@ नई दिल्ली :-
इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से जुड़े पत्रकारों का प्रमुख संगठन “Media Hub” लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में नई सोच और सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में Media Hub द्वारा राजधानी दिल्ली में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें पत्रकारिता जगत में हो रहे परिवर्तनों और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई।

इस गोष्ठी में देश के विभिन्न समाचार पत्रों के संपादक, इलेक्ट्रॉनिक चैनलों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार, मीडिया जगत के अनुभवी प्रतिनिधि और युवा पत्रकार बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य था — पत्रकारिता को समयानुकूल दिशा देना, समाज में उसकी भूमिका को और सशक्त बनाना, तथा पत्रकारों के हितों और समस्याओं को सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से रखना।
गोष्ठी की शुरुआत Media Hub के संरक्षक डॉ. रमेश कुमार पासी के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं — चाहे वह मीडिया की स्वतंत्रता का प्रश्न हो, पत्रकारों की सुरक्षा हो, या फिर आर्थिक और सामाजिक स्थिरता की बात। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज का आईना है, और पत्रकार वही व्यक्ति है जो सच्चाई को निर्भीकता से जनता तक पहुँचाता है। ऐसे में पत्रकारों के हितों की रक्षा और उनके मनोबल को बढ़ाना बेहद आवश्यक है।
डॉ. पासी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि Media Hub का उद्देश्य सिर्फ पत्रकारों को एक मंच प्रदान करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि पत्रकारिता की गरिमा और विश्वसनीयता बनी रहे। उन्होंने उपस्थित सभी पत्रकारों का आदर-सत्कार करते हुए उन्हें एक छोटी सी भेंट भेंट की और कहा कि यह सम्मान उनके अथक परिश्रम और समाज के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है।
गोष्ठी के दौरान पत्रकारों ने वर्तमान मीडिया की दिशा और दशा पर खुलकर अपने विचार रखे। कई वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता केवल खबरों का माध्यम नहीं रह गई है, बल्कि यह जनभावनाओं को दिशा देने का एक सशक्त साधन बन चुकी है। इस कारण पत्रकारों की जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

Media Hub के अध्यक्ष प्रांजल जैन ने अपने संबोधन में कहा कि संगठन की प्राथमिकता पत्रकारों की समस्याओं को पहचानना और उन्हें शासन-प्रशासन तक पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का वह वर्ग है जो हर कठिन परिस्थिति में भी जनता की आवाज़ बनता है, लेकिन अक्सर उनकी अपनी आवाज़ दब जाती है। अब Media Hub इस स्थिति को बदलने का प्रयास करेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि Media Hub एक ऐसे कार्यक्रम की योजना बना रहा है जिसमें भारत सरकार और दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि पत्रकारों की समस्याओं पर प्रत्यक्ष चर्चा की जा सके। इस कार्यक्रम में पत्रकारों की सुरक्षा, बीमा, मान्यता, पेंशन, और रोजगार स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर ठोस संवाद की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
Media Hub के महासचिव तरुण कुमार निमेष ने अपने वक्तव्य में कहा कि संगठन को जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे वे दिल से स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें सम्मान दिलाना और उनकी समस्याओं का समाधान करवाना ही संगठन का मुख्य उद्देश्य रहेगा। उन्होंने उपस्थित पत्रकारों से एकजुट रहने और संगठन को मज़बूत बनाने की अपील की।

उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले महीनों में Media Hub कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम (वर्कशॉप) और सेमिनार आयोजित करेगा, जिनमें युवा पत्रकारों को आधुनिक तकनीकों, डिजिटल पत्रकारिता और जनसंचार के नए उपकरणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उनका मानना है कि पत्रकारिता को समय के साथ बदलना होगा, तभी यह समाज में अपनी प्रभावशीलता बनाए रख सकेगी।
इस अवसर पर कई वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि आज का मीडिया दौर प्रतिस्पर्धा का है, जहाँ गति और सटीकता दोनों की आवश्यकता है। ऐसे में पत्रकारों को न केवल खबरें लानी हैं, बल्कि उन्हें सही परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत भी करना है। उन्होंने कहा कि “पत्रकारिता का मूल उद्देश्य सत्य को सामने लाना है, न कि केवल सनसनी फैलाना।”
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित पत्रकारों को धन्यवाद देते हुए Media Hub के पदाधिकारियों ने यह विश्वास जताया कि यह संगठन आने वाले समय में न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के पत्रकारों के लिए एक मजबूत मंच साबित होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के बीच संवाद और एकता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है, और Media Hub इस एकता को और मजबूत करेगा। मीटिंग में विशेष रूप से राजेश कुंद्रा, राजीव निशाना, हरीश रावत, गौरव जैन, राकेश नायक, ईश्वर सिंह राठौड़, रवि शंकर शर्मा, देवेंद्र सिंह राजपूत, प्रवीण सिंह, वीरेंद्र शर्मा, प्रवीण कुमार शर्मा, अनिल अरोड़ा, राजकुमार, सुषमा महेश्वरी, दीप्ति राय, दीपक नागपाल, प्रजा दत्त डबराल,अतुल कुमार, रितु शर्मा, विक्की कुमार, दीपक कुमार का सहयोग रहा।
गोष्ठी के समापन पर सभी पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए, ताकि पत्रकारिता को नई दिशा मिले और पत्रकारों को अपनी बात रखने का अवसर मिल सके।

