हनुमान मन्दिर जामसाँवली सौंसर, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश भाग: २४३,पँ० ज्ञानेश्वर हँस “देव” की क़लम से

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भारत के धार्मिक स्थल : हनुमान मन्दिर जामसाँवली सौंसर, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश भाग: २४३

आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा प्राचीन शिव मन्दिर कपालेश्वर महादेव शिवालय, डेरापुर, कानपुर, उत्तरप्रदेश! यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप प्रजा टुडे की वेबसाईट http://www.prajatoday.com पर जाकर धर्म साहित्य पृष्ठ पर जाकर पढ़ सकते हैं! आज हम आपके लिए लाएं हैं।

भारत के धार्मिक स्थल : हनुमान मन्दिर जामसाँवली सौंसर, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश भाग: २४३

जामसांवली हनुमान मन्दिर का चमत्कार के :

जामसांवली मन्दिर भारत में शायद ही ऐसा कोई शहर या कस्बा हो जहां हनुमान जी का मन्दिर मौजूद ना हो! श्रीराम भक्त हनुमान जी को कलियुग का देव कहा गया है! मान्यतानुसार श्री हनुमान जी आज भी धरती पर जीवित अर्थात चिरन्जीवियों में से एक मौजूद हैं और जहाँ जहाँ भी श्री राम कथा का आयोजन होता है, वे वहाँ अवश्यमेव पहुँच जाते हैं! यही कारण है कि श्री रामकथा की जगह पर एक स्थान खाली छोड़ा जाता है! आज हम आपको मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में मौजूद एक ऐसे श्री हनुमान मन्दिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद विश्वसनीय है! इस मन्दिर की विशेष बात ये है कि हनुमान जी यहाँ विश्रामावस्था में विराजमान हैं! ये स्थान जामसाँवली मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है!

श्री हनुमान मन्दिर से जुड़ा इतिहास :

मध्य प्रदेश का जामसाँवली मन्दिर की विशेष बात ये है कि यहाँ श्री हनुमान जी की मूर्ति निद्रावस्था में है! ऐसी किवदंति है कि सालों पहले यहाँ चोरी करने के लिए कुछ चोर पहुँचे थे! उन्हें पता चला कि इस हनुमान जी की प्रतिमा के नीचे बहुत धन है! उस समय ये मूर्ति खड़ी अवस्था में थी! चोरों ने तब मूर्ति हटाने का प्रयास किया! इसी दौरान सामग्री को चोरी से बचाने के लिए श्री हनुमान जी की मूर्ति स्वतः ही लेट गई!

अद्भुत श्री हनुमान मन्दिर आस्था और विश्वास का केंद्र है, जहाँ सच्चे मन से आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं! स्वयँ श्री हनुमान जी निद्रावस्था में विराजमान हैं! स्वामी श्री हनुमान जी की मूर्ति और इसकी स्थापना किसने की, इसका कोई प्रमाण नहीं है! तथ्यानुसार स्वयँ स्वामी श्री हनुमान जी इस स्थान पर जामसाँवली में प्रकट हुए! जामसाँवली के इतिहास में लगभग १०० वर्ष पहले राजस्व अभिलेखों में महावीर हनुमान जी का उल्लेख पीपल के पेड़ के नीचे आया था!

बुजुर्ग ग्रामीण यहाँ के रह्निवासी लोगों की मान्यतानुसार श्री हनुमान जी की मूर्ति पूर्व दिशा में खड़ी थी! कुछ लोगों को मूर्ति के नीचे छिपे ख़जाने के सँदेह के कारण, लोगों ने मूर्ति को हटाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए! लोगों ने मूर्ति को हटाने के लिए २० बैलों का भी इस्तेमाल किया लेकिन मूर्ति नहीं हिली! श्री रामायण काल ​​की मान्यता के अनुसार लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तो हनुमान जी हिमालय पर्वत से सँजीवनी लेने गए थे, सँजीवनी को लेकर वापस आते समय जामसाँवली में हनुमान जी ने पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम किया!

