प्रजा दत्त डबराल @ देहरादून उत्तराखंड
उत्तराखंड के कुछ प्रमुख पर्व हैं , जिसमें से एक है हरेला, जिसकी चर्चा लोग खूब करते हैं । हरेला का अर्थ होता है हरियाली – इस पर्व के 9 दिन पहले घर के मंदिर में सात प्रकार के अन्न जिसमें गेहूं, मक्का, गहत, सरसों, उड़द और भट्ट के बीजों को रिंगाल की टोकरी में रोपा जाता है। फिर 10 दिन बाद इन्हें काटकर घर का मुखिया इनकी पूजा करते हैं,जिसे हरेली पतीसना के नाम से जाना जाता है।
दिनांक 16 जुलाई 2022 को “डालियों का डगरिया” संस्था श्रीनगर गढ़वाल बारहमाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय श्रीनगर तथा लायंस क्लब श्रीनगर के संयुक्त तत्वाधान मैं डालियों का डागरिया परिसर अमराकुंज में हरेला पर्व के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर आचार्य आचार्य पंडित भास्करानंद आशीर्वाद डीके सचिव प्रोफेसर मोहन सिंह पवार ,डॉक्टर सरिता पवार, डॉक्टर मनीषा पवार, ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहन पीके प्रीति ,डॉक्टर मनोज परमार, शिक्षिका, सुनीता पवार परमार और लायंस क्लब के लायंस क्लब के दीवान उपस्थित थे ।
हरेला पर्व के अवसर पर पवार ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन को प्रेरित करते हैं पूरे प्रदेश में इस तरह के वृक्षारोपण कार्यक्रम को अभियान की तरह से प्रारंभ किया जाना चाहिए जिसमें की समस्त जिसमें की समस्त युवाओं महिलाओं छात्र-छात्राओं की भूमिका होनी आवश्यक है।
प्रोफेसर मोहन सिंह पवार ने बताया की इस आयोजन का मुख्य बिंदु जो रहा वह था की इसमें हमने वृक्षों का सम्मान किया और रक्षा सूत्र बांधा ,मैं आचार्य भास्करानंद वालों सभी प्रखंड के सभी विद्युत जनों को सभी शक्ति को जनसाधारण को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ ।