NSD के प्रतिष्ठित भारत रंग महोत्सव 2025 में अंतरराष्ट्रीय रंगमंच का एक नया अध्याय शुरू हुआ

@ नई दिल्ली :

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के प्रतिष्ठित Bharat Rang Mahotsav 2025 2025 में आज अंतरराष्ट्रीय रंगमंच का एक नया अध्याय शुरू हुआ। महोत्सव के नौवें दिन रूस के एक प्रसिद्ध थिएटर समूह ने इस वर्ष का  पहला  विदेशी नाटक ‘द मैरिज ऑफ बाल्ज़ामिनोव’ का मंचन करके दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया।

यह प्रस्तुति महोत्सव के एक महत्वपूर्ण सप्ताह की शुरुआत है, जिसमें रंगमंच की विविधता और उत्कृष्टता का जश्न मनाया जाएगा। प्रतिदिन पाँच से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले नाटकों का मंचन दर्शकों को रंगमंच की दुनिया में ले जाएगा। छात्र-प्रेरित ‘अद्वितीय’, साहित्यिक उत्सव ‘श्रुति’, शैक्षणिक ‘सहायक कार्यक्रम’, और ‘एम्बियंस परफॉर्मेंस’ भी दर्शकों को रंगमंच के विभिन्न पहलुओं से जोड़ते रहेंगे। Bharat Rang Mahotsav 2025 वैश्विक रंगमंच की उत्कृष्टता को समर्पित है और दर्शकों को रंगमंच की शक्ति का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

श्रीराम सेंटर में संगम रंगमंडल ने भूमि का प्रभावशाली मंचन किया। आशीष पाठक द्वारा रचित यह नाटक अर्जुन और चित्रांगदा की कहानी को एक नए और ताजगी भरे नजरिए से प्रस्तुत करता है। नाटक में प्रेम, कर्तव्य और राजनीति के जटिल रिश्तों को बखूबी बुना गया है। अर्जुन और चित्रांगदा के जीवन में युद्ध, विरह और भाग्य की कठिन परीक्षाएं आती हैं, जिनके कारण उनके रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते हैं। आखिरकार, यह कहानी पिता और पुत्र के बीच एक नाटकीय संघर्ष में बदल जाती है। हालांकि, प्रेम की शक्ति युद्ध पर विजय प्राप्त करती है, जो मानव इतिहास के शाश्वत संघर्षों की याद दिलाती है। ‘भूमि’ का निर्देशन NSD की पूर्व छात्रा स्वाति दुबे ने किया है, जिन्होंने नाटक को बड़ी संवेदनशीलता और कुशलता से मंच पर प्रस्तुत किया है।

Bharat Rang Mahotsav 2025: वैश्विक थिएटर की साझा विरासत का अंतर्राष्ट्रीय उत्सव

रूसी रंगमंच का जलवा: GITIS ने कमानी में द मैरिज ऑफ बाल्ज़ामिनोवसे मंत्रमुग्ध किया

श्रीराम सेंटर में भूमिका मंचन: संगम रंगमंडल की प्रस्तुति

जिमुतहृदयम‘: चिदाकाश कलालय का एलटीजी  में भावपूर्ण मंचन

बहुमुख में ‘मत्तियाह 22:39′ का मंचन, अस्तित्व ग्रुप  की प्रस्तुति

NSD स्नातक छात्रों के डिप्लोमा प्रोडक्शन रोमियो, जूलियट और डार्कनेसका मंचन अभिमंच में हुआ।

अद्वितीय सत्र में गोपाल दत्त की और करो थिएटरका आज प्रदर्शन किया गया।

चिदाकाश कलालय ने लिटिल थिएटर ग्रुप ऑडिटोरियम में जिमुतहृदयम का मर्मस्पर्शी मंचन किया। श्रीहर्ष के ‘नागानंद’ पर आधारित यह नाटक, जिमूतवाहन की करुणा और त्याग की अमर गाथा को जीवंत करता है। दर्शकों ने देखा कि कैसे यह दयालु राजकुमार नागों और गरुड़ के बीच सदियों पुरानी शत्रुता को समाप्त करने के लिए खुद को बलिदान कर देता है। जिमूतवाहन का निःस्वार्थ बलिदान अंततः सुलह और शांति का मार्ग प्रशस्त करता है, और पौराणिक कथाओं में निहित गहरी नैतिक शिक्षा को उजागर करता है। सायक मित्रा और रुद्रपूत मुखोपाध्याय द्वारा रूपांतरित और पियाल भट्टाचार्य द्वारा निर्देशित ‘जिमुतहृदयम’ ने दर्शकों के हृदय को गहराई से छुआ।

‘मत्तियाह 22:39‘, जो भीषण सूखे की पृष्ठभूमि में रचा गया है, दो मित्रों मैट्टया और योहन्ना की कहानी को प्रस्तुत करता है, जहाँ संघर्ष और जीवित रहने की जद्दोजहद उनके रिश्ते की कठिन परीक्षा लेती है। नाटक प्रेम, हानि और विश्वासघात की गहरी परतों को उजागर करता है, यह दिखाते हुए कि कैसे संकट मानवीय स्वभाव को बदल देता है और सामुदायिक संबंधों को कमजोर कर देता है। एरिना सेटिंग और मिनिमलिस्ट मंच सज्जा में प्रस्तुत यह नाटक मानवीय संबंधों की नाजुकता पर गहरी सोच को प्रेरित करता है। इस नाटक को अरुण लाल ने लिखा और निर्देशित किया है। इसे अस्तित्व समूह द्वारा बहुमुख में मंचित किया गया।

