@ नई दिल्ली : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने 1 से 15 फरवरी 2025 के बीच कई ऑपरेशनल थिएटरों- वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों, जम्मू और कश्मीर और पूर्वोत्तर में महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं, जिससे आंतरिक सुरक्षा और मजबूत हुई है।
वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) क्षेत्र
इस अवधि के दौरान, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के विभिन्न हिस्सों से 03 हथियार (झारखंड से 2 और बालाघाट से 1), 90 गोला-बारूद, 34 आईईडी, 15 जिलेटिन की छड़ें, 16 डेटोनेटर, 325 स्पाइक्स, 2 ग्रेनेड आदि बरामद किए गए हैं।
कुल 22 माओवादी पकड़े गए, जिनमें छत्तीसगढ़ में 17 और तेलंगाना में 4 शामिल हैं।
इस अवधि के दौरान 42 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें से 11 छत्तीसगढ़ में और 19 तेलंगाना में हथियार डालने का विकल्प चुना।
1 फरवरी को, 131 बटालियन और 203 कोबरा ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादियों के एक देशी हथियार बनाने वाले शिविर का भंडाफोड़ किया और जेनरेटर, लोहे की छड़ें, सल्फर और पोटेशियम पाउडर, गन पाउडर, दवा और अन्य विविध सामान बरामद किए।
10 फरवरी को, 151 बटालियन ने बीजापुर के कोरागुट्टा में माओवादियों के एक देशी हथियार बनाने वाले शिविर का भंडाफोड़ करते हुए बिजली के तार, लोहे की प्लेटें, लोहे की छड़ें, स्टील पाइप और अन्य विविध सामान के साथ बीजीएल भागों का एक डंप बरामद किया।
जम्मू और कश्मीर
इस अवधि के दौरान, 15 गोला-बारूद, 01 ग्रेनेड और 10 आरपीजी बरामद किए गए हैं।
4 फरवरी को, 180 बटालियन CRPF ने राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) और विशेष अभियान समूह (एसओजी) के साथ मिलकर अवंतीपुरा, पुलवामा से एक ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) को पकड़ा।
03 बटालियन CRPF ने असम राइफल्स और एसओजी के साथ मिलकर बांदीपोरा के अठवाटू से 10 आरपीजी बरामद किए, जिससे आतंकवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा।
उत्तर-पूर्व
इस अवधि के दौरान, कुल 15 हथियार (जिनमें बिष्णुपुर से 12 हथियार शामिल हैं), 61 गोला-बारूद (मणिपुर में), 24 ग्रेनेड (मणिपुर में), 03 बम, 02 आईईडी, लगभग 7.5 रुपये नकद, 2 किलोग्राम मादक पदार्थ आदि बरामद किए गए, जिससे उग्रवादी गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई।
इस अवधि के दौरान पूरे क्षेत्र में 10 उग्रवादियों को पकड़ा गया।
7 फरवरी को 8वीं बटालियन CRPF ने स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर बिष्णुपुर से हथियार और अन्य सामग्री बरामद की।
ये अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति CRPF की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित होती है।