हनुमान जी की अद्भुत और साहसिक लीला : जामसाँवली मन्दिर से जुडी कथा

नागपुर से छिंदवाड़ा रोड पर जामसाँवली नामक एक छोटी सी जगह है, जो एक लेटे हुए हनुमान के मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है जिसे ‘श्री हनुमान जी स्वयंभू:-’ यानी स्वयँ निर्मित माना जाता है! कोई नहीं बता सकता कि मूर्ति कितनी पुरानी है! लोगों का मानना ​​है कि भगवान श्री हनुमान जी की सोने की अद्भुत स्थिति पीपल की जड़ों से स्व-निर्मित है! जामसाँवली मन्दिर एक वन क्षेत्र में स्थित है, जो अब अधिक घने जँगल नहीं है, लेकिन कभी औषधीय पौधों से भरा हुआ माना जाता था! एक कहावत है कि भगवान श्री रामचन्द्र पीपल के पेड़ की भूमिका में खड़े हैं और भगवान श्री हनुमान जी उनके पैरों पर सो रहे हैं! भगवान श्री हनुमान जी का ‘रूप’ भले ही प्राचीन हो लेकिन इसके चारों ओर लगभग २ दशक पहले एक भव्य मन्दिर का निर्माण किया गया था! मन्दिर को नियंत्रित करने वाले ट्रस्ट में सरकार शामिल है! स्थानीय कलेक्टर जैसे अधिकारी!

हनुमानजी की नाभी से जल :

जामसाँवली मन्दिर लगभग १०० वर्ष पुराना है! यहां सबसे श्रद्धालु मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से पहुंचते हैं! जामसाँवली मन्दिर की एक और विशेष बात ये भी है कि यहाँ हनुमान जी की मूर्ति की नाभि से जल निकलता है! भक्त इसे प्रसाद के रूप में लेते हैं! ऐसी मान्यता है कि इसे पीने से चर्म रोग नहीं होते और अन्य रोगों से भी छुटकारा मिलता है!

जामसाँवली मन्दिर कैसे पहुँचें :

एक अद्भुत श्री हनुमान मन्दिर, जाम भवली मध्य प्रदेश के प्राचीन क्षेत्र में दँडकारण्य-सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है, जो जाम नदी में सर्प नदी के सँगम पर और सौनी गाँव, छाया में पीपल के पेड़ के बीच स्थित है! “स्वभूमि” का यह श्री हनुमान जी का मन्दिर है! नागपुर-छिंदवाड़ा रोड़ पर बजाज जॉइंट चेक से १५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो नागपुर से ६६ किलोमीटर दूर है! जहाँ सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है और सौंसर शहर के लिए रेल मार्ग भी उपलब्ध है!

जाम नदी, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश!

पन्हालगढ़/पाचालगढ़ किला! राजा जाटवाशाह के पूर्वजों का गढ़ किला! गोंड़ जाति का १००० वर्ष से अधिक पुराना गढ़!
पन्हालगढ़/पाचालगढ़ किला! राजा जाटवाशाह के पूर्वजों का गढ़ किला! गोंड़ जाति का१००० वर्ष से अधिक पुराना गढ़!

राक पेंटिंग्स, पुतरी खोह, हर्रई, जिला छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश अनहोनी गर्म पानी कुंड! मकर सँक्रांति मेला! चांवल पानी कुंड! अनहोनी गर्म पानी कुंड! मकर संक्रांति मेला! चांवल पानी कुंड!श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली, सौंसर, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश!

मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा जिले के सर्वाधिक सुप्रसिद्ध 3 सिद्ध स्थलों में से एक चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली है! चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली में छिंदवाड़ा ही नहीं वरन आसपास के जिलों से एवं अन्य प्रदेशों से, विशेषकर महाराष्ट्र से श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन एवं पूजन करने आते हैं। जो कि हनुमान जी का जागृत सिद्ध धाम है! हनुमान जी के नाम के पहले चमत्कारिक विशेषण लगने से ही स्वयँ सिद्ध है कि यहाँ चमत्कार ही चमत्कार है! चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली जी की श्री मूर्ति के सामने प्रेत बाधा पीड़ित व्यक्ति तो आते ही स्वयं झूमने लगता है!