दिल्ली में आयोजित Bharat Rang Mahotsav 2025 (भारंगम ) के इस संस्करण में पहली बार किसी अंतरराष्ट्रीय नाटक का मंचन हुआ, और वह भी रूस के प्रतिष्ठित थिएटर आर्ट्स संस्थान – GITIS के छात्रों द्वारा। कमानी सभागार में प्रस्तुत द मैरिज ऑफ बाल्ज़ामिनोव ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 1990 के दशक की पृष्ठभूमि पर आधारित यह नाटक, मिशेंका बाल्ज़ामिनोव की कहानी के माध्यम से खुशी की तलाश को खूबसूरती से दर्शाता है। संगीत और पुरानी यादों से सजा माहौल, नाटक के प्रभाव को और बढ़ा देता है। ऑस्त्रोव्स्की द्वारा लिखित और नीना चुसोवा द्वारा निर्देशित यह नाटक, एक पूरी पीढ़ी के सपनों और संघर्षों को उजागर करता है, और यह साबित करता है कि अनिश्चितता के बीच भी खुशी पाई जा सकती है।

NSD के 2024 बैच के स्नातक छात्रों ने अभिमंच में रोमियो जूलियट और डार्कनेस का शानदार प्रदर्शन किया। जन ओटचेनाशेक द्वारा लिखित और रजनीश कुमार द्वारा निर्देशित यह डिप्लोमा नाटक, द्वितीय विश्व युद्ध की भयावह पृष्ठभूमि में एक मार्मिक प्रेम कहानी बुनता है। नाटक में एक ईसाई लड़के की हिम्मत और मानवता को दर्शाया गया है, जो नाज़ी उत्पीड़न से एक यहूदी लड़की को बचाने के लिए उसे अपने घर में छिपा लेता है। प्रत्येक प्रदर्शन के बाद, दर्शकों को ‘मीट द डायरेक्टर’ सेगमेंट में निर्देशक रजनीश कुमार के साथ नाटक की निर्माण प्रक्रिया पर चर्चा करने का अवसर मिला, जिससे रंगमंच के प्रति उनकी समझ और गहरी हुई।

NSD  में ‘अद्वितीय’ के नौवें दिन, रंगमंच के अलावा सिनेमा का भी जश्न मनाया गया। NSD फिल्म क्लब अगले तीन दिनों तक FTII के स्नातक छात्रों द्वारा निर्मित फिल्मों की स्क्रीनिंग आयोजित कर रहा है। आज, समुद्र बैनर्जी द्वारा निर्देशित ‘स्थिति’ और प्राची बजानिया द्वारा निर्देशित ‘द स्पेल ऑफ पर्पल’ जैसी उत्कृष्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।इसके अलावा, छात्र संघ द्वारा आयोजित ‘और करो थिएटर’ नामक एक मनोरंजक वायरल कॉन्सर्ट ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस कॉन्सर्ट में हास्यपूर्ण विडंबना से भरे गाने प्रस्तुत किए गए। बैंड का नेतृत्व  टीवीएफ  के प्रसिद्ध कलाकार गोपाल दत्त ने किया, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी और 1999 में NSD  से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शाम का माहौल उत्साही और मधुर संगीत से सराबोर रहा, जिससे भारंग्म में एक अलग ही रौनक आ गई।

Bharat Rang Mahotsav 2025 में नुक्कड़  नाटकों ने भी अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई। स्वतंत्र समूह इरिताक़ा ने ‘तलाश-ए-इंसाफ’ के जरिए समाज में व्याप्त बलात्कार संस्कृति पर प्रहार किया। शिवाजी कॉलेज, दिल्ली के वयम समूह ने भारतीय रेलवे प्रणाली की खराब हालत पर व्यंग्यात्मक नाटक प्रस्तुत किया, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर गया। मिरांडा हाउस कॉलेज के अनुकृति समूह ने ‘सेहमत’ के माध्यम से सहमति के महत्व को उजागर किया।

ओपन स्टेज सेक्शन में सुफ़यान ख़ान और आरीय सिंगल ने अपने एकांकी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि लावण्या ने कविता पाठ से सभी को भाव विभोर कर दिया।

कल साहित्यिक खंड श्रुतिमें, आलोक शुक्ला द्वारा लिखित दो नाटकों से युक्त पुस्तक अजीब दास्तान एक और नाटक का विमोचन किया गया। इसके बाद, लेखक और पत्रकार व रंगमंच समीक्षक संगम पांडे के बीच एक चर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर चित्तरंजन त्रिपाठी, निदेशक, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

6 thoughts on “NSD के प्रतिष्ठित भारत रंग महोत्सव 2025 में अंतरराष्ट्रीय रंगमंच का एक नया अध्याय शुरू हुआ

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