संवाददाता : नई दिल्ली
आर्मी वॉर कॉलेज महू ने भारतीय सेना के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान के रूप में अपनी स्थापना के 50 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में शुक्रवार अपनी स्वर्ण जयंती मनाई । यह कॉलेज भारतीय सेना में सभी सामरिक प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र है एवं पूरी तरह से भारतीय सशस्त्र बलों के और मित्र देशों के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए उत्तरदाई है । कॉलेज युद्ध कला की शिक्षा प्राप्त करने, रणनीति, रसद, समकालीन सैन्य अध्ययन एवं सैन्य सिद्धांत में सुधार का अग्रणी स्थान है ।
आर्मी वॉर कॉलेज अपनी गौरवशाली विशिष्ट पहचान के साथ अंकित आदर्श वाक्य ‘युद्धाय कृतनिश्चयः के साथ खड़ा हुआ है जिसका अर्थ है ‘युद्ध के लिये निश्चय करके खड़ा हो जा’ । 1971 के बाद से अपनी मामूली शुरुआत के बाद से यह कॉलेज सीखने और सैन्य नेतृत्व के विकास के एक शानदार और जीवंत केंद्र के रूप में उभरा है । कॉलेज की क्षमता, स्थिति और प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है जिससे इसके संस्थापक का नज़रिया सराहनीय ढंग से पूरा हो पाया । यह कॉलेज उन विशिष्ट अधिकारियों के लिए अल्मा मेटर बना हुआ है जिन्होंने आजादी के बाद से भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अंजाम दिए गए सभी सैन्य अभियानों में अमिट छाप छोड़ी है ।
एडब्ल्यूसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वी एस श्रीनिवास के मार्गदर्शन में मुख्य आयोजन से पहले स्वर्ण जयंती साइक्लोथॉन, नौकाय नरेगाटा और एक वेबिनार समेत अनेक गतिविधियां और समारोह आयोजित किए गए, जिनका शीर्षक था ,दशकों से युद्धकला का विकास, भारतीय सैन्य विरासत, उभरते विषय/संघर्षों के स्वरूप एवं भारतीय सैन्य चिंतन का पुन र्अंशांकन ।
एडब्ल्यूसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल वीएस श्रीनिवास ने सभी रैंकों और रक्षा से जुड़े नागरिक कर्मचारियों के लिए विशेष सैनिक सम्मेलन को संबोधित किया । अपने संबोधन के दौरान कमांडेंट ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए व्यावसायिकता और उनके द्वारा प्रदर्शित समर्पण के उच्च मानकों के लिए सभी रैंकों और रक्षा क्षेत्र से सम्बंधित नागरिकों की सराहना की । उन्होंने आह्वान किया कि वे उसी उत्साह और उमंग के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहें । चयनित व्यक्तियों को विभिन्नक्षेत्रों में उनकी सराहनीय सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
आर्मी वॉर कॉलेज में आज सुबह पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया गया । लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला, जीओसी-इन-सी आर-ट्रैक, लेफ्टिनेंट जनरल वीएस श्रीनिवास, कमांडेंट, एडब्ल्यूसी, प्रतिष्ठित पूर्व सैनिकों तथा एडब्ल्यूसी के पूर्व कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह (सेवानिवृत्त) और लेफ्टिनेंट जनरल पीजी कामथ, (सेवानिवृत्त) ने पुष्पांजलि अर्पित की।
समारोह का समापन सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने प्रथम दिन कवर का विमोचनकर और आर्मी वॉर कॉलेज पर ई-बुक का शुभारंभ कर किया । इस ऐतिहासिक मौके पर गोल्डन जुबली ट्रॉफी का अनावरण भी किया गया । सेना प्रमुख ने अपने संदेश में कहा कि आर्मी वॉर कॉलेज में प्रशिक्षण का दर्शन दृष्टिकोण के लिहाज सेआधुनिक और समकालीन है और सशस्त्र बलों की लगातार बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए निरंतर विकसित हो रहा है । कॉलेज ने आधुनिक काल का ‘तक्षशिला’ होने का अपना मज़बूत रिकॉर्ड क़ायम रखा है । चूंकि यह कॉलेज स्वर्णिम क्षितिज पर अग्रसर है इसलिए मैं भविष्य के किए जाने वाले उनके सभी प्रयासों में उनकी सफलता की कामना करता हूं ।