सड़क मार्ग :

चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसांवली सौंसर से ८ किलोमीटर दूर स्थित है! जामसांवली पांढुर्णा से ३५ किलोमीटर दूर स्थित है!
जिला छिंदवाड़ा से ६२ किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसांवली स्थित है!
जिला सिवनी से १३० किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली स्थित है! ज़िला नरसिंहपुर से १८८ किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली स्थित है!
जिला बैतूल से १२० किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली स्थित है! ज़िला नागपुर से ६८ किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली स्थित है! ज़िला भँडारा से १२७ किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली स्थित है!
ज़िला वर्धा से १४९ किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली स्थित है! ज़िला अमरावती से १५६ किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली स्थित है! ज़िला यवतमाल से २०६ किलोमीटर की दूरी पर चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसांवली स्थित है!
छिंदवाड़ा – नागपुर सड़क मार्ग पर ५४ किलोमीटर पर सौंसर तथा सौंसर से पांढुर्णा सड़क मार्ग पर ८ किलोमीटर पर, चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली का यह प्रसिद्ध मन्दिर स्थित है!

मंगलवार एवँ शनिवार के अतिरिक्त भी सप्ताह के अन्य दिनों में भी श्रद्धालुओं का आना निरंतर बना रहता है, विशेषकर छुट्टी के दिन रविवार व अवकाश के दिवसों में काफी अधिक मात्रा में श्रद्धालु आते हैं! हनुमान जयंती में तो चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली में विशेष व्यवस्था बनानी पड़ती है! उक्त दिवस सैकड़ों की संख्या में चोपहिया तथा हजारों की संख्या में दुपहिया वाहनों से श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं! इसके अतिरिक्त पैदल यात्रा व गदा समर्पण वाले पदयात्री भी बड़ी सँख्या में श्रद्धा भाव से चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली आते हैं! श्री हनुमान जयंती के दिन तो लगभग एक लाख श्रद्धालुओं से भी अधिक श्रद्धालु दर्शन हेतु चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली आ जाते हैं!चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली जी के इस जागृत सिद्ध धाम में श्रद्धालु अपनी अपनी भावनानुसार मनोकामनाएँ माँगते हैं! जो चमत्कारिक हनुमान जी की कृपा से पूर्ण भी होती है! श्रद्धालु अपने श्रद्धा भाव से चमत्कारिक हनुमान जी को सिंदूर, चोला, तेल, नारियल, प्रसाद, मिठाई आदि, कई प्रकार के भोग चढ़ाते हैं! जल चढ़ाते हैं! मन्नत मांगते हैं! प्रसाद रूप में जलामृत एवँ चोला और सिंदूर ले जाना नहीं भूलते हैं!

जैसा कि पूर्व में वर्णन किया गया है कि प्रेत बाधा पीड़ित व्यक्ति यहां चमत्कारिक हनुमान जी की श्री मूर्ति के समक्ष आते ही झूमने लगता है! प्रेत बाधा पीड़ित व्यक्ति के साथ उनके परिवार के लोग भी आते हैं! परिवार वालों के रुकने एवँ ठहरने की व्यवस्था “चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर जामसाँवली ट्रस्ट” द्वारा आवास गृह बनाकर की गई है! प्रेत बाधा पीड़ित व्यक्ति यहाँ धीरे-धीरे प्रेत बाधा से मुक्त होकर ठीक हो जाता है! पीपल वृक्ष के नीचे लेटी हुई चमत्कारिक हनुमान जी की मूर्ति के संबंध में गांव के बुजुर्गों द्वारा बताए अनुसार पहले यह मूर्ति सीधी खड़ी हुई अवस्था में थी! राजस्व अभिलेख में लगभग १०० वर्ष पूर्व पीपल वृक्ष के नीचे चमत्कारिक हनुमान जी मन्दिर का उल्लेख मिलता है! लगभग ९ डिसमिल भूमि राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय रूप से दर्ज भी की गई है! जिस जगह श्री चमत्कारिक हनुमान जी की मूर्ति स्थित है! यहां लगभग २०० वर्ष पूर्व से पीपल का एक विशाल वृक्ष था! पीपल पेड़ के चारों और आसपास घास एवं कटीली झाड़ियां थी! खेत मालिक के द्वारा उन झाड़ियों को साफ करवाया गया! यह घटना लगभग सन् १८८५ के आसपास की होना सँभावित है! पीपल वृक्ष के चारों ओर सफाई के पश्चात मजदूरों को श्री चमत्कारिक हनुमान जी की मूर्ति दिखाई दी! मजदूरों ने यह बात खेत मालिक को बताई! यह चर्चा सांवली गांव में हवा की तरह फैल गई! उस वक्त ग्राम के पुलिस पटेल और ग्राम के कुछ लोगों द्वारा उस स्थान को साफ कर, स्थान पर टीन का एक आयताकार टीन सेड बनवाया गया! ज़मीन करीब ९ डिसमिल शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज की गई! कहा जाता है कि पहले यह मूर्ति खड़ी थी! मूर्ति के पास में कहीं बड़ा खजाना है। इस दृष्टि से एक दिन २५ डाकू घोड़े पर बैठकर खज़ाना लूटने आए थे! यह देख चमत्कारिक हनुमान जी खजाने पर लेट गए! डाकुओं ने सभी घोड़े लगाकर हनुमान जी की मूर्ति को हटाने की पुरज़ोर कोशिश भी की! परँतु हनुमान जी की मूर्ति टस से मस नहीं हुई! अंततः निराश होकर डाकू वापस चले गए!

