@ गांधीनगर गुजरात
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के मेहसाणा में गोवर्धन नाथ जी मंदिर में दर्शन एवं मंदिर परिसर में विभिन्न कार्यों का शिलान्यास किया। अमित शाह मेहसाणा के पिल्वई स्थित शेठ जी.सी. हाई स्कूल के 95 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। गृह मंत्री ने गांधीनगर में महुडी जैन मंदिर में दर्शन भी किए।
शेठ जी. सी. हाई स्कूल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसी संस्था के 95 वर्ष तक निष्कंटक और सफलतापूर्वक चलने का अर्थ है कि इस संस्था को बहुत ही पवित्र भावना और बेहतरीन तरीक़े से चलाया गया है।
अमित शाह ने कहा कि अपने 95 साल के कार्यकाल में यह शिक्षा संस्था दो शिक्षा नीतियों की साक्षी बनी है। पहली, अंग्रेज़ों द्वारा बनाई गई शिक्षा नीति जिसमें रटा रटाया ज्ञान बौद्धिक क्षमता का परिचायक था। इस शिक्षा नीति में विचार, अनुसंधान, तर्क, विश्लेषण, निर्णय शक्ति, न्याय और मीमांसा दूर दूर तक नहीं दिखाई देते थे जिसके कारण समाज में कई प्रश्न खड़े हुए दिखाई देते थे। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आया और पूरे देश ने नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व पर विश्वास व्यक्त किया और वे देश के प्रधानमंत्री बने।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी जी नई शिक्षा नीति लेकर आए, यह शिक्षा नीति 25 वर्षों में भारत को दुनिया में नंबर एक देश बनाने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कई मूलभूत परिवर्तन किए गए हैं और सबसे बड़ा परिवर्तन सेकेंडरी तक की शिक्षा को धीरे धीरे मातृभाषा में देने का किया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में बोलने व विचार करने के साथ-साथ तर्क शक्ति, विश्लेषण, अनुसंधान और मौलिक चिंतन भी मातृभाषा में होने पर बल दिया गया है, जिससे भारत में अनुसंधान के क्षेत्र में अधिक से अधिक बल दिया जा सके। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के लिए अपनी मातृभाषा में मौलिक चिंतन बहुत ज़रूरी है और यह काम देश के नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है।
इसके साथ ही टेक्निकल, मेडिकल और अन्य उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों को भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने का काम शुरू हो गया है। शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश के भोपाल मे्ं मेडिकल के पहले सेमेस्टर के पाठ्यक्रम की बहुत सारी पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद होने के बाद वहाँ हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत हो चुकी है और अब गुजराती, तेलुगु, पंजाबी, उड़िया और बंगाली समेत अनेक भारतीय भाषाओं में मेडिकल और अन्य उच्च शिक्षा की शुरुआत होगी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने एक बहुत बड़े स्वतंत्रता सेनानी के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि “स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी यदि परतंत्रता की दुर्गंध आती रहती है तो स्वतंत्रता की सुगंध फैल ही नहीं सकती”। शाह ने कहा कि जब तक देश का नागरिक अपनी भाषा में विचार और शिक्षा की शुरुआत नहीं करता तब तक वह स्वयं व अपने देश को आदर नहीं दिलवा सकता। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में 5+3+3 और 4 साल शिक्षा की व्यवस्था की शुरुआत की गई है और 10 वर्ष के अंदर पूरे देश में यह स्ट्रक्चर लागू हो जाएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति को जमीन पर उतारने का काम सरकार अकेले नहीं कर सकती, इसमें शिक्षा संस्थानों, शिक्षाविदों, शिक्षकों और शिक्षकों को तैयार करने वालों की भी अहम भूमिका है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से कहा कि ईश्वर की प्राप्ति के लिए भी परिश्रम जरुरी है, इसीलिए रोज सुबह परिश्रम करने के संकल्प के साथ अगर बच्चे आगे बढेंगे तो जीवन में उन्हें सफलता प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकेगा। शाह ने कहा कि अपने लिए परिश्रम करने के साथ-साथ दूसरों के लिए, देश के लिए और समाज के लिए भी परिश्रम करने से कोई नहीं रोक सकता।
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