@ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के मास्को में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत की। प्रवासी भारतीयों ने उनका स्नेह के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को धन्यवाद दिया और भारत-रूस संबंधों को बढ़ाने में उनके योगदान की सराहना की। 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से प्रवासी भारतीयों का अभिवादन करते हुए उन्होंने कहा कि उनके साथ बातचीत विशेष थी, क्योंकि यह उनके ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल में भारतीय प्रवासियों को उनका पहला संबोधन था।
प्रधानमंत्री ने पिछले दस वर्षों में भारत में हुए प्रत्यक्ष परिवर्तन के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि यह सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल में सरकार का उद्देश्य विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है। उन्होंने भारत की आर्थिक वृद्धि के बारे में बात की, जो वैश्विक विकास का महत्वपूर्ण प्रतिशत है; इसकी डिजिटल और फिनटेक सफलता; इसकी हरित विकास उपलब्धियां और इसके प्रभावशाली सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम, जो आम लोगों को सशक्त बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की परिवर्तनकारी सफलता 140 करोड़ भारतीयों के समर्पण, प्रतिबद्धता और योगदान के कारण हुई है, जिनमें से प्रत्येक भारतीय, देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का स्वप्न देखता है। उन्होंने कहा कि भारत, जलवायु परिवर्तन से निपटने से लेकर सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने तक-अपने प्रतिबद्ध प्रयासों के माध्यम से विश्वबंधु, दुनिया के मित्र के रूप में वैश्विक समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक मुद्दों को हल करने के लिए शांति, संवाद और कूटनीति के लिए भारत के आह्वान की बहुत अधिक सराहना हुई है।
प्रधानमंत्री ने रूस के साथ सुदृढ़ और गहन साझेदारी बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए भारतीय समुदाय को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि कज़ान और एकातेरिनबर्ग में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने का निर्णय लिया गया है, जिससे लोगों के बीच संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। प्रवासी भारतीयों ने इस घोषणा का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं को पोषित करने और रूस के लोगों के साथ इसकी जीवंतता को साझा करने के लिए प्रवासी भारतीय समुदाय के प्रयासों की सराहना की।