श्री चमत्कारिक हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई अवस्था में है। कुछ वर्षों बाद गांव में ही ५ लोगों की एक कमेटी (समिति) सन् १९६५ के लगभग बनाई गई! समिति मन्दिर व पूजा-पाठ का काम देखती थी! कुछ वर्ष पश्चात ११ लोगों की दूसरी कमेटी (समिति) बनी! उस समिति का सँविधान एवँ नियम बनाकर समिति का पँजीकरण करवाया गया!

समिति के बायलॉज (नियम) के अनुसार ट्रस्ट कमेटी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव तथा कोषाध्यक्ष एवँ मन्दिर व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन हेतु अलग-अलग समितियां, जैसे निर्माण समिति, मन्दिर व्यवस्था समिति, पाकशाला समिति, क्रय समिति, धार्मिक समारोह समिति आदि बनाई गई! इन समितियों में प्रभारी तथा सदस्य होते हैं!

चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली सँस्थान की एक बजरँग गौशाला भी है! उसमें लगभग५०० गौएँ है! उस गौशाला समिति का भी अध्यक्ष व सचिव है!

चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसाँवली में दो बार श्री हनुमानजी की आरती होती है! पहली आरती प्रातः ५:३० बजे एवँ दूसरी आरती शाम ५:३० बजे बजे होती है! चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसाँवली, ट्रस्ट कमेटी द्वारा भक्तों के लिए आवास गृह भी बनाए गए हैं! जहाँ कुछ राशि चुका कर भक्त, परिवार सहित रुक भी सकते हैं!

प्रशासन द्वारा चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जाम साँवली के भव्य मन्दिर निर्माण हेतु स्वीकृत राशि से मन्दिर का निर्माण कार्य वर्तमान में जारी है!


चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसाँवली का यह मंदिर जाम और सांवली गांव के बीच स्थित है। एवं श्री मूर्ति के चमत्कार भी हैं। अतः “चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली ” के नाम से यह धाम सुप्रसिद्ध है! यहां वर्ष भर लगभग पाँच लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं! यह छिंदवाड़ा जिले का अति प्रसिद्ध सिद्ध धाम है!

आप भी परिवार सहित आएँ! चमत्कारिक श्री हनुमान मन्दिर, जामसाँवली के दर्शन करने के साथ-साथ निकट ही ५किलोमीटर दूर घोघरा जलप्रपात के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए पिकनिक मना सकते हैं! वापसी में १३ किलोमीटर दूर मोहगांव हवेली में अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग एवं लगभग ३०० वर्ष प्राचीन विट्ठल रुक्मणी मन्दिर के दर्शन करते हुए अपने परिवार सहित धार्मिक यात्रा का आनंद उठा सकते हैं भगवान विट्ठल की अद्भुत मूर्ति की यह विशेषता है कि उनका दाहिना हाथ कमर पर न होकर हथेली कुछ प्रदान करते हुए है!

धोतकी के हनुमान जी :-

छिंदवाड़ा – नागपुर सड़क मार्ग पर, जामसाँवली तिगड्डे से लगभग २ किलोमीटर दाहिनी ओर एक रास्ता ग्राम धोतकी को जाता है, जो सड़क से लगभग १.५ किलोमीटर अँदर है! यहाँ भी श्री हनुमानजी की विशाल श्री मूर्ति दर्शनीय एवँ1 सिद्ध है!

