@ नई दिल्ली
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा नई एक्साइज पॉलिसी पर सीबीआई जांच की अनुमति देने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दिल्ली भाजपा पिछले काफी समय से लगातार केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करती रही है कि शराब के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि जब यह नई एक्साइज पॉलिसी लागू हुई तो उस वक्त शराब के ठेकेदारों को 2.5 फीसदी कमीशन दिया जाता था जो केजरीवाल ने बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया। मतलब सीधे 10 फीसदी का फायदा शराबमाफियों को पहुंचाया गया।
भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी एवं नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ कल भाजपा पुरजोर विरोध प्रदर्शन करेगी क्योंकि आज़ादी के बाद दिल्ली के अंदर धार्मिक और पवित्रता के आधार पर 21 ड्राइ डे हुआ करते थे लेकिन शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने और उनके दवाब में ड्राइ डे को कम करके तीन दिन कर दिया गया।
त्योहारों के दिनों में शराब का सबसे ज्यादा बिकने के कारण यह शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पूरे 850 ठेके खोल दिए लेकिन एक बार भी किसी से सलाह या सुझाव नहीं लिया जबकि यही केजरीवाल थे जो कहा करते थे कि एक तो शराब के ठेके नहीं खुलने चाहिए और अगर खुलते भी हैं तो उस क्षेत्र के महिला और आरडब्ल्यूए संगठनों से पूछ कर खोले जाए। सत्येन्द्र जैन के केस में भी केजरीवाल खुद ही जज बन गए थे और आज मनीष सिसोदिया के समय में भी वे खुद ही जज बन गए हैं। प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला एवं सरदार आर पी सिंह भी उपस्थित थे।
गुप्ता ने कहा कि आज केजरीवाल भ्रष्टाचार के प्रयाय बन चुके हैं। कोई भी पॉलिसी भ्रष्टाचार के बिना नहीं लाते। मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति के तहत शराब के ठेके खोले जाने पर कहा था कि हम शराब का समान वितरण करेंगे। लेकिन केजरीवाल शायद यह भूल गए कि उन्हें दिल्ली की जनता ने दिल्ली में पानी के समान वितरण, अच्छे स्कूल, अच्छा स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चुना था लेकिन आज स्थिति यह है कि जो वायदें किए गए वह छोड़कर बाकी सभी भ्रष्टाचार करने वाले कामों को केजरीवाल कर रहे हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि केजरीवाल ये बताएं कि 25 अक्टूबर 2021 को एक्साइज विभाग ने नोटिस दिया था उन कंपनियों को, जिनको शराब के लाइसेंस दिए गए थे। इस मामले में क्या कार्रवाई हुई? 14 जुलाई 2022 को बिना कैबिनेट नोट के जल्दबाजी में 144.36 करोड़ रुपये की छूट उन्हीं कंपनियों को बिना कानून का पालन किए दी गई? अगर उसके लिए प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया जाता तो, वो डिपॉजिट सरकारी खजाने में चला जाता है। लेकिन इस केस में ये 30 करोड़ रुपये बिना किसी अप्रूवल और प्रक्रिया के उस कंपनी को वापस किये गए।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी 272 वार्डों में शराब के ठेके खोले जाने की घोषणा की, लेकिन विधानसभा में मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली के अंदर 100 ऐसे वार्ड हैं जहां शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते हैं क्योंकि वहां मास्टर प्लान का उल्लंघन होगा। ऐसे में सभी वार्डों में शराब के ठेके क्यों खोले गए। इसके साथ ही शराब परोसने का समय 11 बजे से बढ़ाकर प्रात तीन बजे तक कर दिया गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंदर यह कहा गया कि दिल्ली सरकार दिल्ली की जनता को शराब पीने के गुण सिखाएगी। उसके लिए दिल्ली में पांच स्कूल खोले जाएंगे। बार मालिकों को भी शराब के ठेकों पर से शराब खरीदने की बंदिशे लगा दी गई जिससे करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया।