@ रायपुर छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 का 2904 करोड़ 41 लाख 70 हजार 571 रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनि से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रथम अनुपूरक पर सदन में हुई चर्चा का सिलसिलेवार जवाब देते हुए राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन, उपलब्धियों और अनुपूरक बजट के प्रावधानों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए अनेक घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 के बाद राज्य सरकार द्वारा 14 हजार शिक्षकों की भर्ती की है, जिन्हें दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेली पर्व से गौ-मूत्र की खरीदी भी शुरू करने जा रहे है। इससे राज्य में जैविक खेती को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के उपचार के लिए 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट शीघ्र प्रारंभ की जाएगी, इसके लिए अनुपूरक में 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरूआत में कहा कि आज हमारे राष्ट्रीय झण्डा अंगीकार दिवस की 75वीं सालगिरह है। 22 जुलाई 1947 को भारत की संविधान सभा ने वर्तमान स्वरूप में जो तिरंगा है, उसे स्वीकार किया था। मैं आज तिरंगे के इस स्वरूप के जन्मदाता पिंगली वेंकैया जी का पावन स्मरण और सादर नमन करता हूं। यह तिरंगा झण्डा हर भारतीय की आन-बान और शान का प्रतीक बना है। भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह 15 अगस्त 2022 को होगी लेकिन वर्तमान स्वरूप में हमारे तिरंगे झण्डे को संविधान सभा द्वारा अंगीकार करने की 75वीं सालगिरह आज है। उन्होंने इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री बघेल ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य का वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए है, 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए के प्रथम अनुपूरक बजट के बाद इसका आकार बढ़कर 1 लाख 15 हजार 507 करोड़ 82 लाख रूपए हो गया है। प्रथम अनुपूरक बजट में 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें राजस्व व्यय 2 हजार 467 करोड़ 99 लाख रूपए तथा पूंजीगत व्यय 436 करोड़ 43 लाख रूपए है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।
बघेल ने कहा कि वित्तीय घाटा 6 हजार 812 करोड़ है, जो जीएसडीपी का मात्र 1.70 प्रतिशत है। इसमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण 04 हजार 965 करोड़ तथा केन्द्र द्वारा दिया गया पूंजीगत व्यय हेतु ऋण 423 करोड़ कम करने पर यह 01 हजार 424 करोड़ होगा, जो जीएसडीपी का मात्र 0.36 प्रतिशत होगा। आरबीआई के अनुसार छत्तीसगढ़ का विगत 5 वर्षों का औसत कमिटेड व्यय (वेतन, पेंशन एवं ब्याज भुगतान) सभी राज्यों में सबसे कम (राजस्व व्यय का 23 प्रतिशत) है। विगत 5 वर्षाे में औसत विकासात्मक व्यय सभी राज्यों में सर्वाधिक (73.4 प्रतिशत) है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2022 की स्थिति में कुल ऋण दायित्व 82,961 करोड़ है, जो जीएसडीपी (4 लाख 61 करोड़ ) के प्रतिशत के रूप में केवल 20.74 प्रतिशत है 15वें वित्त आयोग की अनुसंशा अनुसार यह अनुपात 25 प्रतिशत से कम होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का ऋण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में ओडिशा एवं गुजरात के बाद सभी राज्यों में सबसे कम है। भारत सरकार के लिए यह अनुपात 48 प्रतिशत है, जो छत्तीसगढ़ के दोगुने से भी अधिक है। वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 5.657 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों (79 हजार 688 करोड़) के प्रतिशत के रूप में 7.10 प्रतिशत है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार यह अनुपात 10 प्रतिशत से कम होना चाहिए।