@ नई दिल्ली :-
भारतीय नौसेना के लिए तैयार किए जाने वाले युद्धपोतों में ‘क्रू-केंद्रित’ सुविधाओं और आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए बकायदा विशेषज्ञों द्वारा गहन रिसर्च की जाएगी। यह रिसर्च नौसेना की एक विशेष इकाई और IIT दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी। इसके लिए भारतीय नौसेना के डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल आर्किटेक्चर और IIT दिल्ली के बीच एक विशेष समझौता किया गया है।

इसके तहत युद्धपोतों के डिजाइन में ‘क्रू-केंद्रित’ पहलुओं पर संयुक्त अनुसंधान होगा। IIT दिल्ली के मुताबिक भारतीय नौसेना के डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल आर्किटेक्चर के साथ गुरुवार को इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत एक संयुक्त अनुसंधान एवं डिजाइन केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र का उद्देश्य भारतीय नौसेना के जहाजों पर तैनात कर्मियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। यह कार्य आधुनिक डिजाइन व नवाचारों के माध्यम से संभव होगा।
यह समझौता रियर एडमिरल अरविंद रावल असिस्टेंट चीफ ऑफ मटेरियल (डॉकयार्ड एवं रिफिट) भारतीय नौसेना और IIT दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इसके तहत IIT दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन के शोधकर्ता विभिन्न मौजूदा और भावी युद्धपोत निर्माण परियोजनाओं की सुरक्षा कार्यकुशलता और आवासीय सुविधाओं पर अनुसंधान करेंगे तथा उनके डिजाइन सुधार के लिए सुझाव देंगे।
दोनों संस्थान मिलकर भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे। इससे भविष्य में इसे व्यावसायिक नौवहन और अन्य भारतीय क्रू के लिए भी लागू किया जा सकता है। IIT दिल्ली मौजूदा नौसेना जहाजों के डिजाइन का अध्ययन करेगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों से तुलना करेगी। इसमें एर्गोनॉमिक्स आराम कार्यकुशलता सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव जैसे पहलू शामिल हैं।
इस अध्ययन के आधार पर सुधार के संभावित क्षेत्रों की पहचान कर नई डिजाइन रणनीतियां तैयार की जाएंगी ताकि भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकें।
रियर एडमिरल अरविंद रावल ने गुरुवार को कहा यह समझौता हमारे साझा लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे भारतीय युद्धपोत न केवल युद्धक क्षमता में अग्रणी होंगे बल्कि क्रू के आराम दक्षता और रहने योग्य माहौल के मामले में भी उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। इस साझेदारी से हम देश के अग्रणी शैक्षणिक संस्थान के साथ मिलकर क्रू-केंद्रित युद्धपोत डिजाइन में विशेषज्ञता विकसित करेंगे। यह पहल नौसेना स्थापत्य में वैज्ञानिक एवं प्रक्रिया-आधारित दृष्टिकोण को लाएगी। इसमें एर्गोनॉमिक्स मानव कारक और डिजाइन अनुकूलन को शामिल किया जाएगा।
IIT दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने इस समझौते पर कहा हमें भारतीय नौसेना के साथ मिलकर नौसैनिक अधिकारियों और नाविकों के आराम और रहने की परिस्थितियों में सुधार के लिए आधुनिक वैज्ञानिक डिजाइन टूल्स और तकनीकों का उपयोग करने पर प्रसन्नता है। यह समझौता IIT दिल्ली और भारतीय नौसेना के बीच पानी के भीतर तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स और नौसेना निर्माण के स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को और मजबूत करेगा।
यह साझेदारी भारतीय नौसेना और IIT दिल्ली के बीच तकनीकी उत्कृष्टता नवाचार और मानवीय दृष्टिकोण के समन्वय का प्रतीक है जो भविष्य के युद्धपोतों को न केवल अधिक सशक्त बल्कि अधिक मानव-केंद्रित भी बनाएगी।
