@ रांची झारखंड
भू–राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि जमीन संबंधित मुद्दों पर आमजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व संग्रहण किया जाए। दीपक बिरुआ ने कहा कि अपनी ही जमीन की रसीद कटवाने के लिए भी लोगों को कचहरी और कर्मचारियों के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। इसलिए अब राज्यवासियों को बार कोड की सुविधा मिलेगी। इसके माध्यम से लोग मोबाइल से ही अपनी जमीन की रसीद काट सकेंगे। विभाग इसपर आगे की कार्यवाही करेगा।
बैठक में चाईबासा आयुक्त द्वारा जमशेदपुर जिले की कंपनियों से दो हजार करोड़ राशि के बकाया वसूली करने का प्रस्ताव सामने आया। जिसपर माननीय मंत्री ने तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए उसपर आगे की कार्यवाही करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जहां से राजस्व वसूली होने पर राज्य की राजस्व में बढ़ोतरी होगी, लेकिन इस पर काम करने की जरूरत है।
मौके पर मंत्री ने सरकारी जमीन के कब्जे मामले में भी सख्ती दिखाते हुए निर्देश दिया है कि सरकारी जमीन पर जमाबंदी कायम है या नहीं इसकी सूची तैयार करें। उन्होंने कहा कि हर मू नदी किनारे भी अनावश्यक रूप से कब्जा कर नदी को समाप्ति के कगार पर छोड़ा जा रहा है।
बैठक में इसके अलावे लंबित म्यूटेशन की कठिनाईयों को दूर कर जमीन संबंधित राजस्व संग्रहण को सहूलियत बनाने, खासमहल जमीन के रिन्यूअल कराने के सुझाव पर अमल किए जाने, सैरात की वसूली को सुविधाजनक बनाने, नीलाम पत्र वाद के निष्पादन पर खास निर्देश देने, लंबित कोर्ट केस की नियमित समीक्षा कर वरीय पदाधिकारियों द्वारा उसके अविलंब निष्पादन किए जाने, अंचल कार्यालयों में निरीक्षण करने समेत राजस्व बढ़ाने जैसे अन्य महत्वपूर्ण मामलों में दिशा निर्देश दिया।
वर्चुअल बैठक में मंत्री ने रांची प्रमंडलीय आयुक्त अंजनी मिश्रा, हजारी बाग प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार, पलामू प्रमंडलीय आयुक्त बालकिशुन मुंडा, दुमका प्रमंडलीय आयुक्त लालचंद डाडेल, चाई बासा प्रमंडलीय आयुक्त हरिप्रसाद केसरी के आए सुझाव पर अमल करने के निर्देश दिए।
मौके पर मुख्य रूप से मंत्री दीपक बिरुआ के अलावे पांचों प्रमंडलीय आयुक्त, विभागीय प्रधान सचिव चंद्रशेखर, विशेष सचिव शशिप्रकाश झा समेत अन्य अधिकारी पदाधिकारी मौजूद थे।