावस्या, श्रद्धानंद बलिदान दिवस, किसान दिवस, 23 दिसंबर शुक्रवार
🚩 राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 24 दिसंबर शनिवार
🚩 गंडमूल 22 दिसंबर प्रातः 6:32 am से 24 दिसंबर रात्रि 1:12am तक
🚩 पंचक 27 दिसंबर 3:30 am से 31 दिसंबर 11:46 am तक
🚩 सर्वार्थ सिद्धि योग 21 दिसंबर प्रातः 8:32 से 22 दिसंबर प्रातः 6:32 तक
🚩 सर्वार्थसिद्धि योग 18 दिसंबर 7:12 am से 10:17 am तक
🚩 अमृत सिद्धि योग 18 दिसंबर 7:12 am से 10:17 am तक
🚩 रवि पुष्य योग 8 जनवरी 7:19 am से 9 जनवरी 6:04 am तक
🚩 द्विपुष्कर योग 14 जनवरी 6:13 pm से 7:22 pm तक (इस समय में किया गया कार्य दोगुना होता है)
🚩 त्रिपुष्कर योग 20 दिसंबर 9:54 am से 21 दिसंबर 00:45 am तक (इस समय किया गया कार्य तीन गुना वृद्धि होता है)
🚩 ज्वालामुखी योग 23 दिसंबर शाम 3:40 pm से 24 दिसंबर 1:12 am तक ( इस समय किया हुआ कार्य सफल नहीं होता)
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