ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने रानीबाग में देश का पहला पॉवर ग्रिड से जुड़ा यूटिलिटी स्केल स्टोरेज सिस्टम का उद्घाटन किया…

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संवाददाता : नई दिल्ली

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने पाॅवर ओवर लोडिंग की समस्या के समाधान के उद्देश्य से आज देश का पहला यूटिलिटी स्केल स्टोरेज सिस्टम का रानीबाग में उद्घाटन किया। इस दौरान सत्येंद्र जैन ने कहा कि अगर बैटरी सिस्टम की लागत चार गुना कम हो जाए, तो इसका उपयोग बड़े पैमाने पर हो सकेगा और पूरी आपूर्ति प्रणाली मजबूत होगी। दिल्ली में जब से केजरीवाल सरकार आई है, तब से 24 घंटे बिजली आती है और जेनरेटर की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर हम सभी प्रयास करें, तो जेनरेटर सिस्टम को बैटरी सिस्टम में तब्दील किया जा सकता है।

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में पाॅवर ओवर लोडिंग की समस्या के समाधान के लिए आज देश का पहला नव निर्मित आधुनिक यूटिलिटी स्केल स्टोरेज सिस्टम का रानीबाग में उद्घाटन किया। इस दौरान ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि रानी बाग के अंदर देश का यह पहला बैटरी स्टोरेज सिस्टम शुरू किया जा रहा है। यह बहुत ही साधारण सिस्टम है। यह 10 से 15 साल तक चल सकता है। हालांकि इसकी आयु 10-20 साल है, लेकिन हम 10 वर्ष ही मान कर चल रहे हैं। जब पीक लोड होता है, उस समय ट्रांसफॉर्मर ओवर लोड हो जाते हैं और ट्रांसफाॅर्मर के जलने से पाॅवर चली जाती है। यह साल में एक-डेढ़ महीने चलता है। जून या जुलाई के महीने में इसकी शुरूआत होती है। जब पीक समय होगा, तब बैटरी पाॅवर देगी और जब लो पावर की मांग होती, तब बैटरी चार्ज होती रहेगी। अगर चाहें तो इसको बाकी दिनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पहले जो बैटरियां निकल वाली आती थीं, वो बहुत प्रदूषण फैलाती थीं। अब यह लिथियम युक्त बैटरी है, जो कम से कम 10 साल तक चलेगी। अब इस बैटरी की कीमत भी काफी कम हो गई है। पहले यह बैटरी बहुत ज्यादा महंगी होती थी। अगर हम 4 घंटे का स्टोरेज मान कर चलें, तो 150 किलोवाॅट है और अगर एक घंटे की स्टोरेज मान कर चलें तो 600 किलोवाॅट है। इसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपए है। बैटरी लगाने वाली कंपनी से मैं कहना चाहूंगा कि इसकी कीमत को चार गुना कम कर दिया जाए, तो और ज्यादा लगा लेंगे। मेरा यह कहना है कि बैटरी स्टोरेज की कीमत जितना कम होगी, उतना ही अधिक लोग इसका इस्तेमाल कर पाएंगे। छह साल पहले मैंने कहा था कि सोलर पाॅवर की कीमत जब 5 रुपए से नीचे आएगी, तब हम खरीदेंगे। उस समय सोलर पाॅवर की कीमत 8 से 10 रुपए हुआ करती थी। वहीं आज सोलर पाॅवर 2 रुपए से 3 रुपए की हो गई है।

उन्होंने कहा कि अगर बैटरी सिस्टम की कीमत 3 गुना से 4 गुना तक कम हो जाए, तो इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा होगा और पूरा सप्लाई सिस्टम बहुत जबरदस्त हो जाएगा। पीक समय में आपको आधे से एक घंटे के लिए बहुत सारे पाॅवर स्टोर करके रखना होता है, जिसकी अब जरूरत नहीं होगी। यही सिस्टम हॉस्पिटल या क्रिटिकल जैसे स्थानों पर हम बैकअप के लिए जेनरेटर लगा कर करते हैं। दिल्ली में जेनरेटर चलते नहीं है, क्योंकि जब से केजरीवाल सरकार आई है, तब से दिल्ली में बिजली जाती ही नहीं है। फिर भी बैकअप के लिए जेनरेटर रखने पड़ते हैं। सभी जेनरेटर सिस्टम को इस बैटरी सिस्टम से तब्दील किया जा सकता है। मुझे लगता है कि हम चीजों को संयुक्त करके स्रोत को बढ़ा सकते हैं। मैं चाहूंगा कि इस तकनीक को ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ाया जाए।

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