केंद्रीय भंडार उपभोक्ताओं को 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आटा उपलब्ध करा रहा

Share News

@ नई दिल्ली

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव ने आज एक बैठक में खुला बाजार बिक्री योजना  की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से खाद्य अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति की जांच के उद्देश्य से उपभोक्ताओं को बिक्री के लिए देश में विभिन्न आउटलेट्स के माध्यम से 29.50 रुपये/किलोग्राम की दर से आटा (गेहूं के आटे) आपूर्ति की प्रगति की समीक्षा की।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा के साथ भारतीय खाद्य निगम , केंद्रीय भंडार, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) ने बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि ये संस्थाएं एफसीआई डिपो से 3 लाख मीट्रिक टन तक गेहूं उठाएंगी और इसे आटे में बदलने के बाद वे विभिन्न खुदरा दुकानों, मोबाइल वैन इत्यादि के माध्यम से उपभोक्ताओं को 29.50/किलोग्राम के दाम पर आटा उपलब्ध कराएंगी।

इन संस्थानों ने 29.50 रुपये/किलोग्राम के एमआरपी में बोल्ड उल्लेख के साथ “भारत आटा” या “कोई अन्य उपयुक्त नाम” के रूप में नामित 29.50 रुपये/किलोग्राम की दर से आटा की आपूर्ति करने पर सहमति व्यक्त की है। केन्द्रीय भंडार ने आज से ही 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आटे की बिक्री शुरू कर दी है। हालांकि, एनसीसीएफ और नेफेड 6 फरवरी 2023 से 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आटे की आपूर्ति करेंगे।

यह भी निर्णय लिया गया कि किसी भी निगम/सहकारिता समिति/संघ/राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वयं सहायता समूह को भी संबंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेशों की सिफारिश पर उपभोक्ताओं को 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आटा उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार की तरफ से 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं आवंटित किया जा सकता है।

माननीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति ने 25.01.2023 को आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा की थी और खुला बाजार बिक्री योजना के माध्यम से भारतीय खाद्य निगम स्टॉक से 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं जारी करने का फैसला किया गया।

यह निर्णय भी लिया गया कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रणाली के अनुसार व्यापारियों, आटा मिलों आदि को ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से 25 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी। बोलीकर्ता प्रति नीलामी प्रति क्षेत्र अधिकतम 3000 मीट्रिक टन की मात्रा के लिए ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं। ई-नीलामी के बिना राज्य सरकारों को उनकी योजनाओं के लिए 10,000 मीट्रिक टन/राज्य की दर से 2 लाख मीट्रिक टन की पेशकश की जाएगी। सरकारी पीएसयू/सहकारी समितियों /संघ जैसे केंद्रीय भंडार/एनसीसीएफ/नेफेड आदि को बिना ई-नीलामी के 3 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। यह आवंटन इस शर्त के अधीन होगा कि वे गेहूं को आटा में परिवर्तित करेंगे और इसे अधिक से अधिक 29.50 रुपये/किलोग्राम की एमआरपी पर जनता को उपलब्ध कराएंगे।

इसके बाद, डीएफपीडी ने केंद्रीय भंडार/नेफेड/एनसीसीएफ को उनकी मांगों के अनुसार 2.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं आवंटित किया। 27 जनवरी, 2023 को केंद्रीय भंडार और नेफेड को 1 लाख मीट्रिक टन का आवंटन हुआ था और 50000 मीट्रिक टन एनसीसीएफ को आवंटित किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

LIVE OFFLINE
track image
Loading...