माता शीतला देवी मन्दिर पाली, राजस्थान भाग : ५२७,पण्डित ज्ञानेश्वर हँस “देव” की कलम से

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माता शीतला देवी मन्दिर, पाली, राजस्थान भाग : ५२७

आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा, भारत के धार्मिक स्थल : श्री साईं बाबा मन्दिर, अजमेर, राजस्थान। यदि आपसे उक्त लेख छूट अथवा रह गया हो तो आप कृप्या करके प्रजाटूडे की वेबसाइट पर जाकर www.prajatoday.com पर धर्मसाहित्य पृष्ठ पर जा जाकर पढ़ सकते हैं।

माता शीतला देवी मन्दिर, पाली, राजस्थान भाग : ५२७

चमत्कारों से भरा है मां शीतला का यह मंदिर, जानें क्यों नहीं भरता देवी का यह घडा। क्या आपने कभी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जिसमें मौजूद एक घड़े में जितना भी पानी डालो लेकिन वह भरता नही है। यह चमत्कारी मंदिर राजस्थान के पाली जिले में मौजूद है। माता शीतला के इस प्राचीन मंदिर में होने वाले चमत्कार को देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां पर पहुंचते हैं। शीतला माता के इस मंदिर में मौजूद इस घड़े के बारे में मान्यता है कि यह घड़ा पिछले 800 सालों से अभी तक भर नही पाया है।

साल में सिर्फ दो बार होते हैं घड़े के दर्शन :

इस चमत्कारी घड़े के दर्शन के लिए इसे साल में दो बार भक्तों के सामने लाया जाता है। यह घड़ा एक पत्थर से ढंका हुआ है। जिसे भी साल में सिर्फ दो बार शीतला सप्तमी और ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को ही हटाया जाता है। इन दो दिनों में माता के भक्त कलश भर-भर कर हजारों लीटर पानी इसमें डालते हैं। भक्तों का मानना है कि इस चमत्कारी घड़े में अब तक कई लाख लीटर पानी डाला जा चुका है, लेकिन घड़ा है कि भरने का नाम ही नहीं ले रहा है।

जानते है इस घड़े की विशेषता को:

शीतला माता के मंदिर में मौजूद इस घड़े की चौड़ाई महज आधा फुट है और लगभग इतना ही गहरा भी है। घड़े में पानी न भरने को कोई माता का चमत्कार बताता है तो कोई इस मान्यता पर विश्वास करता है कि इस घड़े के पानी को राक्षस पी जाता है।

मान्यता है कि इस स्थान पर तकरीबन 800 साल पहले बाबरा नामक का एक राक्षस था। जिससे आस-पास के तमाम गांव वाले आतंकित थे, क्योंकि जब कभी भी यहां रहने वाले किसी ब्राह्मण के घर में शादी होती तो राक्षस दूल्हे को मार देता। उस राक्षस से मुक्ति के लिए यहां के ग्रामीणों ने मां शीतला की पूजा साधना की। जिससे प्रसन्न होकर माता शीतला ने एक ब्राह्मण के स्वप्न में आकर कहा कि जब उसकी बेटी की शादी होगी, तब वह उस राक्षस का संहार करेंगी।

विवाह के समय यहां शीतला माता एक छोटी सी कन्या के रूप में मौजूद थीं:

उन्होंने अंतत: अपने घुटनों से राक्षस को दबोचकर मार दिया। अपने अंत समय में राक्षस ने मां शीतला से वरदान मांगा कि गर्मी में उसे प्यास बहुत ज्यादा लगती है, इसलिए केवल साल में दो बार माता के भक्तों हाथों से उसे पानी पिलाया जाए। जिस पर मां शीतला ने उसकी इस इच्छा को पूरा करने का वचन दिया। कहते हैं कि तभी से इस घड़े में साल में दो बार पानी भरने की परंपरा चली आ रही है।

यह घड़ा किस प्रकार माता की महिमा से भर जाता है।

इस मंदिर में माता के आशीर्वाद से एक और चमत्कार होता है। मंदिर का पुजारी जब माता के चरणों में दूध लगाकर भोग चढ़ाता है, तो यह घड़ा आश्चर्यजनक तरीके से पूरा भर जाता है। मंदिर में मौजूद चमत्कारी घड़े का रहस्य जानने के लिए कई वैज्ञानिक इस पर शोध कर चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें इसके पीछे का कारण नहीं मिल पाया है।

शीतला देवी माता आरती :

जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,
आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता। जय शीतला माता।

रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता,
ऋद्धि-सिद्धि चंवर ढुलावें, जगमग छवि छाता। जय शीतला माता।

विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता,
वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता। जय शीतला माता।

इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा,
सूरज ताल बजाते नारद मुनि गाता। जय शीतला माता।

घंटा शंख शहनाई बाजै मन भाता,
करै भक्त जन आरति लखि लखि हरहाता। जय शीतला माता।

ब्रह्म रूप वरदानी तुही तीन काल ज्ञाता,
भक्तन को सुख देनौ मातु पिता भ्राता। जय शीतला माता।

जो भी ध्यान लगावें प्रेम भक्ति लाता,
सकल मनोरथ पावे भवनिधि तर जाता। जय शीतला माता।

रोगन से जो पीड़ित कोई शरण तेरी आता,
कोढ़ी पावे निर्मल काया अन्ध नेत्र पाता। जय शीतला माता।

बांझ पुत्र को पावे दारिद कट जाता,
ताको भजै जो नाहीं सिर धुनि पछिताता। जय शीतला माता।

शीतल करती जननी, तू ही है जग त्राता,

उत्पत्ति व्याधि विनाशत तू सब की घाता। जय शीतला माता।

दास विचित्र कर जोड़े सुन मेरी माता,
भक्ति आपनी दीजे और न कुछ भाता। जय शीतला माता…।

पता :

माता शीतला देवी मन्दिर, पाली, राजस्थान, पिनकोड: भारत।

वायुमार्ग (फ्लाईट) से माता शीतला देवी मन्दिर, पाली कैसे पहुंचें –

आप फ्लाइट से भी जा सकते हैं शीतला माता मन्दिर, आपको पाली हवाई अड्डा उतरना होगा! उसके बाद आप कैब करके यहां से 11 मिनट्स में 4.2 किलोमीटर यात्रा करके पहुंच जाओगे माता शीतला देवी मन्दिर।

रेल मार्ग से माता शीतला देवी मन्दिर, पाली कैसे पहुंचें –

पाली मारवाड़, सरदार पटेल नगर रेलवे स्टेशन से शीतला माता मन्दिर 1.8 किलोमीटर दूर है। स्टेशन पहुंचकर आप कैब लेकर आराम से 5 मिनट्स में पहुंच जाओगे माता शीतला देवी मन्दिर।

सड़क मार्ग से माता शीतला देवी मन्दिर, पाली कैसे पहुंचें –

अंतर्देशीय बस स्थानक सराय काले ख़ान नई दिल्ली से वाया राजमार्ग 48 से, बस अथवा अपनी कार से यदि आते हैं तो 563.1 किलोमीटर की यात्रा करके 9 घण्टे 48 मिनट्स में पहुंच जाओगे माता शीतला देवी मन्दिर।

माता शीतला देवी की जय हो। जयघोष हो।।

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