@ नई दिल्ली :-
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के अंतर्गत समर्थित 8 स्टार्टअप्स में से एक ने 500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले भारत के पहले व्यापक क्वांटम कुंजी वितरण नेटवर्क का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है। बेंगलुरु की क्वांटम प्रौद्योगिकी कंपनी, क्यूएनयू लैब्स प्राइवेट लिमिटेड की यह बड़ी उपलब्धि है।

इसमें मौजूदा ऑप्टिकल फाइबर अवसंरचना पर तैनात नेटवर्क शामिल क्वांटम-सुरक्षित संचार में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन (ईएसटीआईसी 2025) के दौरान कल 500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले (क्यूकेडी) नेटवर्क के प्रदर्शन की औपचारिक घोषणा की गई।
इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय के. सूद, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय करंदीकर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
क्यूएसके रैक में क्यूकेडी प्रणाली स्थापित यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप है, जो भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों और सुरक्षित डिजिटल बुनियादी ढांचे में एक प्रमुख नेतृत्व के रूप में देखते हैं। यह भारत को दूसरी क्वांटम क्रांति में एक प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में भी स्थापित करता है, जो सुरक्षित डिजिटल संचार और उन्नत साइबर सुरक्षा के लिए नए क्षितिज खोलता है। यह प्रदर्शन आई-हब क्वांटम टेक्नोलॉजी फाउंडेशन के माध्यम से वित्त पोषित एक परियोजना के तहत संभव हुआ। यह आईआईएसईआर पुणे में आयोजित राष्ट्रीय अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन के तहत एक प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र है।
भारतीय सेना और इसकी दक्षिणी कमान ने क्षमता प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस क्यूकेडी परीक्षण को सक्षम करने के लिए टेस्ट-बेड ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को विशेष रूप से दक्षिणी कमान सिग्नल द्वारा योजनाबद्ध और इंजीनियर किया गया था। यह उपलब्धि भारत में क्वांटम-सुरक्षित संचार की प्रगति में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के उद्देश्यों को साकार करने में प्रत्यक्ष योगदान देती है। यह पहल देश की तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहन देने में प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, उद्योग और रक्षा इकोसिस्टम (स्ट्राइड) के तालमेल का उदाहरण है।
इसी स्टार्टअप, क्यूएनयू लैब्स द्वारा क्यूएसआईपी (पैकेज में क्वांटम रैंडम नंबर जेनरेटर सिस्टम), केंद्रीय मंत्री द्वारा ईएसटीआईसी 2025 में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान प्रधानमंत्री को प्रस्तुत किया गया था। यह तकनीक भारत को क्वांटम-प्रमाणित यादृच्छिकता प्रदान करती है, जिसका उपयोग क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम में किया जाता है, जो वर्तमान साइबर खतरों और भविष्य के क्वांटम हमलों के खिलाफ सबसे मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है।
