@ नई दिल्ली
जल्द ही आपको कॉल रिसीव करते वक़्त यह पता लग जायेगा कि आपको कौन कॉल कर रहा है। केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि नया टेलीकम्युनिकेशन बिल लाने की तैयारी चल रही है।
यदि इस बिल को मंजूरी मिल जाती है तो व्हाट्सप्प , ज़ूम और गूगल डुओ जैसे ऐप जिन पर वॉयस कालिंग की जाती है इन अप्प्स को भी लाइसेंस लेना होगा। नए टेलीकम्युनिकेशन बिल के अनुसार सबको केवाईसी कराना आवश्यक होगा। इसके साथ ही इन्टरनेट कालिंग या मस्सागिंग अप्प्स को भी केवाईसी के नियम का पालन करना जरुरी होगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इससे साइबर क्राइम जैसे अपराधों पर लगाम लगेगी। इस बिल को आने वाले 6 से 10 महीने के अंदर लाया जा सकता है।इंडियन टेलीकम्युनिकेशन बिल 2022 में उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा गया है। इसमें सभी उपभोक्ताओं को केवाईसी कराना अनिवार्य है और अपनी सही और सटीक जानकारी देना जरुरी किया गया है।
यहाँ तक कि सेल्युलर ऑपरेटर्स को भी यह जानकारी देनी होगी कि कौन कॉल कर रहा है। यह यूज़र्स को पता होगा कि whatsapp और zoom पर उन्हें कौन कॉल कर रहा है और यदि यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन होता है तो उसके लिए इस बिल में क़ानूनी प्रावधान भी किये गए है। यह बिल पहले से ही मौजूद कानून जैसे- तार अधिनियम 1885, भारतीय बेतार तार यांत्रिकी अधिनियम 1933 और तार यंत्र सम्बन्धी अधिनियम 1950 की जगह लेगा। इंडियन टेलीकम्युनिकेशन बिल 2022 में उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा गया है।
इसमें सभी उपभोक्ताओं को केवाईसी कराना अनिवार्य है और अपनी सही और सटीक जानकारी देना जरुरी किया गया है। यहाँ तक कि सेल्युलर ऑपरेटर्स को भी यह जानकारी देनी होगी कि कौन कॉल कर रहा है। यह यूज़र्स को पता होगा कि व्हाट्सप्प और ज़ूम पर उन्हें कौन कॉल कर रहा है और यदि यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन होता है तो उसके लिए इस बिल में क़ानूनी प्रावधान भी किये गए है। यह बिल पहले से ही मौजूद कानून जैसे- तार अधिनियम 1885, भारतीय बेतार तार यांत्रिकी अधिनियम 1933 और तार यंत्र सम्बन्धी अधिनियम 1950 की जगह लेगा।