भारत का ऐसा मन्दिर जहाँ चमत्कार होता है भूत प्रेत मुक्त होते हैं :

जिसमें चमत्कारी हनुमानजी की मूर्ति शयन मुद्रा में है, जाम साँदवाली में स्थित है! यह छिंदवाड़ा और नागपुर के ठीक मध्य में स्थित है! छिंदवाड़ा से दूरी ६५ किलोमीटर है! लोग नागपुर या छिंदवाड़ा से भी पहुंच सकते हैं! यहां घूमने के लिए टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं! सैकड़ों वर्षों से भगवान श्रीमूर्ति (चमतकारिक हनुमानजी) पीपल के पेड़ के नीचे हैं! ऐसा कहा जाता है कि वर्षों पहले, मूर्ति स्थिर अवस्था में थी! इस पेड़ के नीचे खजाना मिलने की खबर से चोर इसे लूटने आए थे। इस दौरान खरदी श्रीमंत ने अपना चमत्कार दिखाया और चोर भाग गए, लेकिन तब से श्रीमूर्ति (चमतकारिक हनुमानजी) शयन मुद्रा में विश्राम कर रहे हैं! मन्दिर में भक्तों द्वारा रोगों को दूर करने के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं! भक्त मंदिर में अपने प्रवास के दौरान ४५ दिनों तक उपवास करते हैं और वे केवल काली चाय लेते हैं! इस दौरान श्रीराम और जय हनुमान का जाप करना होता है! मन्दिर में कार्तिक पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, चैत्र पूर्णिमा, रामनवमी, हनुमान जयंती, वैशाख पूर्णिमा, त्रिपुरारी पूर्णिमा पर विशेष पूजा होती है! इस दौरान भजन-कीर्तन रामधुन, रामजप होता है! मन्दिर की व्यवस्था के लिए कमेटी गठित की गई है! यह समिति मन्दिर में सुविधाओं और व्यवस्थाओं का भी ख्याल रखती है! लोग श्रीमूर्ति (चमतकारिक हनुमानजी) को सिंदूर, लंगोटी, भगवा झंडा, चमेली का तेल, विशेष रूप से कपास की माला, पीपल के पत्ते चढ़ाते हैं! ऐसा माना जाता है कि मंदिर में प्रवेश करते ही मानव अभिमान गायब हो जाता है! इसके अलावा लोगों को मनोरोग और मानसिक रोगों से छुटकारा मिलता है! लोग या तो नागपुर या छिंदवाड़ा में रह सकते हैं! मन्दिर ट्रस्ट के पास वहां रहने की भी सुविधा है! चमत्कारिक रूप से यहाँ आए लोगोँ से भूत प्रेत चुढ़ेल बाधा युक्त नर नारियाँ पूर्णतः रोग मुक्त हो कर बेहतर जीवन जीते हैं!

हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें:

हवाईजहाज से। निकटतम हवाई अड्डा नागपुर हवाई अड्डा है। यह दिल्ली और मध्यप्रदेश के साथ लगातार उड़ानों से जुड़ा हुआ है! यहाँ से मन्दिर ६५ किलोमीटर्स की दूरी पर है, जहाँ आप कैब द्वारा एक घण्टे पन्द्रह मिन्ट्स में पहुँच जाओगे मन्दिर!

रेल मार्ग से कैसे पहुँचें:

रेल मार्ग से छिंदवाड़ा – नागपुर रेल मार्ग द्वारा सौंसर रेलवे स्टेशन पर उतरकर बस या टैक्सी द्वारा चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर, जामसांवली तक पहुंचा जा सकता है! यहाँ छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल, होशंगाबाद आदि मध्यप्रदेश के तथा नागपुर, वर्धा, भंडारा, यवतमाल, अमरावती आदि महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के श्रद्धालु दर्शनार्थी प्रतिदिन आते हैं! प्रायः मंगलवार एवं शनिवार के दिन वर्षभर दर्शनार्थियों की भीड़ बनी रहती है। क्योंकि यह दिवस श्री हनुमान जी की आराधना एवं पूजन के विशेष दिन माने जाते हैं!

सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें:

आप दिल्ली से यदि बस अथवा कार से जाना चाहते हो तो आपको १६ घण्टे ४६ मिनट्स लगेंगे! आप राष्ट्रीय राजमार्ग NH : ४४ द्वारा ९४९.२ किलोमीटर की दूरी से पहुँच सकते हो हनुमान मन्दिर!

श्री हनुमान जी की जय हो! जयघोष हो!!

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