@ सिद्धार्थ पाण्डेय गुवा/ जमशेदपुर झारखंड
न्यू बिरसानगर (प्रीफेब) कॉलोनी परिसर में समाजसेवी लक्ष्मी नारायण पात्रा के नेतृत्व मे पहली बार मानवाधिकार दिवस मनाया गया। सर्व प्रथम भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर उन महापुरुषों को याद किया गया, जिन्होंने हमें भारत का संविधान दिया, हमें मौलिक अधिकार दिया।
इस अवसर पर समाजसेवी लक्ष्मी नारायण पात्रा ने कहा कि आजादी के 26 बरसों के बाद 1976में 42 वीं संशोधन द्वारा संविधान में जोड़ा गया था मौलिक अधिकार जिसमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के खिलाफ अधिकार, धर्म का स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शैक्षिक का अधिकार, संवैधानिक उपचार का अधिकार शामिल है।
आज मानवाधिकार दिवस है कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य बच्चों को सही मार्ग बताना है, पहला कदम शिक्षा यदि हम परिवर्तन को स्वीकारें तो समझिए की समाज जागरूक है। हिम्मत और सुधार करने की नियत हो तो इंसान बहुत कुछ सीख सकता है।
मानवाधिकार दिवस के अवसर पर बच्चों के बीच समाजसेवी लक्ष्मी नारायण पात्रा ने पेंसिल, कंपास, रबर, पेंसिल कटर और टिफिन बॉक्स का वितरण किया। मौके पर साकेत दास, जीत पात्रा, एवं स्कूली बच्चों ने काफी संख्या में मौजूद थे।