नारी शक्ति को सम्मान, सम्मानित हुयी गोवशं की रक्षक गोदाम्बरी देबी

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कमल उनियाल द्वारीखाल उत्तराखंड 

आपने जिंदगी में कुछ करने का सपना देखा हो, लेकिन वर्तमान स्थिति और गरीबी उस सपने पर हावी हो तो हर सामान्य व्यक्ति टूट जाता है। कुछ विभूति ऐसे होते हैं जिन्होंने समाज सेवा गोसेवा मानव सेवा में वर्तमान स्थिति को कभी हावी नहीं होने दिया। ऐसी ही वीरगंना महिला पौडी जनपद के विकास खंड द्वारीखाल की ग्राम बागों की निवासी गोसेवा समिति के संस्थापक गोदाम्बरी देबी को उत्तराखंड राज्य महिला आयोग द्वारा मरणोपरांत नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया।

दो दशक से बेजुवान जानवरो की दुर्दशा किसी से छिपी नही है। इन वेजुबानो की पीडा को समझ कर गोसेवा को समर्पित गोदाम्बरी देबी ने 1995 में विना संसाधन और गरीबी की स्थिति में अपने निवास पर सौ से ज्यादा असहाय बीमार जानवरो को शरण देकर लालन पालन किया। और अपने बेरोजगार पति के साथ गोवंश की

।रक्षा के प्रति इतनी समर्पित हो गयी थी कि एक बार चारागाह के जंगलो में पुरी तरह आग लग गयी थी। अपने रक्षित गोवंश को बचाने के लिये वह अपने निकट गाँव हतनुड के शिव मंदिर मे सौ गायो के साथ दो महीने तक अकेली रही।

बताते चले की गोदाम्बरी देबी का निधन गम्भीर बीमारी के कारण चार महीने पहले हो चुकी है। उनके पति सोहन लाल सेमवाल उत्तराखंड महिला आयोग द्वारा अंतरराष्ट्रिय दिवस पर नारी सम्मान से सम्मानित किये जाने पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कंडवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कुलपति दून विश्वविद्यालय सुरेखा डंगवाल का आभार जताया और कहा गोदाम्बरी देबी ने उनके साथ बिषम परिस्थितियो गरीबी झेलते हुए लावारीस गायो की सेवा मे अपना जीवन समर्पित किया है।

इस सम्मान से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। उन्होने शासन से उनकी यादे संजोये रखने के लिए स्मृति द्वार बनाने की मांग की। ग्रामीण पत्रकार कमल उनियाल सहित क्षेत्रवासियो ने गोदाम्बरी देबी को नारी शक्ति सम्मान मिलने पर खुशी व्यक्त किया।

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