@ द्वारका गुजरात :-
देवभूमि द्वारका जिले के आस्था के केंद्र भटहां चौक स्थित द्वारका गौशाला में प्राकृतिक कृषि करने वाले किसानों और गौशाला प्रबंधकों को संबोधित करते हुए प्राकृतिक कृषि के प्रबल समर्थक राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी ने कहा कि भारत भूमि ऋषियों और कृषि की भूमि रही है। वेदों और पुराणों सहित शास्त्रों में गाय को सभी पशु-पक्षियों में सर्वोच्च सम्मान दिया गया है।
गाय जीवन भर अपना दूध देकर सेवा करती है। राज्यपाल ने कहा कि गाय का दूध सर्वोत्तम होने का मुख्य कारण यह है कि हमारे मन में अपने बच्चों के प्रति जो प्रेम होता है, वह उसके दूध में दिखाई देता है। आज के आधुनिक युग में तकनीक के विकास के कारण हर क्षेत्र में क्रांति आ गई है।
परिणामस्वरूप हम गाय की उपयोगिता और उसके सर्वोत्तम गुणों से अपरिचित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वेद कहते हैं कि हे मनुष्य, यदि तुम अपने घर, समाज और राष्ट्र को श्रेष्ठ और बेहतर बनाना चाहते हो तो इसका एकमात्र उपाय गौ माता की रक्षा करना है। आज के भागदौड़ भरे समय में जब बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है, वैज्ञानिकों ने भी माना है कि गाय माता का दूध सभी बीमारियों से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है।
राज्यपाल ने कहा कि हम पृथ्वी को अपनी माता मानते हैं, हम इसे नष्ट कर रहे हैं। डीएपी, यूरिया जैसे रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से हमने रासायनिक खेती करके अपनी प्रकृति का संतुलन बिगाड़ दिया है। रासायनिक खेती एक धीमा जहर है। परिणामस्वरूप जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। रासायनिक खेती जलवायु को बिगाड़ने का काम कर रही है। यदि हमें इस दुष्चक्र से मुक्ति पानी है तो हमें प्राकृतिक खेती को अपनाने का पुण्य कार्य करना होगा। प्राकृतिक कृषि में उपयोग होने वाला गोमूत्र और गोबर भी गाय माता द्वारा ही प्रदान किया जाता है, जो गाय माता के दूध से भी अधिक मूल्यवान है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने “राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन” बनाकर प्राकृतिक कृषि अभियान को एक नई दिशा दी है, ताकि देश के बेटे रासायनिक कृषि को त्याग कर प्राकृतिक कृषि की ओर रुख करें, जिसके लिए राज्यपाल ने प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि देश के बेटे गाय माता की रक्षा, पालन-पोषण और संवर्धन करेंगे तो गाय माता उनकी आर्थिक उन्नति में योगदान दे सकती है और देश के बेटों को आत्मनिर्भर बना सकती है।
इस अवसर पर राज्यपाल को गणमान्यों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। संस्था के गिरीशभाई शाह ने संस्था का परिचय दिया और गुजरात में चल रही विभिन्न गौ सेवा गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। राज्यपाल ने दानदाताओं और गोपालकों को सम्मानित किया। संस्था के नेता रामजीभाई मजीठिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने गौशाला का दौरा किया और गौशाला के ट्रस्टियों और गोपालकों के साथ बैठक की और गौ पालन और गौशाला प्रबंधन के लिए मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर जिला कलेक्टर राजेश तन्ना, जिला विकास अधिकारी ए.बी. पंडोर सहित अधिकारी, गौशाला के ट्रस्टी और धरतीपुत्र मौजूद थे।
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