संवाददाता : ऋषिकेश उत्तराखंड
परमार्थ निकेतन द्वारा कुम्भ भूमि, पवित्र क्षेत्र पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी छावनी हरिद्वार के दिव्य प्रांगण में विशाल भण्डारा का आयोजन किया गया इस पावन अवसर पर 60 से अधिक महामण्डलेश्वर, आचार्यो, पूज्य संतों व महंतों, सैकड़ों साधु-संतों और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सहभाग किया, वास्तव में यह एक दिव्य और अनुपम दृश्य था।
आज के इस दिव्य अवसर पर राज्यपाल उत्तराखंड, माननीय बेबीरानी मौर्य ने भण्डारा में सहभाग कर पूज्य संतों, महंतों, महामण्डलेश्वर और आचार्यो का पूजन और श्रद्धापूर्वक अभिनन्दन किया।आज का विशाल भण्डारा महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द महाराज के पावन आशीर्वाद से तथा परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के दिशानिर्देशन में आयोजित किया, जिसमें आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी विशोकानन्द महाराज ने विशेष रूप से सहभाग किया। इस पावन अवसर पर पूज्य स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने पूज्य संतों का पूजन व दक्षिणा देकर अभिनन्दन किया। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के युवा एवं कर्मठ सचिव महंत रविन्द्र पुरी महाराज का विशेष सहयोग और योगदान रहा। जयराम आश्रम के प्रमुख ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी , साध्वी आभा सरस्वती और पूज्य संतों की दिव्य उपस्थिति रही।
इस अवसर पर कुम्भ मेला हरिद्वार से पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने जल व पर्यावरण संरक्षण तथा प्लास्टिक मुक्त कुम्भ का संदेश देेते हुये कहा कि ‘‘जल सुरक्षा ही वन सुरक्षा” है और यही वर्तमान समय का मूल मंत्र भी है। उन्होने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास के कारण ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि हो रही है। हाल ही में जारी वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन से इस सदी के मध्य तक स्वच्छ जल दुर्लभ हो जाएगा, अर्थव्यवस्थाएँ सिकुड़ जाएंगी और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएँ पश्चिमी देशों की अपेक्षा अधिक प्रभावित होंगी।
पूज्य स्वामी ने कहा कि हम सभी भारतीयों को जल का उपयोग अधिक कुशलता और किफायत के साथ करना होगा ताकिं जल की कमी का सामना न करना पड़े। हमें आज से ही अपने जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिये पहल करनी होगी क्योंकि हमारे विशाल आबादी वाले राष्ट्र के लिये जल की कमी एक समस्या न बन जाये।
पूज्य स्वामी ने कहा कि पर्वो, उत्सवों और अन्य सार्वजनिक आयोजनों के अवसर पर जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन हेतु जनसमुदाय को जागरूक करना बहुत जरूरी है नही तो वह दिन दूर नहीं जब जल की बर्बादी के लिये टैक्स अदा करना पड़े।
इस अवसर पर उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक और शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने श्रद्धापूर्वक संदेश के माध्यम से पूज्य संतों के चरणों में प्रणाम निवेदित किया। साध्वी आभा सरस्वती , ऋषिकुमार रामप्रसाद और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने पूज्य शंकराचार्य द्वारा रचित दिव्य वेद मंत्रों का गायन कर पूरे वातावरण को गूंजायमान रखा।
भण्डारा में विशेष सहयोग के लिये पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज फिनोलेक्स ग्रुप और मुकूल माधव फाउंडेशन के प्रकाश छाबड़िया, ऋतु छाबड़िया, बेटी सु गायत्री और हंशिका छाबड़िया को भण्डारे में विशेष सहयोग के लिये धन्यवाद देते हुये कहा कि छाबड़िया परिवार में ऐसा ही सेवा और भक्ति का भाव बढ़ता रहे। सभी के वन में राष्ट्र प्रेम की धारा बहती रहे तथा वन दिव्यता के पथ पर अग्रसर होता रहे।परमार्थ निकेतन के व्यवस्थापक राम अनन्त तिवारी , परमार्थ आश्रम हरिद्वार के व्यवस्थापक दिवाकर तिवारी , प्रकाश , सु नन्दिनी त्रिपाठी , परमार्थ निकेतन और वा की पूरी टीम ने अद्भुत सेवा प्रदान की।